मातृ-पितृ दिवस पर रोक लगाकर किया माता-पिता का अपमान

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 13 फरवरी। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में वेलेन्टाइन डे के स्थान पर मातृ-पितृ पूजन दिवस के आयोजन पर लगाई गई रोक को माता-पिता का अपमान करने वाला कदम बताया।
देवनानी ने कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गत भाजपा सरकार ने विद्यार्थियों में अच्छे संस्कार एवं भारतीय संस्कृति के अनुरूप कई नवाचार प्रारम्भ किये थे जिनमें से एक था मातृ-पितृ पूजन दिवस। विद्यालयों में पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा देने वाले वेलेन्टाइन डे के स्थान पर मातृ-पितृ पूजन दिवस का आयोजन प्रारम्भ किया गया था। विद्यार्थी इस दिन अपने माता-पिता का पूजन कर उनसे संस्कार व आर्शीवाद लेकर स्वंय को गौरान्वित महसूस करते थै लेकिन कांग्रेस ने इस पर रोक लगाकर उन माताओं-पिताओं का अपमान किया है।
देवनानी ने शिक्षा मंत्री डोटासरा के इस फैसले को लेकर दिये गये बयान कि मातृ-पितृ पूजन एक दिन होकर रोजाना होना चाहिए को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि यह सही है कि माता-पिता सदैव पूजनीय, सम्मानीय व आदरणीय होते है लेकिन दिवस विशेष पर इसका आयोजन उसी प्रकार महत्व रखता है जैसे शिक्षक दिवस, बाल दिवस आदि आयोजनों का होता है जबकि शिक्षक भी सदैव पूजनीय व सम्मानीय होते है तथा बच्चों को सदैव ही स्नेह, दुलार दिया जाना चाहिए।
देवनानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को कभी भारतीय संस्कृति व संस्कारों पर चलना ठीक नहीं लगता है। कांग्रेस ने अपनी ओछी राजनैतिक विचारधारा के कारण शिक्षा में संस्कारों व भारतीय संस्कृति को स्थापित करने के लिए गत भाजपा सरकार द्वारा किये गये नवाचारों पर रोक लगाना प्रारम्भ किया है। उन्होंने कहा कि इनके शिक्षा मंत्री को महाराणा प्रताप को महान कहने में भी शर्म महसूस होती है। पाठ्यक्रम में भारतीय संस्कृति व महापुरूषों के जोड़े गये पाठ उन्हें भगवाकरण नजर आते है।

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