अजमेर 9 नवम्बर। शहर कांग्रेस का आरोप है कि संभाग के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरु अस्पताल के अलावा अजमेर शहर सहित जिलेभर में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है जनता परेषान है सरकार सो रही है। अजमेर जिले की डिस्पेंसरीज, बड़े छोटे सरकारी अस्पताल बंद है जिससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सरकार की नाकामी का जीता जागता प्रमाण है कि जिले भर की चिकित्सा व्यवस्था के जिम्मेदार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भी इस आंदोलन में शामिल हैं।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने ब्यान जारी कर सरकार पर चिकित्सा व्यवस्था बिगड़ जाने के बावजूद नाकारा रवैया इख्यिार करने का आरोप लगाया उन्होने कहा कि विधानसभा में अपनी इच्छा के बिल पास करवाना हो या विधायकों मंत्रियों के वेतन भत्ते बड़ाने का सवाल हो सरकार तिव्ररत कार्यवाही करके इनको पास करवा लेती पर सेवारत डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफों के बाद से ही चरमरा चुकी चिकित्सा व्यवस्था से जहां जनता परेषान है और मुख्यमंत्री, स्वस्थ्य मंत्री को डाक्टरों से बातचीत कर मसले का हल निकालने की फुर्सत नही है। उन्होने कहा कि सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और डिस्पेंसरियों पर आयुष चिकित्सकों के भरोसे मरीजों को छोड़ दिया गया है। कांग्रेस का आरोप है कि कोढ़ में खाज का काम रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले जाने से हो गया है।
जैन ने कहा कि कांग्रेस ने चिकित्सकों के आंदोलन से पहले ही सरकार और प्रषासन को चिकित्सकों के सामुहिक इस्तीफों के बाद अजमेर में बिगड़ने वाले हालातों से चिकित्सा विभाग और जिला प्रषासन होषियार कर दिया था इसके बावजूद कोई ठोस वैकलपिक व्यवस्था नहीं की गई है। अब हालात यह हैं कि मुख्यालय से लेकर से लेकर गांव-ढाणियों तक चिकित्सा सेवाओं के पूरी तरह चरमरा गई है। कांग्रेस ने सरकार से चिकित्सा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होने कहा कि जिले के 450 सेवारत चिकित्सकों के इस्तीफे देने के बाद सीनीयर रेजिडेन्ट भी हड़ताल पर है हालात डिस्पेंसरीयां बंद होने के कारण सारा भार संभाग के सबसे बडे अस्पताल जेएलएन आ गया है और व्यवस्थाऐं चरमरा कर मरीजों की परेषनी का सबब बन गई है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार स्वास्थ्य विभाग के हालातों को सुधारने के लिए लाख दावे कर रही है लेकिन सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के इस्तीफों के बाद हालात बद से बदतर हो गऐ हैे।
कांग्रेस प्रवक्ता भारती ने कहा कि जनाना असपताल में हालात बे काबू हो चुके है सामान्य दिनों में जनाना अस्पताल में सौ से अधिक डिलीवरी के मरीज आते है जो केवल अजमेर जिले के होते है लैकिन चिकित्सा सेवा ठप्प होने के बाद संभाग स्तर के डिलीवरी केस अजमेर आ रहे है इस कारण जनाना के हालात बेकाू हो चुके है। मरीज अस्पताल तक पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों के न होने की वजह से सबको घर लौटना पड़ा। जेएलएन अस्पताल में वार्ड खाली हो गए क्योंकि डॉक्टरों के सर्मथन में सीनीयर रेजिडेन्ट की छुट्टी पर जाने से कोई इलाज करने वाला नहीं है। न केवल मरीजों को वापिस लौटना पड़ा, साथ ही किसी भी अस्पताल में शेड्यूल्ड ऑपरेशन भी नहीं हो पा रहे है।
अन्य कांग्रेसी नेताओं में पूर्व विधायक डा. गोपाल बाहेती, डा. राजकुमार जयपाल, ललित भाटी, प्रदेश कांग्रेस सचिव महेन्द्र रलावता, कमल बाकोलिया, हेमंत भाटी ने कहा कि सरकार द्वारा चिकित्सकों से बात नहीं करने से हालात बिगड़ रहे है यह मांगें पिछले लंबे समय से चली आ रही हैं लेकिन सरकार के नकारात्मक रवैये के चलते किसी तरह की सुनवाई नहीं होने कारण हालात इतने बिगड़ है। इस कारण सेवारत चिकित्सकों को अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। उनका ये भी कहना है कि हड़ताल से मरीजों को परेशानी हो रही है लेकिन सरकार को डॉक्टर की मांग को ध्यान रखते हुए उचित कदम उठाना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने अस्पताल के बिगड़े हालात सुधारने के लिये व्यापक रूप योजना बनानी चाहिये मरीजों की बढ़ती तदाद के मद्देनजर आउटडोर की संख्या बढ़नी चाहिये प्रत्येक दिन दो युनिटों को एक साथ आउटडोर में सीनीयर डाक्टरों की उपस्थिती सुनिष्चित करने के अलावा दवा पर्ची और दवा काउन्टरों की संख्या में भी इजाफा करने से ही बिगड़ी व्यवस्था सुधारी जा सकेगी।