मित्तल हाॅस्पिटल में हुआ 5 साल के मासूम के दिल का उपचार

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में मिला निःशुल्क लाभ
काॅर्डियोलोजिस्ट डाॅ राहुल गुप्ता ने मासूम के लगाई पीडीए डिवाइस

_DSC0714अजमेर, 28 नवम्बर ( )। मुकाम पोस्ट नगर, तहसील बिजयनगर जिला अजमेर के रहने वाले कालूसिंह के पांच वर्षीय बेटे किशन सिंह के जीवन में अब वह सब खुशियां लौट आएंगी जिन्हें वह जन्मजात दिल की नली में छेद की तकलीफ के कारण सिर्फ गुमसुम बैठा हुआ ही महसूस किया करता था। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर किशन के दिल की नली के छेद को पीडीए डिवाइस (छतरी) लगाकर बंद कर दिया गया है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ राहुल गुप्ता ने अत्यन्त ही आधुनिक तकनीक से पैर की नस के जरिए दिल तक पहुंच कर पेटेंट डक्ट्स आर्टीरियोसिस (पीडीए) डिवाइस लगाई। किशन को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
किशन के पिता दिहाड़ी मजदूर कालूसिंह ने बताया कि उन्होंने कभी यह समझा ही नहीं कि किशन को इतनी गंभीर जन्मजात तकलीफ थी। किशन बच्चों के साथ खेलता था तो उसके दिल की धड़कन तेज हो जाती थी। उसकी श्वास तेज हो जाती थी। कई बार बुखार भी आता था। उसका शरीर पनप नहीं पा रहा था। कालू ंिसह ने कहा कि वे तो यह ही सोचा करते थे कि किशन अभी बच्चा है इसलिए कमजोर है बड़ा होगा तो ठीक हो जाएगा। कालू सिंह ने बताया कि किशन को जब पहली बार स्कूल पढ़ने भेजा तो वहां स्वास्थ्य जांच के लिए आई सरकारी डाक्टरों की टीम ने उसकी जन्मजात बीमारी को पहचाना और उन्हें बताया कि उनके बच्चे को दिल की बीमारी है। डाक्टर के बताने पर वे अजमेर आकर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अधिकारी डाॅ रामलाल चैधरी व समन्वयक दीपिका से मिले थे। उन्होंने ही मित्तल हाॅस्पिटल भेजा था। पिछले सप्ताह वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ सूर्य, डाॅ राहुल गुप्ता व डाॅ विवेक और अन्य चिकित्सकों ने किशन की जांच कर उसे उपचार के लिए भर्ती कर लिया। कालू सिंह ने कहा कि उनका एक रुपया भी नहीं लगा और उनके बच्चे का उपचार हो गया। वह सरकार का और अस्पताल के डाक्टरों का आभारी हैं।
डाॅ राहुल गुप्ता ने बताया कि किशन को जो जन्मजात तकलीफ थी ऐसा हजारों बच्चों में दो-चार को ही होती है। दिल की नली का छेद बच्चे के जन्म के बाद स्वतः ही बंद हो जाता है। किशन के दिल की नली का छेद खुला रह गया। उन्होंने बताया कि किशन के मामले में विशेष सतर्कता रखते हुए बिना किसी चीर फाड़ के अन्यन्त ही आधुनिक तकनीक से सफल इलाज किया गया। उसके पैर की नस के जरिए उसके दिल तक पहुंच कर पीडीए डिवाइस लगाई गई। डाॅ राहुल ने बताया कि किशन अब पूर्णरूप से स्वस्थ है। वह अब सामान्य बच्चों की तरह अपना आगे का जीवन जी सकेगा। डाॅ राहुल ने बताया कि किशन के पीडीए डिवाइस लगाने में वरिष्ठ कैथ लैब टेक्नीशियन प्रियंका टांक व धर्मेश पराशर, सहयोगी अंजू प्रताप सिंह, रईसखान, अनिल व मनोहर जाट का प्रशंसनीय सहयोग रहा।

संतोष गुप्ता
प्रबंधक जनसम्पर्क/9116049809

विशेष- सरकार की ‘‘आरबीएसके’’ योजना में स्वास्थ्य लाभ पाने वाले मासूम रोगी किशन के पिता कालूसिंह का मोबाइल नम्बर- 9982562373

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