अजमेर। जिलेभर के मुसलमानों ने शनिचर को हजरत इब्राहिम अलेहिस्सलाम की सुन्नत, सुन्नतें इब्राहिमी अदा कर ईदुलजुहा का त्यौहार इन्तहाई मजहबी अकीदत और जोश के साथ मनाया। इस मौके पर शहर के मुसलमानों ने ईदगाह समेत शहर की मुखतलिफ मसाजिद में ईद की नमाज अदा की।
ईद की नमाज के लिए मुसलमानों का जोश और जज्बा देखते ही बनता था। सबसे पहले ईद की नमाज दरगाह शरीफ की तारीखी शाहजहानी मस्जिद में अदा की गई। यहां पर नमाज कारी जान मोहम्मद साहब ने अदा कराई। नमाजियों की भारी तादाद से शाहजहानी मस्जिद नमाज से काफी वक्त पहले ही पूरी भर चुकी थी। नमाजियों की ये सफें निजाम गेट से आगे बढ़कर दरगाह बाजार में मोती कटले के आगे तक चली गई। नमाजियों की सफें नला बाजार में भी देखी गई। शाहजहानी मस्जिद के बाद संदलखाना मस्जिद में भी नमाजे ईदुज्जोहा अदा की गई।
नमाजियों की सबसे बड़ी तादाद केसरगंज में मुकीम ईदगाह में नजर आई। यहां पर हज़ारों की तादाद में मुसलमानों ने नमाज अदा की। नमाज शहर काजी व शाही ईमाम मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी साहब ने अदा कराई। बाद नमाज खुतबा पढा गया और मुल्क में अमनो अमान की दुआएं की गई। इस मौके पर सभी ने एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबाकरबाद पेश की। ईदगाह के बाहर हिंदुस्तान की गंगा जमनी तहजीब एक मर्तबा फिर साकार हुई। नमाज अदा करने आए मुसलमानों को मुबारकबाद देने के लिए हिंदू भाई और दिगर मजाहिब के लोगों का हुजूम था। नमाज करके लौटते जायरीन को मुबारकबाद देने के लिए सियासी तन्जीमें भी पेश पेश रहीं। कांग्रेसी खेमे की जानिब से शहर कांग्रेस सदर महेंद्र सिंह रलावता, मेयर कमल बाकोलिया, शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, साबिक एमएलए डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के अलावा कई कांग्रेसी लीडरान और कारकून ईदगाह के बाहर मौजूद थे।
भारतीय जनता पार्टी के खेमे में बीजेपी लीडरान एमएलए अनिता भदेल, डिप्टी मेयर अजीत सिंह, सुरेन्द्र सिंह शेखावत, काउंसलर भारती श्रीवास्तव, युवा मोर्चा के सदर एडवोकेट देवेंद्र सिंह शेखावत, जिला प्रचार मंत्री कंवल प्रकाश किशनानी समेत कई कारकून और लीडरान मौजूद थे।
सबसे आखिर में ईद की नमाज घंटाघर की मस्जिद में अदा की गई।
ईद की नमाज के बाद बड़ी तादाद में मुसलमानों ने अपने घरों पर अल्लाह की राह में बड़े प्यार और खुशी के साथ बकरों की कुर्बानियां दी। दरगाह इलाके में खादिम सैयद गनी गुर्देजी के यहां उनके बकरे चिकू की कुर्बानी की गई।
दस्तूर के मुताबिक ईदुज्जुहा के मौके पर मशहूर सूफी दरवेश हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जन्नती दरवाजा भी खोला। अल फज्र खोले गए जन्नती दरवाजे से गुजरने के लिए जायरीन और अकीदतमंदों का सैलाब उमड़ पड़ा। दरगाह में तिल धरने तक की भी जगह न थी। हर शख्स की जुस्तजू जन्नती दरवाजे से गुजर कर गरीब नवाज के आस्ताने पर जाने की थी। जन्नती दरवाजा जौहर की नमाज के बाद खिदमत के वक्त बंद कर दिया गया।
इस मौके पर दरगाह शरीफ में कव्वालियों की सदाएं भी गूंजी। दरगाह में मौजूद शाही चौकी के कव्वाल असरार हुसैन और उनके हमनवाओं ने गरीब नवाज की शान में मनकबद और सूफियाना कलाम पेश कर समां बांधा।
पूरी दुनिया मे सिर्फ ” हिंदुस्तान ” ही एक ऐसा देश है जहा हर मजहब के लोगो को अपने त्यौहार अपनी तरह से मनाने क़ी पूरी आज़ादी है …
दुनिया के दुसरे देशो को “भारत ” से सीख लेनी चाहिए
बहुत गर्व महसूस होता है ऐसी पावन भूमि पर हमने जनम लिया है