वर्चुअल क्लासरूम और स्मार्ट तकनीक से आगे बढ़ेगी राजस्थान की शिक्षा

रीजनल कॉलेज में शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा ई-कंटेंट निर्माण व उपयोग पर प्रशिक्षण
35 लाख अभिभावकों ने किया सरकारी स्कूलों पर भरोसा
अब डिजीटल ट्रेनिंग की ओर शिक्षा विभाग, नई रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा

regional collegeअजमेर, 29 अक्टूबर। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान की शिक्षा पूरे देश में रोल मॉडल बनती जा रही है। नई तकनीक और ई-कंटेंट आज समय की आवश्यकता है। शिक्षा विभाग शीघ्र ही नई तकनीक, वर्चुअल क्लासरूम और स्मार्ट क्लास को बढ़ावा देगा। राजस्थान की शिक्षा के यही नवाचार उसे देश में अग्रणी बना रहे है। पिछले एक साल में प्रदेश के 35 लाख अभिभावकों ने पेरेन्ट-टीचर मीटिंग के माध्यम से सरकारी स्कूलों पर भरोसा किया है। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने आज पुष्कर रोड स्थित क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान में शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से ई-कंटेंट निर्माण और उपयोग के लिए आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की शिक्षा नई तकनीकों को बढ़ावा दे रही है। शाला दर्शन, शाला दर्पण, डीएलएसआर, आईसीटी लैब सहित कई ऎसे नवाचार हैं। जिनसे तकनीक के सहारे राजस्थान की शिक्षा ने नये सोपान तय किए हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षक एवं शिक्षा विभाग ई-लर्निंग एवं आईसीटीसी का शिक्षा एवं शिक्षण का अधिकाधिक उपयोग करें। ताकि हम ज्यादा से ज्यादा तकनीक का उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा आज फोर टी के दौर से गुजर रही है। यह फोर टी हैं, ट्रासंफोर्मेशन, टीमवर्क, ट्रांसपेरेंसी एवं टैक्नॉलोजी। यह चार टी ही हमें देश की शिक्षा में अव्वल बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अभिभावकों में भी सरकारी स्कूलों के प्रति सोच बदली है। पिछले एक साल में 35 लाख अभिभावकों ने पेरेंट-टीचर मीटिंग और शिक्षक-अभिभावक समितियों के माध्यम से सरकारी स्कूलों की अच्छाइयों के बारे में नजदीक से जाना और समझा है। हमारे शिक्षक उच्च योग्यताधारी और अनुभवी हैं। ऎसे शिक्षकों के सहयोग से ही हम निरंतर प्रगति कर रहे हैं। प्रदेश का विद्यार्थी हर विषय में देश में शानदार परिणाम हासिल कर रहा है।
श्री देवनानी ने शिक्षक प्रशिक्षण में तकनीक और डिजीटलीकरण के समावेश को समय की मांग बताते हुए कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण में डिजीटल और आधुनिकतम पद्धतियों के समावेश को बढ़ावा दिया जाएगा। आने वाले दिनों में शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से होने वाली ट्रेनिंग में स्मार्ट क्लास में पढ़ाने का प्रशिक्षण भी शामिल किया जाएगा। साथ ही शिक्षण-प्रशिक्षण मेें नई रिसर्च को भी शामिल किया जाएगा।
इस अवसर पर रीजनल कॉलेज के प्राचार्य श्री जे.पी. बागची, निदेशक श्री कृपाल सिंह तोमर, श्री रविन्द्र शर्मा सहित विभिन्न स्थानों से आए शिक्षाविद् उपस्थित थे।

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