पुष्कर मेला होगा चाईल्ड फ्रेंडली एवं बाल श्रम मुक्त

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पूर्ण पीठ ने किया अजमेर एवं पुष्कर का दौरा
अजमेर, 17 सितम्बर। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पूर्ण पीठ ने जिले में बाल संरक्षण एवं अधिकारों के बारे संचालित गतिविधियों की समीक्षा बैठक ली।
समीक्षा बैठक में आयोग की सदस्य श्रीमती राजश्री गर्ग ने जिले में बाल संरक्षण की स्थिति पर विस्तृत चर्चा करते हुये चाईल्ड ट्रेफिकिंग के संबंध में बैठक में उपस्थित पुलिस अधिकारी से जिले की प्रगति की जानकारी ली तथा मिसिंग चाईल्ड ट्रेक सिस्टम पर डाटा अपडेट रखने के निर्देश दिये। आयोग के सदस्य श्री एस.पी.सिंह ने नशामुक्ति अभियान को अजमेर में प्रभावी ढंग से चलाने हेतु निर्देश दिये एवं बालकों में नशावृत्ति में जिले की खराब स्थिति को सुधारने एवं जिला प्रशासन को संसाधन उपलब्ध कराते हुये नशामुक्ति केन्द्र प्रारम्भ करने एवं इसकी प्रभावी मोनीटरिंग करने पर जोर दिया।
इसी प्रकार श्रीमती उमा रत्नू, सदस्य, बाल आयोग ने बालकों का लैेंगिक शोषण रोकने के लिय पोक्सो अधिनियम के बारे में जिले में दर्ज प्रकरणों के बारे में पुलिस अधिकारियों से चर्चा की एवं लम्बित प्रकरणों के बारे में शीघ्रता से चालान पेश करने तथा पीड़ितों को मुआवजा एवं संरक्षण दिलाने के निर्देश प्रदान किये। श्रीमती साधना सिंह, सदस्य, बाल अधिकार आयोग ने जिले में बाल कल्याण समिति के कार्याें की समीक्षा की एवं विशेष किशोर पुलिस ईकाई एवं श्रम विभाग से समन्वय स्थापित कर बाल श्रम को रोकने एवं बाल श्रमिकों के उचित पुनर्वास के बारे में निर्देश प्रदान किये। आयोग की सदस्य डाॅ. सीमा जोशी ने किशोर न्याय बोर्ड एवं चाईल्ड लाईन के प्रकरणों के बारे में प्रगति की जानकारी ली एवं लम्बित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के बारे में निर्देश प्रदान किये।
आयोग के सदस्य सचिव श्री वी.सरवन कुमार, आई.ए.एस. ने आयोग के कार्यकलापों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं बाल अधिकारिता विभाग, विशेष किशोर पुलिस ईकाई, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, पंचायती राज विभाग एवं जिला प्रशासन के द्वारा चलाई जा रही बाल संरक्षण की योजनाओं की समीक्षा की।
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने कहा कि आयोग द्वारा ने राजस्थान के पहले बालमैत्राी पूर्ण मेले के लिए पुष्कर मेले को चुना गया है। राजस्थान राज्य बाल सरंक्षण आयोग इस दिशा में पूरे प्रयास कर रहा है। बालमैत्राी पूर्ण मेला अपने आप में एक रिकाॅर्ड होगा। इस मेले में बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। किसी भी बच्चे को अपने अभिभावकों के साथ रहने की व्यवस्था की जाएगी। अभिभावकों से बिछड़ने वाले बच्चों को तुरन्त सही जगह पहुंचाने की माकूल व्यवस्था अंजाम दी जाएगी। पुष्कर मेले को चाईल्ड फ्रेंडली बनाने के लिये उप खण्ड अधिकारी, पुष्कर एवं तहसीलदार, पुष्कर को आवश्यक निर्देश देते हुये मेले में बाल श्रम को रोकने के पुख्ता प्रबंध करने तथा बाल अधिकारों के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु बाल कल्याण समिति एवं चाईल्ड लाईन को निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि इस मेले में ये सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी प्रकार के बच्चे बाल श्रम नहीं करें। बाल श्रम को रोकने के लिए आयोग मेला अवधि के दौरान विशेष प्रयास करेगा। बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने वालों पर भी प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। मेले को बाल श्रम मुक्त तथा बाल भिक्षा वृत्ति मुक्त बनाकर एक मिसाल कायम की जाएगी। मेले में बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूक करवाने के लिए दृश्य एवं श्रव्य माध्यमों का उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने विभागीय योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले के प्रत्येक पात्रा बच्चे को पालनहार योजना का लाभ मिलना चाहिए। राजस्थान में बाल विवाह की दर में उल्लेखनीय कमी आयी है। यह आयोग के प्रयासों का परिणाम है। आयोग बाल विवाह मुक्त राजस्थान का निर्माण करने के लिए कृतसंकल्पित है। जिले के प्रत्येक ब्लाॅक में बाल कल्याण ईकाई का गठन किया जाना चाहिए। इससे बालकों के अधिकारों का संरक्षण तथा समस्या निवारण आसानी से हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि जिले में जे.जे. एक्ट के तहत अपंजीकृत संस्थाओं द्वारा बच्चों को रखने के संबंध में आयोग द्वारा रिपोर्ट मांगी गई है। प्राथमिक स्तर पर सघन निरीक्षण करके ऐसे स्थानों का चिन्हिकरण कर पंजीकृत अथवा बंद करने की कार्यवाही की जाएगी। जिले में मानव तस्करी विरोधी ईकाई के द्वारा चलाए गए विभिन्न अभियानों में मुक्त कराए गए बच्चों के पुर्नवास का फोलोअप किया जाएगा। इन बच्चों का उचित पुर्नवास आयेग के द्वारा सुनिश्चित होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में देश के अन्य भागों से आए हुए बच्चों की पुनः घर वापसी करने के लिए आयोग प्रयासरत है। साथ ही राज्य के बच्चे जो अन्य स्थानों पर हैं। उन्हें भी पुनः घर पहुंचाया जाएगा। इस संबंध में स्थानीय बाल कल्याण समिति के द्वारा प्रमाणित होने पर ही बच्चों को अभिभावकों के सुपूर्द किया जाएगा। बच्चों के बाल अधिकारों के विरूद्ध कृत्य करने वालों के विरूद्ध आयोग द्वारा कार्यवाही की जाएगी। नसीराबाद तथा भीलवाड़ा की गंडावर ग्राम पंचायत में बच्चों के बीमार होने की घटनाओं की पुर्नावृति रोकने के लिए आयोग सख्त कदम उठा रहा है।
बैठक में आयोग के सचिव श्री राधेश्याम डेलू, उप खण्ड अधिकारी श्री हरि सिंह लम्बोरा, उप निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग श्री जय प्रकाश, सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग श्री संजय सावलानी, श्रीमती डिम्पल शर्मा बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष एवं सदस्य श्रीमती नुसरत नकवी, चाईल्ड लाईन की ओर से जिला समन्वयक कुशाल सिंह एवं नानूराम प्रजापति तथा तहसीलदार पुष्कर ने भी भाग लिया।

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