धार्मिक सौहार्द के साथ ‘षुभदा’ में निषक्त की शक्ति पूजा

66545446-8763-441A-A4D5-88709861D15FL0001शुभदा स्पेशल वर्ल्ड बी.के कौल नगर में नवरात्रो में छठ के अवसर पर ‘‘निशक्त की शक्ति पूजा’’ की गई। जिसमें माता के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना की गई।
सर्वधर्म सद्भाव एवं सामाजिक सौहार्द की भावना स्वरूप सभी धर्माें के समागम एवं प्रतिनिधित्व को सम्मिलित करते हुए नौ विशेष बालिकाओं को आसन पर बैठाकर ‘‘विशेष की शक्ति’’ माने जाने वाली इन विशेष बालिकाओं (कन्याओं) की नौ देवी के रूप में पूजा की गई व चुनरी एवं माला पहना कर आशीर्वाद लिया एवं भेट भी दी गई। इस अवसर पर निशक्त की शक्ति की पूजा में सभी धर्माें के लोग उपस्थित थे इनमे रश्मि शर्मा, सबा खान, माधवी स्टीफन एवं नीति महेन्द्र कौर की विशेष उपस्थिति में निशक्त बालिकाओं (कन्याओं) की माता के रूप में पूजा अर्चना के बाद माता की सामूहिक आरती की गई, जिसमें विशेष बच्चों ने मेहमानों के साथ माता जी की आरती उतारी।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज नवरात्रा के छठवें दिन नौ विशेष बालिकाओं को आसन पर बैठाकर संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपूर्व सेन एवं संस्था संस्थापिका साधना सेन ने विशेष बालिकाओं (कन्याओं) को विशिष्ट आसन पर बैठाकर बडे भक्तिभाव से पांव धुलवाकर, चुनरी ओढाकर गन्ध एवं अक्षत आदि इनकी पूजा कर एवं भेंट देकर आशीर्वाद लिया।
विशिष्ठ मेहमानों में उद्योगपति हेमन्त भाटी, अल्का भाटी, अजमेर क्लब के उपाध्यक्ष हेमन्त शारदा, किरण शारदा नार्थ रेल्वे वूमन्स एसोसिएशन की अध्यक्षा माधुरी चावला व सदस्यगण, अजयमेरू लेडिज क्लब की दिशा किशनानी, रश्मि, नन्दिका एवं सदस्यगण इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेे।
इस अवसर पर विशेष बालिकाओं (कन्याओं) को भोजन करवाया गया व भोजनरूपी माता का प्रसाद सभी विशेष बच्चों, व अतिथियों ने भी ग्रहण किया।
इस कार्यक्रम में संस्था परिवार के हितेश झांकल, सुप्रभा सेन, रानी माथुर,मीनू माथुर, शंकरलाल, विरेन्द्र यादव, आशीष वर्मा, महावीर वैष्णव ने सहयोग किया।
नवरात्रा के अवसर पर शक्तिपूजा का विषेष महत्व है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए कार्य करते हुए ‘शुभदा’ की टीम को शक्ति तत्व का रहस्य उन्हीं बच्चों में नजर आया, जिनके लिए वे कार्य करते है। इसी के साथ यहां शक्तिपूजा के रूप में विशेष बच्चों की पूजा की परम्परा पड़ी है। इसी के तहत प्रत्येक नवरात्र पर विशेष शक्ति पूजा का आयोजन होता है।
प्रारंभिक काल में यह आयोजन केवल विशेष बच्चों, उनके शिक्षकों और संस्था के कार्यकर्त्ताओं तक ही सीमित था। बाद में जानकारी मिलने पर अन्य लोग भी इस आयोजन में जुड़ने लगे। निःशक्त के रूप में शक्ति की उपासना के संदर्भ में यह भावना है कि नवरात्र में देवी का स्वरूप नितांत अबोध होता है। इसे ‘नग्रिका’ स्वरूप कहा गया है, अर्थात विमंदित शिशु की तरह वह स्वरूप, जिसमें स्त्री पुरूष भेद न जानने के कारण अपने अंगों को ढकने का बोध नहीं होता। देवी का यह भाव दुर्गा शक्ति रूप में पूजने योग्य है। इस अवसर पर सर्वत्र होने वाले कन्या पूजन की तरह यहां केवल बालिकाओं का ही नहीं, बालकों का पूजन भी उसी विधान से होता है। पूजा अर्चना के बाद सभी उपस्थित लोग निःशक्तों द्वारा शक्ति व सिद्धि के रूप में की जाने वाली पुष्प व अक्षत वर्षा से सराबोर होते हैं।

अपूर्व सेन
(मुख्य कार्यकारी अधिकारी)
9460789744

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