मुश्किलों से कह दो मेरा परमात्मा बड़ा है

केकड़ी:– मैं निज घर में बैठा हूं मेरे घर की चाबी मेरे पास है मुश्किलों से कह दो मेरा परमात्मा बड़ा है जिस पल ज्ञान की चर्चा होती है वह पल सुखों में शुमार होता है। उक्त उद्गार बहन आशा ने अजमेर रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्ति किए।
मंडल प्रवक्ता राम चंद टहलानी के अनुसार बहन आशा ने कहा कि इंसान को कभी भी अपनी सोच दूषित नहीं करनी चाहिए ,सुख के दाता को हर पल याद करना चाहिए।
परमात्मा सतगुरु अपने भक्तों को खुश देखकर प्रसन्न होते हैं उनके आदेशों,उपदेशों काअक्षरस पालन करना चाहिए।
इंसान कभी नहीं मरता है मौत शरीर की होती है मरने के बाद सभी श्मशान जाते हैं कभी जीते जी भी शमशान घूम कर आते रहना चाहिए कह दो श्मशान से मैं कभी नहीं आऊंगा मेरा शरीर आएगा। सद्गुरु की कृपा से हमारे सारे भ्रम व संशयः समाप्त होते हैं । जग का मालिक की याद रहे तो मौत का भय भी मिट जाता है। हमें शरीर से ऊपर उठकर जीवन जीना है कौन जाने अगले ही पल आंखें बंद हो जाए इससे पहले हमें परमात्मा को जानकर ज्ञान के नेत्र खोलने हैं जिससे सब अपने नजर आते हैं।
गुनहगार हूं मैं,शर्मसार हूं मैं। फिर भी तेरे शुकराने का तलबगार हूं मैं ।।
हम सब एक परमात्मा की संताने हैं हमें एकता का परिचय देना है,वैर- विरोध वाला भाव मिटाना है तब ही आनंद की अवस्था बनती है।
हमारा जीवन परमार्थ की की सेवा में लग जाए हर पल परमात्मा के शुकराने में उसके स्मरण में बीते।सब के भले की कामना के साथ जीवन जीना है छोटा सा जीवन है सेवा सत्संग स्मरण का भरपूर आनंद लेना है।हर पल मौत और परमात्मा को याद रखना चाहिए।
सत्संग के दौरान आरती,सानिया, भगवान,शीतल,गोपाल,माया,संगीता टहलानी,समृद्धि धनजानी अशोक रंगवानी आदि ने गीत विचार भजन प्रस्तुत किए संचालन नरेश कारिहा ने किया।

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