हजारो पैरामेडिकल अभियार्थियो की मुख्य समस्या

पुरे राजस्थान में हम लोग कई वर्षो से लेब टेक्नीशियन/एक्स -रे टेक्नीशियन के रूप में कार्य कर रहे हे | पेरामेडिकल काउंसिल के गठन से पूर्व कोई भी वैधानिक संस्था कार्य प्रशिक्षण एवं पंजीकरण हेतु निश्चित नहीं थी,न ही कोई गाइडलाइन उपलब्ध थी इसलिए हम सभी लेबोरेट्री टेक्निशियनो ने राजस्थान सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडो के अनुसार बर्षों पहले से विभिन्न निजी यूनिवर्सिटी / संस्थाओं से डिप्लोमा व डिग्री धारण करके पिछले कई बर्षों से सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहें हैं और हमारे कुछ साथी अपनी निजी लैबोरेटरियाँ चला रहे हैं और कुछ निजी संस्थानों में भी नौकरियां कर रहें हैं I इन में से बहुत सारे लैबोरेटरी टेकनीशियन सरकार द्वारा तय (कम से कम 10 वीं पास और 9 महीने का डिप्लोमा) योग्यता के साथ प्रदेश में सेवाएँ प्रदान कर रहें हैं I परन्तु बर्ष 2008 में प्रदेश में राजस्थान पैरामेडिकल एक्ट-2008 बनाया गया और राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल का गठन किया गया जो वर्ष 2014 में अस्तित्व में आकर सभी पैरामेडिकल अभियार्थियो के पंजीयन के लिए वर्ष 2015 में राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल में केटेगरी वाइज रूपये -2000 व 3000 की डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से पंजीयन करवाने हेतु आदेशित किया |पैरामेडिकल काउंसिल के नियमो की पालना में लगभग बीस से तीस हजार पैरामेडिकल अभियार्थियो ने आवेदन किया लेकिन कुछ दिनों पश्चात् पैरामेडिकल कौंसिल द्वारा आदेश निकाला गया की राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल पंजीकरण करवाने के लिए कम से कम योग्यता 10+2 विज्ञानं संकाय और 2 साल का मेडीकल लैबोरेटरी टेकनोलोगी का डिप्लोमा राज्य सरकार /पैरामेडिकल कौंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त होना जरुरी है I
वर्तमान समय में पैरामेडिकल कौंसिल अधिनियम-2014 से पहले 9 महीने का मेडीकल लैबोरेटरी टेकनोलोगी का डिप्लोमा व 10 वीं उतीर्ण और अन्य संकाय में 10+2 पास प्रार्थियों को मौजूदा कानून बताकर पंजीकरण करने से साफ़ इंकार किया जा रहा है जो कि सरासर अन्याय है क्योंकि पैरामेडिकल कौंसिल अधिनियम-2014 के नियमो के अनुसार योग्यता रखने वाले आज की तारीख में दोवारा कोई पढाई लिखाई या डिप्लोमा करने में असमर्थ है और अधिकतर लैबोरेटरी टेकनीशियन तो अपनी उम्र के आखरी पड़ाव तक पहुँचने वाले हैं तो ऐसी स्थिति में वह लैबोरेटरी टेकनीशियन हैरान और परेशान है कि वह इस उम्र में आखिर क्या करें I वैसे भी यह लैबोरेटरी टेकनीशियन अपने अनुभव के आधार पर बहुत ही प्रशिक्षित है जिन्हें ओर अधिक पढाई लिखाई की जरुरत नहीं है I हमारे ज्यादातर लैबोरेटरी टेकनीशियन सरकार द्वारा चलाये गए कार्यक्रम जैसे कि “मुख्यमंत्री निशुल्क जाँच योजना (MNJY),टी.बी. कण्ट्रोल प्रोग्राम ,एड्स/एच आई वी प्रोग्राम,नॉन कोमयुनिकल डिजीज (NCD),राष्ट्रिय फ्लोरोसिस नियंत्रण एवम रोकथाम कार्यक्रम (NPPHF) एव राज्य व केंद्र द्वारा संचालित अन्य कार्यक्रम व योजनाओं में पिछले कई बर्षों से प्रदेश भर में सेवाएँ प्रदान कर रहें हैं I सभी लैबोरेटरी टेकनीशियनबर्षों से सेवाएँ देते देते बहुत ही सूझवान व प्रशिक्षित हो गए हैं और ऐसे लैबोरेटरी टेकनीशियन दोवारा तैयार करने के लिए सरकार को कई बर्ष और बहुत सारा पैसा फिर से खर्च करना पड़ेगा जिससे प्रदेश की आम जनता को बहुत ज्यादा असुविधा होगी और प्रदेश में भरपूर स्वास्थ्य सेवाएँ न मिलने से हाहाकार मच जायेगा और इसके साथ साथ प्रदेश में 25000-30000 की संख्या में लैबोरेटरी टेकनीशियन पंजीकरण न होने से बेरोजगार हो जायेंगे I
इसलिए हमारी आपसे विनम्र प्रार्थना है कि हमारे सभी लैबोरेटरी टेकनीशियन साथियों का राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल में पंजीकरण करवाने के लिए जल्द से जल्द आदेश पारित करवाने के लिए आप हमारी मदद करे ताकि सभी लैबोरेटरी टेकनीशियनों का भविष्य संवर सके I
प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान पैरामेडिकल एसोशिएशन

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