शिक्षा मंत्राी ने ‘मुख्यमंत्राी विद्यादान कोष‘ में 11 हजार रूपये नकद दिए

राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद् के अतिरिक्त आयुक्त ने की 7.5 लाख रूपये देने की घोषणा
ज्ञान संकल्प पोर्टल व मुख्यमंत्राी विद्यादान कोष का हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ

प्रो. वासुदेव देवनानी
प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 27 जुलाई। विद्यालयों के सुदृढरीकरण के लिए बनाए जा रहे ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल‘ और ‘विद्यादान कोष में सहयोग एवं जागरूकता के लिए गुरूवार को जयपुर स्थित शिक्षा संकुल में शिक्षा राज्यमंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की। उन्होने इस अवसर पर स्वयं की ओर से राशि रू. 11000 नकद ‘मुख्यमंत्राी विद्यादान कोष‘ के लिए रखी पेटिका में डाली तथा कहा कि राजस्थान शिक्षा में आगे बढे़, सभी इसमें मुक्त हस्त से सहयोग करे।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् के अतिरिक्त आयुक्त श्री जस्साराम चैधरी ने इस मौके पर वर्ष 2018 में होने वाले अपनी सेवानिवृति के दौरान मिलने वाले उपार्जित अवकाश के नकद भुगतान की 50 प्रतिशत राशि लगभग 7.5 लाख रूपये देने की घोषणा की। उन्हांेने कहा कि इस राशि का उपयोग प्रदेश में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के अंतर्गत किसी भी स्तर पर किया जा सकेगा।
श्री देवनानी इस अवसर पर राजस्थान के शैक्षिक विकास के लिए सभी को आगे आकर तन-मन और धन से सहयोग करने की अपील की। उन्होने कहा कि विद्या के लए दिया गया दान सबसे बड़ा दान होता है, इसलिए इस पुनीत कार्य में सभी की सहभागिता हो। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों और कार्मिकों से ‘विद्यादान कोष’ के लिए कम से कम अपना एक दिन का वेतन देने की अपील की।
इस मौके पर अथर्ववेद की पंक्तियां ‘सौ हाथों से एकत्रा करके शिक्षा और जनकल्याण के लिए हजार-हजार हाथों दान करें‘ का उद्घोष करते हुये उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजहंस उपाध्याय, काॅलेज शिक्षा आयुक्त श्री आशुतोष, राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद् के आयुक्त डाॅ. जोगाराम, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री नथमल, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्री पी.सी. किशन, माध्यमिक शिक्षा अभियान की राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती आनंदी सहित बड़ी संख्या में शिक्षा अधिकारियों ने ‘मुख्यमंत्राी विद्या दान कोष‘ में सहयोग का संकल्प लिया।

‘फेस्टिवल आॅफ एजूकेशन’ से संबंधित तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित
‘फेस्टिवल आॅफ एजूकेशन’ से राजस्थान ‘नाॅलेज हब’ के रूप उभकर सामने आएगा
अजमेर, 27 जुलाई। शिक्षा राज्य मंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि आगामी 5 एवं 6 अगस्त को राज्य में जेम्स ग्रुप के सहयोग से आयोजित होने जा रहे ‘फेस्टिवल आॅफ एजूकेशन’ से राजस्थान ‘नाॅलेज हब’ के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाएगा। उन्होंने ‘फेस्टिवल आॅफ एजूकेशन’ की तैयारियों के बारे में शिक्षा अधिकारियों से जानकारी लेते हुए निर्देश दिए हैं कि इसे सफलतम करने के लिए सभी परस्पर समन्वय रखते हुए कार्य करें।
शिक्षा राज्य मंत्राी ने जयपुर में आयोजन से संबंधित प्रभारी अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे की मंशा के अनुरूप सभी मिलकर यह प्रयास करें कि देश का शिक्षा क्षेत्रा का यह विशिष्ट आयोजन हो और दूसरे भी इससे प्रेरणा लें। उन्हेांने कहा कि देश-विदेश के नामचीन शिक्षाविद्, विषय विशेषज्ञ तथा विद्वान इसमें भाग लेंगे इसलिए यह प्रयास किया जाए कि राजस्थान में किए जा रहे शिक्षा के नवाचारों और आए सकारात्मक परिणामों से अधिकाधिक आगंतुक जान सके। उन्होंने फेस्टिवल में जिला प्रशासन से संबंधित की जाने वाली तैयारियाॅं, पुलिस प्रबंधन, विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति आदि के साथ ही विभिन्न स्तरों पर आयोजन में होने वाले शैक्षिक सत्रों के संबंध में की गई तैयारियों के बारे में एक-एक कर अधिकारियों से जानकारी तथा कहा कि सभी प्रबंध समयबद्ध और बेहतरीन होने चाहिए।
श्री देवनानी ने बताया कि दो दिवसीय ‘फेस्टिवल आॅफ एजूकेशन’ का शुभारंभ 5 अगस्त को जयपुर कन्वेंशन सेंटर, सीतापुरा (जेईसीसी) में प्रातः 10.30 बजे होगा। दो दिन के आयोजन में शिक्षा क्षेत्रा में हो रहे प्रयास, नवाचार, वैश्विक सरोकारों से जुड़े विभिन्न सत्रा आयोजित होंगे जिनमें वैश्विक स्तर पर शिक्षा क्षेत्रा में हो रहे परिवर्तन, शिक्षा से जुड़ी जो पुरानी परम्पराएं चली आ रही हैं, उनमें कैसे और किसी तरह से परिवर्तन लाया जा सकता है, सरकारी विद्यालयों को कैसे वैश्विक गुणवत्ता के स्तर तक लाया जा सकता है, शिक्षा के सार्वजनीनकरण, कम्प्यूटर शिक्षा, शिक्षा के साथ विद्यार्थियों में कौशल विकास आदि विषयों पर विषद् चर्चाएं होगी।
शिक्षा मंत्राी ने बताया कि विश्वभर से शिक्षा क्षेत्रा से जुड़े सुप्रसिद्ध व्यक्तित्व, देश के ख्यात-विख्यात शिक्षाविद्, विषय विशेषज्ञ और विभिन्न क्षेत्रों की नामचीन हस्तियां इसमें भाग लेंगी। विशेष रूप से आईआईएमए के शिव खेमका, आशीष नन्दा, रिचर्ड कोलिन्स, फिनलैण्ड, सिंगापुर, कोरिया आदि के राजदूत भी विभिन्न सत्रों में बदलते समय में शिक्षा क्षेत्रा की चुनौतियों और संभावनाओं पर संवाद करेंगें। उन्होंने बताया कि ‘फेस्टिवल आॅफ एजूकेशन’ के जरिए राजस्थान देश की शैक्षिक राजधानी के रूप में उभरकर सामने आएगा।
उन्होंने अधिकारियों को फेस्टिवल की तैयारियों के लिए किए जाने वाले कार्यों को त्वरित अंतिम रूप देने। जन प्रतिनिधियों, राज्य के कुलपतियों, शिक्षा से जुड़े विशेष विशेषज्ञों और गणमान्य जनों को विशेष रूप से आयोजन में आमंत्रित किए जाने के भी निर्देश दिए।
श्री देवनानी ने बताया कि ‘फेस्टिवल आॅफ एजूकेशन’ के दौरान राज्य के 10 उत्कृष्ट शिक्षकों का चयन कर उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोजन का उद्देश्य यही है कि राजस्थान के शैक्षिक नवाचार और किए गए विशेष कार्यों की वैश्विक स्तर पर गूंज हो।

अभिभावकों एवं छात्रों का हित सर्वोपरि – संभागीय आयुक्त श्री मीना
अजमेर, 27 जुलाई। संभागीय आयुक्त श्री हनुमान सहाय मीना ने गुरूवार को संभाग स्तरीय फीस निर्धारण समिति की बैठक में कहा कि अभिभावकों एवं विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि होना चाहिए। संस्थानों में कार्यरत शैक्षिणक एवं गैर शैक्षिणक कार्मिकों के हितो पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
श्री मीना ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में माता-पिता अध्यापक संगम (पीटीए) का गठन किया जाना आवश्यक है। इसमें विद्यालय के संस्था प्रधान को अध्यक्ष तथा एक वरिष्ठ अध्यापक को सचिव बनाया जाएगा। इसका गठन विद्यालय के सत्रा आरम्भ होने से एक माह के भीतर किया जाना आवश्यक है। संस्था प्रधानल द्वारा इसकी बैठक बुलाने से 15 दिन पूर्व अभिभावकों को नोटिस दिया जाना आवश्यक है। यह नोटिस प्रत्येक अभिभावक तक पहुंचना सुनिश्चित करना संस्था प्रधान का उत्तरदायित्व है। बैठक में कुल सदस्यों का 10 प्रतिशत उपस्थित होना आवश्यक है। बैठक का कार्यवृत विद्यालय के नोटिस बोर्ड वैबसाइट पर उपलब्ध करवाने के साथ ही संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को भी भिजवाया जाना चाहिए। इस पीटीए द्वारा विद्यालय स्तरीय फीस समिति एवं पाठ्येत्तर गतिविधियों के फीस के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी। पीटीए की साधारण बैठक प्रतिवर्ष 15 अगस्त से पूर्व करवाया जाना जरूरी है।
उन्होंने संभाग स्तरीय फीस निर्धारण समिति के सदस्य श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव प्रधानाचार्य माहेश्वरी पब्लिक स्कूल को निर्देशित किया कि राजस्थान विद्यालय फीस अधिनियम का पूर्ण अवलोकन करें। पीटीए तथा फीस निर्धारण समिति का गठन करना अधिनियम के अनुसार अनिवार्य है। इसकी पालना नहीं करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि समस्त विद्यालयों को विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन नियमानुसार करना चाहिए। समिति में रहने के इच्छुक अभिभावकों का लाॅटरी पद्धति से चयन किया जाएगा। इसकी अवधि एक शैक्षिणक वर्ष के लिए निर्धारित की गई है। एक बार सदस्य बनने के पश्चात अभिभावक तीन वर्ष तक समिति का सदस्य नहीं बन सकता है। फीस समिति की बैठक प्रति तीन मास किया जाना आवश्यक है। बैठक का कार्यवृत संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को भेजा जाएगा। आगामी शैक्षिणक वर्ष के आरम्भ से कम से कम 6 माह पूर्व प्रस्तावित फीस को फीस कमेटी द्वारा अनुमोदित करवाया जाना चाहिए। फीस के अलावा किसी भी प्रकार की रकम किसी भी नाम से नहीं ली जा सकेगी। विद्यालय स्तरीय फीस समिति के द्वारा निर्धारण नहीं होने पर फीस का निस्तारण ब्लाॅक स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। ब्लाॅक स्तरीय समिति के निर्णय से व्यथित व्यक्ति उच्च स्तर पर परिवेदना दे सकता है।
उन्होंने कहा कि ब्लाॅक स्तरीय समिति के द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को समस्त निजी विद्यालयों में प्रवेश, रिकाॅर्ड की जांच की तलाशी, जांच एवं अधिग्रहण के लिए शक्तियां प्रदान की गई है। राजस्थान विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम के उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध के लिए 50 हजार से 2 लाख 50 हजार अथवा अधिक फीस की रकम का दुगुने मे से जो भी अधिक हो का जुर्माना वसूला जाएगा। इसके पश्चात कम से कम एक लाख रूपए प्रति अपराध वसूलने का प्रावधान है।
बैठक में फीस निर्धारण के मापदण्डों पर चर्चा की गई। साथ ही समस्त विद्यालयों को 31 जुलाई तक पीटीए के गठन की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश प्रदान किए। निर्धारित समयावधि में गठन नहीं करने वाले संस्थानों को नोटिस जारी कर कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। संभाग के विभिन्न जिलों मे अधिकतम एवं न्यूनतम फीस लेने वाले विद्यालयों पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर प्रारम्भिक शिक्षा के उप निदेशक श्री जीवराज जाट, माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक श्री सीताराम गर्ग, कोषाधिकारी श्री मनोज कुमार शर्मा सहित जिलो के जिला शिक्षा अधिकारी एवं समिति के सदस्य उपस्थित थे।

चिकित्सा संस्थानों के आसपास तंबाकू सामग्री बेचना वर्जित
अजमेर, 27 जुलाई। चिकित्सा संस्थानों के आसपास तंबाकू सामग्री का उपयोग करना महंगा पड़ेगा तथा अस्पताल से 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना वर्जित है। यह बात चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला तम्बाकू नियत्रांण प्रकोष्ठ (आईडीएसपी सैल) की बैठक में कही गई।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक तथा एनटीसीपी एवं आईडीएसपी जयपुर के राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. एस.एन. धोलपुरिया ने कहा कि निदेशालय से जारी निर्देशो के अनुसार चिकित्सा संस्थान के आस-पास तम्बाकू उपयोग करना मंहगा पडेगा तथा अस्पताल से 100 गज के दायरे मे कोई तम्बाकू उत्पाद नही बिक सकेगें। उन्होने बताया कि जिले के सभी चिकित्सा संस्थानो के समीप अब तम्बाकू उत्पादो की बिक्री नही होगी। सभी चिकित्सा केन्द्रो को तम्बाकू मुक्त बनाने एवं उत्पादो के उपयोग पर प्रतिबन्ध हेतु प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं समस्त बीसीएमओ को इसके लिए निर्देश जारी किये जा चुके है। उन्हे 10 दिन का समय देकर क्षेत्रा मे संचालित चिकित्सा संस्थान, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं कार्यालय परिसर मे तम्बाकू के उपयोग पर पाबंन्दी रहेगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. के.के. सोनी ने कहा कि विद्यालयोे की तरह अब चिकित्सा संस्थान व उसके आस-पास का क्षेत्रा भी धुम्रपान वर्जित रहेगें। यदि कोई इस क्षेत्रा में धुम्रपान करता पाया गया तो उससे 200 रू तक का जुर्माना वसूला जायेगा। कोटपा कानून के मुताबित अब अस्पताल के 100 गज के दायरे मे किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी। इसकी सूचना सभी चिकित्सा संस्थानो पूर्व मे दे दी गई है तथा उल्लघंन पर निगरानी रखने के लिए एक निगरानी समिति का गठन प्रत्येक चिकित्सा संस्थान पर किया जायेगा। निगरानी समिति के द्वारा प्रत्येक माह इस संबध मे की गई प्रगति रिपोर्ट संस्था प्रभारी एवं ब्लाॅक चिकित्सा अधिकारी को प्रेषित की जायेगी।
बैठक में आईडीएसपी रिपोर्टिग पर ब्लाॅक स्तर पर भी विशेष ध्यान दिये जाने हेतु पाबंद किया। आईडीएसपी रिपोर्टिंग की बीसीएमओ द्वारा व्यक्तिगत मोनिटरिंग किये जाने हेतु निर्देशित किया। पायलेट प्रोजेक्ट हेतु अजमेर का चयन किये जाने पर डाॅ जयंति सिंह ने आईडीएसपी के नये एस,पी,एल फाॅर्म के बारे मे सभी बीसीएमओ को विस्तृत जानकारी दी और इस हेतु बीसीएमओ से सुझाव मांगे।
इस अवसर पर डाॅ. लाल थदानी उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, ईएसआई अधिकारी,नई दिल्ली डाॅ. जयंति सिंह, स्टेट एपिडिमियोलोजिस्ट डाॅ दीपा मीणा, स्टेट माइक्रोबायलोजिस्ट डाॅ. रूचि सिंह, आईडीएसपी, एनटीसीपी शाखा कार्मिक तथा सभी ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं बीपीएम मौजुद थे।

बांग्लादेश के दूतावास मंत्राी का यात्रा कार्यक्रम
अजमेर 27 जुलाई । बांग्लादेश के दूतावास मंत्राी श्री मौसरफ होसैन 29 जुलाई को सुभाषनगर स्थित बाल संप्रेषण गृह पूरानी नारीशाला का अवलोकन करेंगे।

अजमेर जिले में वर्षा
अजमेर 27 जुलाई । जल संसाधन विभाग के अनुसार एक जून से अब तक अजमेर में 259, श्रीनगर 183, गेगल में 161, पुष्कर में 190, गोविन्दगढ़ में 142, बूढ़ा पुष्कर में 142, नसीराबाद में 338, पीसांगन में 206, मांगलियावास में 213, किशनगढ़ में 237, बांदरसिदरी में 197.5, रूपनगढ़ में 347, अराई मंे 373, ब्यावर में 497 एम.एम. वर्षा रिकाॅर्ड की गई है।
इसी प्रकार जवाजा में 242, टाॅटगढ़ में 442, सरवाड़ में 200, केकड़ी में 304, सावर में 171, भिनाय में 221, मसूदा में 310, बिजयनगर में 386, नारायणसागर में 269 एम.एम. वर्षा दर्ज की गई। जिले में अब तक 267.90 एम. एम. औसत वर्षा रिकार्ड की गई है।

बांधो में पानी की स्थिति
अजमेर 27 जुलाई। जल संसाधन विभाग के अनुसार अजमेर के आनासागर में 13, फाॅयसागर में 9.3, रामसर में 2.3, शिविसागर न्यारा 6, पुष्कर में 6.6, राजियावास में 1.8, मकरेड़ा मे 8.5, अजगरा में 1.3, ताज सरोवर अरनिया में 4.2, पारा में 2.9, नारायण सागर खारी में 1.1, मान सागर जोताया में 2.7 तथा देह सागर बडली में 4.6 फीट पानी है।
इसी तरह भीम सागर तिहारी में 4.2, खानपुरा तालाब 3.6, चैरसियावास में 1.6, लाकोलाव टैंक हनौतिया में 3, पुराना तालाब बलाड़ मे 3.3, जवाजा तालाब में 1.10, देलवाड़ा तालाब मे 3.11, छोटा तालाब चाट में 4, बूढ़ा पुष्कर में 5.2, कोड़िया सागर अरांई में 3.9, जवाहर सागर सिरोंज में 3.4, सुरखेली सागर अरांई में 3.6, बिजयसागर लाम्बा में 4, विजयसागर फतेहगढ़ 2, बांके सागर सरवाड़ में 6.6 फीट पानी है।

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