पालिकाध्यक्ष व उनके चाचा की फेक्ट्री के बाहर रोड़ पर कथित अतिक्रमण का किया नापचोप !*
*एम्पावर्ड कमेटी का दुरुपयोग कर खुद व परिजनों के नाम की जमीनों के रूपांतरण व पट्टों की भी जांच, कइयों पर गिर सकती है गाज*
नगर पालिका द्वारा पिछले तीन सालों में कराए गए विकास कार्यों की जांच के बाद एक और जांच के आदेश पर आज मंगलवार को स्वायत्त शासन विभाग का एक जांच दल केकड़ी पहुंचा और अतिक्रमण, अनाधिकृत निर्माण व अनाधिकृत रूपांतरण के मामलों की जांच शुरू की। जांच के बाद एक और जांच आने से नगरपालिका में हड़कंप मचा हुआ है, दबाव में आकर काम करने वाले पालिका के अधिकारियों व कर्मचारियों में दहशत व्याप्त है, उन्हें डर है कि उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो जाये। ज्ञात रहे स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व सयुंक्त सचिव पवन अरोड़ा ने तीन अधिकारियों का एक और जांच दल गठित किया है। जांच दल में निदेशालय के उप नगर नियोजक राजपाल चौधरी, वरिष्ठ प्रारूपकार इंद्र कुमार, अरबन प्लानर फव्वाद अख्तर को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। यह जांच दल मंगलवार को केकड़ी पहुंचा और जांच कार्य शुरू किया। शिकायतों के आधार पर जांच दल ने यहां पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल की जयपुर रोड़ स्थित फेक्ट्री के बाहर कथित अतिक्रमण का नापचोप किया वहीं मित्तल के चाचा पदमकुमार की बघेरा रोड़ स्थित फेक्ट्री के बाहर कथित अतिक्रमण कर अनाधिकृत निर्माण का नापचोप कर जांच की। इसी प्रकार कुछ अनाधिकृत रूपांतरण के मामलों की जांच की गई। जांच के दौरान पालिका के कर्मचारी व पालिकाध्यक्ष स्वंय मौके पर उपस्थित थे। जांच दल ने सम्बंधित दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं जिनकी बारीकी से जांच कर रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाएगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में गत दिनों स्वायत्त शासन विभाग से आये जांच दल ने यहां नगरपालिका द्वारा कराए गए विकास कार्यों की जांच के लिए निर्माण कार्यों के करीब 50 से ज्यादा नमूने एकत्रित किये थे वहीं टेंडर प्रक्रिया में हुए कथित गड़बड़झाले की जांच के लिए करीब 36 पत्रावलियां अपने कब्जे में लिया। जानकारी के अनुसार उक्त मामलों में केकड़ी नगर विकास समिति के अध्यक्ष मोडसिंह राणावत ने गत वर्ष पालिकाध्यक्ष की फैक्ट्री के बाहर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण करने व उनके चाचा द्वारा अपनी फेक्ट्री के बाहर अतिक्रमण कर आठ दुकानों का अवैध निर्माण करने सहित विकास कार्यों के टेंडरों में धांधली व निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री के उपयोग की शिकायत की थी वहीं गत दिनों पालिका में प्रतिपक्ष नेता एडवोकेट आसिफ हुसैन ने भूमि रूपांतरण में धांधली की शिकायत की थी। प्रतिपक्ष नेता आसिफ हुसैन का आरोप था कि पालिकाध्यक्ष ने एम्पायर्ड कमेटी की शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए जयपुर रोड़ पर अपनी भूमि आराजी खसरा नम्बर 514, 515, 516 रकबा 7648.23 वर्ग मीटर जमीन का औद्योगिक परियोजनार्थ नियमन की स्वीकृति कर दी और उसमें से रकबा 0.6652 हेक्टेयर भूमि का औद्योगिक परियोजनार्थ एकल भूखण्ड का पट्टा अपने परिवार, पत्नी एंव खुद के नाम पर पट्टा बना लिया है जबकि राजस्थान नगर पालिका (कार्य संचालन) नियम 2009 के नियम 14 (1) के अनुसार बैठक में विचारार्थ आने वाले ऐसे किसी विषय पर जबकि विषय ऐसा हो जो आम जनता से सम्बंधित होने के अलावा किसी सदस्य या अध्यक्ष का स्वयं का या उसके किसी व्यवसाय के भागीदार या उसके परिवार के सदस्य का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आर्थिक हित निहित हो तो ऐसा सदस्य या अध्यक्ष न तो मतदान करेगा और न ही ऐसी कार्यवाही में भाग लेगा, ऐसा प्रावधान है। ज्ञात रहे विकास कार्यों में धांधली की शिकायतें गत 2 वर्ष से की जाती रही हैं लेकिन राज्य में भाजपा सरकार ने यहां भाजपा का बोर्ड होने की वजह से शिकायतों को अनदेखा कर दिया लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार के निर्देश पर डीएलबी महकमा हरकत में आया है और शिकायतों की जांच का सिलसिला शुरू हो चुका है। कुल मिलाकर नगरपालिका भाजपा बोर्ड की कारगुजारियों की जांचे शुरू हो चुकी है अब देखना ये है कि इन जांचो का शिकार कौन कौन होता है !
तिलक माथुर
*9251022331*