मांड गायन उतरा अजमेर के फलक पर

अजमेर, 30 मार्च। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में राजस्थान दिवस पर आयोजित राजस्थान उत्सव सांस्कृतिक संध्या में बाड़मेर के अन्र्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त श्री बुंदू खां लंगा के दल ने जवाहर रंगमंच पर परम्परागत लोक कला एवं सूफी गायन का समां बांधा।
सांस्कृतिक संध्या में बाड़मेर के बुंदु खां लंगा दल ने राजस्थानी लोक संगीत की जबरदस्त छटा बिखेरी। अजमेर में मांड गायकी के सिरमोर दल ने अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उन्होंने केसरिया बालम आवों नी पधारों म्हारे देश की भावनापूर्ण प्रस्तुति दी। ऎसा लगा की मरूधरा का यह कला जत्था समस्त अजमेर को आमंत्रित कर रहा है।
समारोह में मस्त कलंदर, गोरबंद, हिचकी, छाप तिलक सब सिनी, रस्के कमर, रूमाल जैसी परम्परागत रचनाएं प्रस्तुत की। इनके साथ बाल कलाकार अबित खां ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।

दर्शकों ने तालियों के साथ की जुगलबंदी
कला दल के सलीम खां ने मोरचंग, महबूब खां ने खडताल और कासम खां ने ढोलक पर जुगलबंदी की। यह जुगलबंदी दर्शकों को बहुत पसंद आयी। उन्होंने खड़ताल के साथ तालियाें से जुगलबंदी की। दल ने दर्शकों की फरमाईश पर भी सुमधुर गीत सुनाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री कैलाश चंद शर्मा, सीआरपीएफ जीसी1 के कमांडेंट श्री भरत कुमार वैष्णव, नगर निगम की उपायुक्त सुश्री ज्योति ककवानी, पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक श्री रतन लाल तुनवाल, कृषि विभाग के उप निदेशक श्री वी.के.शर्मा, जन सम्पर्क विभाग के सेवा निवृत संयुक्त निदेशक श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी उपस्थित थे।

error: Content is protected !!