अजमेर, 24 फरवरी। ब्यावर में गैस सिलेंडर फटने से हुई दुखांतिका की जांच के क्रम में 27 फरवरी को जांच अधिकारी राजस्व मण्डल श्री वी.श्रीनिवास द्वारा विभिन्न पक्षों को बयान के लिए आमंत्रित किया गया है। इस संबंध में ब्यावर उपखण्ड अधिकारी को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इन पक्षों बयान के लिए आवश्यक रूप से उपस्थित रखें।
राजस्व मण्डल के उप निबंधक श्री सुरेश सिंधी ने जानकारी दी कि 27 फरवरी को प्रातः 11 बजे ब्यावर उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में ब्यावर दुखांतिका से संबंधित विभन्न पक्षों को बयान के लिए आमंत्रित किया गया है। इनमें नंद नगर स्थित कुमावत भवन के मालिक एवं सामाजिक संस्था के सभी पदाधिकारी, घटना से पीड़ित परिवारों के लोग, घटना स्थल के आसपास के निवासी, वर एव वधु पक्ष, घटना के समय काम कर रहे हलवाई एवं कैटर्स के कर्मचारी एवं अन्य चश्मदीद गवाहों को बयान के लिए बुलाया गया है। ऎसे सभी पक्ष जांच अधिकारी श्री वी. श्रीनिवास के समक्ष अपने बयान दर्ज कराने के साथ ही गवाही, दस्तावेज या अन्य कोई सबूत पेश कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि दुखांतिका के संबंध में जांच अधिकारी 27 फरवरी को ब्यावर के अमृतकौर चिकित्सालय, गैस एजेंसी, मैरिज हॉल तथा अग्निशमन दल का निरीक्षण करेंगे।
समीक्षा बैठक आयोजित
अजमेर, 24 फरवरी। जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला परिषद की विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान द्वितीय चरण के बकाया कार्यों को पूर्ण करवाएं। इस संबंध में भुगतान, फोटो अपडेशन, पूर्णता प्रमाण पत्र, तृतीय पक्ष निरीक्षण 28 फरवरी तक पूर्ण करवाएं। इसी प्रकार तृतीय चरण कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करवाएं। समस्त कार्यों की प्रगति को पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित किया जाए। अभियान के कार्यों में शामिल सार्वजनिक एसेट्स एमजेएसए को हस्तांतरित किया जाए।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत लाभ के कार्यों से जरूरतमंद को अधिकतम लाभ पंहुचाना सुनिश्चित करें। स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित फोटो अपलोड करके भुगतान करें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के 2016-17 तथा 2017-18 के कार्यों को शीघ्र पूर्ण करवाया जाए। केकड़ी, मसूदा तथा भिनाय को योजना की प्रगति में सुधार के लिए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए। इसके साथ ही भवन निर्माण की राशि वाले पंचायत सचिवों पर कार्यवाही करें। आवास सोफ्ट पर कार्याें को नियमित अपडेट करें। स्वीकृत हाने के बाद भी निर्माण पूर्ण नहीं हाने पर संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव पर कार्यवाही की जाएगी।
इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अरूण गर्ग, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री भगवत सिंह राठौड़ तथा विकास अधिकारी उपस्थित थे।