राजकीय विधि महाविद्यालय के शिष्टमंडल ने दिया ज्ञापन

राजकीय विधि महाविद्यालय के शिष्टमंडल ने 5 सूत्री मांगों को लेकर जिलाधीश महोदया आरती डोगरा को दिया ज्ञापन जल्द मांगे पूरी करने की करी मांग

आज दिनाक 15 जून 2018 को राजकीय विधि महाविधालय अजमेर के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एड्वोकेट राजीव भारद्वाज बगरू,छात्रसंघ अध्यक्ष मुरलीधर बेनीवाल,छात्रनेता रचित कच्छावा के नेतृत्व मे जिलाधीश मोहदया आरती डोगरा को पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया जिसमें महाविद्यालय को स्थाई मान्यता, स्थाई प्राचार्य,खेल शिक्षक, लाइब्रेरियन, चारदीवारी आदि मांगे की गई

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एड्वोकेट राजीव भारद्वाज बगरू ने बताया कि आज राजकीय विधि महाविद्यालय के छात्रों ने जिलाधीश कार्यालय पहुँच कर जोरदार नारेबाजी की और अपनी मुलभुत समस्या के लिए जूंझ रहे मांगो और प्रथम वर्ष में प्रवेश की मांग को लेकर अवगत कराया भारद्वाज ने बताया कि अजमेर स्थित राजकीय विधि महाविधालय जो लंबे समय से मुलभुत समस्याओ से झुंझ रहा है और मुलभुत समस्या के कारण ही हर वर्ष प्रथम वर्ष में प्रवेश आधे सत्र हो जाने के बाद होते है हर महाविद्यालय में जून से जुलाई में प्रवेश हो जाते है और जुलाई से कक्षाये प्रारम्भ हो जाती है जबकि राजकीय विधि महाविद्यालय ही अजमेर का ऐसा महाविद्यालय है जो मान्यता के अभाव में 6 माह पश्चात दिसबंर ने प्रवेश होते है जिस से छात्रों के पढ़ाई भी पूरी नही हो पाती और सत्र पूरा करने के लिए 6 माह में कक्षाये संचालित की जाती है जिससे कही ना कही छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है पिछले सत्र के प्रवेश ऑक्टोबर में हुए थे

छात्र संघ अध्यक्ष मुरलीधर बेनीवाल ने बताया कि हर वर्ष विश्वविद्यालय निरीक्षण टीम के द्वारा
1.अस्थाई प्राचार्य,
2.शिक्षको की कमी,
3. चारदीवारी ,
4.स्थाई लाइब्रेरियन
5. स्थाई खेल शिक्षक इत्यादि
समस्या का अंकन निरिक्षण टीम के द्वारा कमी के रूप में लिखा जाता है। उसके उपरांत आपके द्वारा शिक्षको की कमी को दूर करना तो ना सही और पहले से मौजूद शिक्षको की प्रतिनियुक्ति किसी अन्य महाविद्यालय में कर दी गयी पूर्व में विधि महाविद्यालय अजमेर में मात्र 6 और 1 संविदा व्याख्यता मौजूद थे उनमें से भी आयुक्तालय द्वारा कार्यवाहक प्राचार्य , और वरिष्ठ व्याख्याता की प्रतिनियुक्ति के आदेश जून से किया गया महाविधालय के वर्तमान समस्याओ में सबसे बड़ी समस्या शिक्षको के कमी है उसको ध्यान ना देते हुए आयुक्तालय केकेद्वारा शिक्षको की प्रतिनियुक्ति करना अजमेर विधि महाविधालय के छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

छात्र नेता रचित कच्छावा कहां की राजकीय विधि महाविद्यालय की समस्या का समाधान आसानी से किया जा सकता है यदि प्रशासन ध्यान देकर महाविद्यालय की चारदीवारी का कार्य प्रारंभ कर दें और एक स्थाई प्राचार्य महाविद्यालय में नियुक्त करें एक खेल शिक्षक और एक लाइब्रेरियन की जल्द से जल्द नियुक्ति करें तो छात्रों का भविष्य बन सकता है अजमेर राजकीय विधि महाविद्यालय में सिर्फ अजमेर के ही छात्र-छात्राएं नहीं करते हैं अपितु भीलवाड़ा, किशनगढ़, नसीराबाद ,नागौर के भी कई गांव के छात्र छात्राएं यहां आकर अध्ययन करते हैं के विधि महाविद्यालय में प्रथम वर्ष में 240 सीटें होती है जिसके लिए लगभग एक हजार छात्र-छात्राएं सपने सजाए रखते हैं मान्यता नाम मिलकर उन सभी हजार वर्ष छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है कच्छावा ने कहा कि गत दो वर्षो में भी हमे मान्यता के लिए बड़ा संघर्ष करना पड़ा है और हमे मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक अपनी बात को पहुँचाया था हम लोगों को अपनी मांगों को लेकर जो कुछ भी करना पड़ेगा हम करेंगे आज हमने हमारी मांगों को लेकर निवेदन किया है मांगे नहीं मानी गई तो हम आंदोलन भी करेंगे और इसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी लेकिन हम गत 2 वर्षों से भी मान्यता लेकर ही रहे हैं और इस वर्ष भी मान्यता मिलने तक संघर्ष करते रहेंगे हमने संघर्ष किया है संघर्ष करेंगे किया है संघर्ष करेंगे और इसी प्रकार छात्र शक्ति की आवाज बनेंगे

जिलाधीश मोहदया आरती डोगरा ने छात्रों को आश्वासन दिया की छात्रों की मांग जायज है आगे अवगत कराया जायेगा और जिस प्रकार प्रतिनियुक्ति व्याख्यता की कि गयी है उनको पत्र भेजकर जल्द से जल्द पुनः महाविद्यालय में लगवाया जायेगा और प्रथम वर्ष की मान्यता के लिए भी अवगत कराया जायेगा
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ज्ञापन देने वालों में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एड्वोकेट राजीव भारद्वाज बगरू, छात्रसंघ अध्यक्ष मुरलीधर बेनीवाल,छात्रनेता रचित कच्छावा,पंकज सोनी , दीपक दायमा,पप्पूराम कुमावत, नईम शेख, सौरभ गौड़ ,अनुज माथुर, भंवर चौधरी, मोहित जिंदल , चद्रकांत जांगिड़, दुर्गा सांखला,कपिल शर्मा,पवन ,मयंक शर्मा,नितिन कोटिया,तरुण तूनवाल,राजा महाजन, योगेश यादव आदि मौजूद थे।

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