पत्रकारों ने साझा किया आपदा का अनुभवी ज्ञान

अजमेर 31 जन। दरगाह ख्वाजा साहब में आपदा प्रबन्ध प्रशिक्षण के तीसरे दिन, अजमेर शहर के पत्रकारों ने अपने अनुभवों और सुझावों को साझा किया और हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सहयोग से ।प्क्डप् अहमदाबाद के प्रशिक्षकों द्वारा दरगाह शरीफ के समस्त संस्थाओं के कर्मचारीयों के दिये जा रहे प्रशिक्षण की प्रोत्साहना की। इस मौके पर नाज़िम शकील अहमद ने संविधान के चैथे स्तंभ पत्रकारिता की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए, आपदा समय में कलम की ताकत के बारे में अवगत कराया तो वही दरगाह थानाधिकारी कैलाश विश्नोई ने प्रशिक्षण को जीवन का आदर्श बताया।
अमर उजाला के संवाददाता संतोष गुप्ता ने कर्मचारीयों के आपदा प्रबंध के साथ चिकित्सीय प्रबंध की उपयोगिता के बारे में बताया और कहा की अनुभव ज्ञान किसी स्थान के लिए नही वोह पूरे जीवन के लिए होता है, ना जाने आपका कोई प्रयास किसी के जीवन में खुशीयों की लहर ले आए। दैनिक भास्कर के संवादादात आरिफ कुरशी ने कहा की यह प्रथम साझा प्रयास है, और इसे वर्ष में कम से कम दो बार आयोजित करना चाहिए, जिससे की कर्मचारीयों के मनोबल में वृद्धि हो। दैनिक नवज्योति से पी. के श्रीवास्तव ने कर्मचारीयों को सुरक्षा व व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कहा की यदि यह प्रशिक्षित होंगे तो व्यवस्था स्वतः ही बेहतर हो जाएगी। इसके साथ ही जी सलाम से रईस खान ने कर्मचारीयों की सुरक्षा और उनके दायित्वों पर रोशनी डालते हुए, संस्थाओं को भी उनके लिए गौर करने का विचार रखा। यूएनआई वार्ता के संवादाता अनुराग जी ने कलम के अनुभव को साझा करते हुए कहा की आपदा परिस्थिति में अफवाहों से दूर रहने की नसीहत पर बताया की कम से कम आप ऐसे वक्त में कोई संवाद नही करे की जिससे की लोगो में गलतफहमी पैदा हो। इस अवसर पर सिविल डिफेंस से विजय ने पत्रकारों सामने प्रशिक्षण के गुर बताए और ।प्क्डप् के ब्रिज चैहान ने दरगाह के सम्पूर्ण आपदा प्रबंध के बारे में अवगत कराया। इस अवसर पर नवाब हिदायतुल्ला, साहिल खान, शौकत खान, जुल्फिकार चिश्ती, मुकद्दस मोईनी इत्यादि शामिल रहे।

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