अजमेर डेयरी में 145 करोड़ रू. के प्रोसेसिंग प्लांट का भूमि पूजन सम्पन्न

अजमेर, 8 जून। अजमेर डेयरी का दस लाख लीटर प्रतिदिन दूग्ध क्षमता के प्रोसेसिंग प्लांट का भूमि पूजन शुक्रवार को अजमेर डेयरी मुख्य परिसर में डेयरी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने किया।
अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने बताया कि इस दूग्ध प्रोसेसिंग प्लांट को दो भागों में बनाया जायेगा। प्रथम भाग में सिविल कार्य का होगा, जिसकी कुल लागत 55 करोड़ रू. होगी तथा द्वितीय भाग में मशीनरी कार्य किया जायेगा जिसकी लागत 92 करोड़ रू. होगी । उक्त प्रोसेसिंग प्लांट की कुल लागत लगभग 145 करोड़ रू. होगी। उन्होंने बताया कि मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट ग्रीन बिल्डिग पद्धति पर आधारित होगा। इसके द्वारा पर्यावरण के सभी मानकाें को पूर्ण रूप से अपनाया जायेगा। इस प्लांट संघ की स्वयं की लगभग 30 बीघा जमीन पर लगाया जायेगा। उन्होंने बताया कि उक्त प्लांट में सभी प्रकार की मशीनें आईडीएमसी कम्पनी की लगेगी। जो भारत सरकार का उपक्रम है। उपरोक्त दोनों कार्य नेशनल डेयरी डवलपमेन्ट बोर्ड, आणंद (एनडीडीबी) के दिशा-निर्देशानुसार सम्पादित किया जायेगा।नया प्लांट दिसम्बर, 2019 तक बनकर पूर्ण हो जायेगा। इस प्लांट के बन जाने से सरस के विभिन्न गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपभोक्ताओं को मिलेंगे।
इस अवसर पर श्री चौधरी ने एनडीडीबी की कार्य प्रणाली एवं पारदर्शी कार्याे की सराहना करते हुए बताया कि उक्त प्रोजेक्टाें की कुल लागत 307 करोड़ के लगभग आनी थी, लेकिन एनडीडीबी द्वारा किये गये पारदर्शी कार्यों के कारण इनकी कुल लागत लगभगत 260-270 करोड़ रू. हो गई है एवं संघ को 40 करोड़ रू. का लाभ हुआ है। जेआरपी इन्फ्रास्ट्रेक्चर प्राईवेट लि. कम्पनी तीन पीढ़ियों से यही कार्य कर रही है।

प्रारंभ में अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी, प्रबन्ध संचालक श्री गुलाब भाटिया एवं एनडीडीबी के श्री जे.एस. गांधी, उप महाप्रबन्धक, श्री संतोष सिंह, डीजीईएमएस एवं जेआरपी इन्फ्रोस्ट्रेक्चर प्राईवेट लि., के निदेशक श्री रमेन्द्र जे पारीक एवं कम्पनी के अधिकारियों के साथ संघ के संचालक मण्ड़ल सदस्यों श्रीमती रामकन्या जाट, श्रीमती गीता चौधरी, श्री कैलाश चन्द्र शर्मा, श्री छोगालाल जाट, श्री रिद्धकरण जाट आदि ने विधिवत भूमिपूजन किया। इस मौके पर अजमेर डेयरी के पदाधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं मीडियाकर्मी उपस्थित थे।

कृषि वानिकी वृक्षारोपण अनुदान के लिए आवेदन आमंत्रित
अजमेर 08 जून। राष्ट्रीय टिकाऊ खेती मिशन के तहत कृषि वानिकी सबमिशन वृक्षारोपण के अनुदान के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए है।
कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री वी. के. शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय टिकाऊ खेती मिशन (एनएमएसए) के तहत कृषि वानिकी सबमिशन (एसएमएएफ) के अंतर्गत कृषि भूमि पर वृक्षारोपण कृषि आय को बढ़ाना, मृदा में जैविक तत्वों की वृद्धि तथा गुणवता युक्त रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे मुख्य गतिविधियां सम्मिलित हैं। कृषि वानिकी सबमिशन (एसएमएएफ) का मुख्य उद्येश्य कृषि भूमि पर वृक्ष आच्छादित कर कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। साथ ही कृषि आय के साथ वृक्षारोपण को बढ़ावा व आमदनी बढ़ाना, जीवन स्तर में सुधार, फसल एवं फसल पद्धति द्वारा उत्पादकता वृद्धि और सूचना तंत्र का विकास मुख्य है।
उन्होंने बताया कि कृषकों को देय वित्तिय सहायता इकाई या वास्तविक लागत का 50 प्रतिशत या जो भी कम हो देय होगी। वृक्षारोपण गतिविधियों के लिए सहायता आगामी 4 वर्षों में प्रतिवर्ष 40, 20, 20 एवं 20 के अनुपात में देय होगी। कृषकों को अनुदान प्राप्त करने के लिये निर्धारित प्रपत्र में अपने क्षेत्र में स्थिति ई-मित्र कियोस्क पर निर्धारित शुल्क जमा कराकर ऑन लाईन आवेदन अनिवार्य है। साथ ही स्वयं के भू-स्वामी का खसरा नं. मोबाईल नं., आधारकार्ड एवं बचत खाते की पास बुक आदि स्व प्रमाणित पत्रावलिया ऑन लाईन आवेदन के 30 दिन में कृषि विभाग के किसी भी कार्यालय में भिजवाना अनिवार्य हैं।
उन्होंने बतया कि इस योजना के अंतर्गत फलदार, छायादार, चारा, इमारती एवं जलाऊ लकड़ी वाले वृक्ष लगाने का प्रावधान है। इसमें कम, मध्यम एवं उच्च घनत्व की तीन गतिविधियां सामिल होती है। इसके लिए लागत का 50 प्रतिशत अनुदान सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा।

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