प्रभात फेरी पहुँची मीराबाई के द्वार

DSCN5163अजमेर। 28 अगस्त 2017। प्रेम दीवानी मीराबाई की भक्ति-भावना, प्रेम-पथ-पथिको के लिये एक महान आदर्ष है। जीवन अराध्य के श्री चरणों पर उनका सवार्पण साधना-परायण जन के लिये प्रेरणा का अविरल स्त्रोत है। श्री मीराबाई का जीवन प्रवाह ’’हे री मैं तो दरद दीवानी मेरो दरद न जाणे कोय’’ गाने वाली और आसुओं से नहाकर आह भरने वाली मीराबाई की अलबेली दीवानगी ने न जाने कितनों के जीवन को दिषा दी है। मीरा बाई के ऐसे अलबेले व्यक्तित्व को श्रद्धा सुमन अर्पित करने राष्ट्र संत, बाल संत गोवत्स श्री राधा कृष्णा जी महाराज की सद्प्रेरणा एवं सन्यास आश्रम के अधिष्ठता स्वामी षिवज्योतिषानंद जी महाराज के पावन सानिध्य में गत छः वर्षों से सन्यास आश्रम महावीर सर्कील से नियमीत चल रही प्रभात फेरी भक्त षिरोमणी मीराबाई की जन्म भूमी मेड़ता पहुँची। भक्ति और प्रेम की इस भूमी पर मेड़ता के स्थानीय नागरीकों ने प्रभात फेरी का पुष्पवर्षा से भव्य स्वागत किया। उमेष गर्ग ने बताया कि प्रभात फेरी परिवार द्वारा आश्रम के वेदपाठी बटुक आचार्य एवं सैकड़ों रसिक भक्तजनों के साथ मेड़ता की गलियों में सकीर्तन यात्रा निकाली जिसका जगह-जगह स्वागत किया गया। फेरी के साथ सभी रसिक भक्तजन मीरा संग्रहालय होते हुये चारभुजा मन्दिर पहुँचे जहाँ झरनेष्वर महादेव सेवा समीति के श्री सुभाष सोनी, रामरतन छापरवाल, लक्ष्मी नारायण, मन्दिर हाथी भाटा की श्रीमती सीता देवी, किरण वर्मा और प्रभात फेरी के आलोक माहेष्वरी एवं आकाष ने अपने भावपूर्ण भजनों से उपस्थित जन समुदाय को सरोबार किया। सभी रसिक श्रदालुओं द्वारा चारभुजा मन्दिर मीरा संग्रहालय एवं मीरा महल के दर्षन किये। आज प्रभात में श्री लक्ष्मीनारायण हटुका, रामरतन छापरवाल, उमेष गर्ग, अषोक अग्रवाल, कैलाष जोषी, अमरसिंह, षान्तिलाल अग्रवाल, किषन चंद बंसल, अषोक टाक, बेणी गनेडीवाल, सत्यनारायण पालडीवाल, पुष्पेन्द्र गुप्ता, कवल प्रकाष, पवन फतेहपुरीया, आश्रम के वेदपाठी बालको सहित अनेक श्रदालु उपस्थित थे।

(उमेष गर्ग)

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