संत परमात्मा के साथ जोड़ने का काम करते हैं

sant kalu ramकेकड़ी :-प्रकृति की जानकारी विज्ञान कहलाती है अपने आप की जानकारी आध्यात्म कहलाती है संत ही परमात्मा से जोड़ने का काम करते हैं ।
उक्त उद्गार संत कालूराम ने अजमेर रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किए।
मंडल प्रवक्ता राम चंद टहलानी के अनुसार संत कालूराम ने कहा कि इंसान सांसारिक वस्तुओं की ओर आकर्षित हो कर उंहें इकट्ठा करने में लगा हुआ है जिससे उसका लालच और बढ़ जाता है, बाहरी आवरण विचलित करने वाला होता है इससे छुटकारा संतो के संग से,सत्संग से पाया जा सकता है ।
सत्संग में संतों की वाणी को आत्मसात कर अपने जीवन में ढालकर जीवन जीना है इससे इंसान की सांसारिक भटकन समाप्त होती है ।
जिस प्रकार लकड़ी में आग लगी हुई है तो वह लकड़ी का सहारा लेकर बच नहीं सकती उसकी आग पानी से ही बुझ सकती है, ठीक इसी प्रकार इंसान संसार में रहते हुए भौतिक चकाचौंध से बच नहीं सकता वह केवल सत्संग,सेवा,सिमरन से अपने आप को बचा सकता है।
इंसान को प्रभु परमात्मा का चिंतन मनन कर अपना जीवन संवारना है परमात्मा की रजा में रहने से ही जीवन जीने में मजा है । सत्संग में सतगुरु ही आत्मा को परमात्मा का ज्ञान देकर जीवन जीने की कला सिखाते हैं ।
सत्संग के दौरान गीता,हितेन,भरत,निशा,नितेश,गोपाल,रोहित, मोहित,सिल्की,सानिया,अंजू, दिव्या,अशोक रंगवानी,उमेश आदि ने गीत विचार प्रस्तुत किए संचालन दीपक टहलानी ने किया।

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