शिक्षित बालक ही देश का भविष्य

अजमेर, 13 मार्च। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सयुक्त तत्वाधान में अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की बुनियादी शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु कार्याशाला का आयोजन बुधवार को सूचना केन्द्र, अजमेर में किया गया। कार्याशाला के आंरभ में मदरसों के बच्चों द्वारा समस्त अतिथियों का गुलदस्ते-शाल भेंट कर अभिनन्दन किया गया।
श्री रजनीकांत ,सदस्य राष्टीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ,नई दिल्ली ने उदबोधन में कहा कि मुख्य रूप से 6 वर्ष से 14 वर्र्ष के बच्चों को बुनियादी शिक्षा के अधिकारों के प्रति जागरूकता तथा शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 पश्चात बच्चों की बुनियादी शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती हैं। प्रति बच्चे 450 रूपये की राशि निर्धारित की गई लेकिन यह बात आमजन तक पहुंच नहीं पा रही हैं। इसलिए राष्टीय बाल संरक्षण आयोग की तरफ से देश के विभिन्न स्थानों पर कार्यशाला आयोजित कर प्रचार प्रसार किया जा रहा हैं। अल्पसंख्यक समुदायों में शिक्षा का स्तर सही करने के लिए समाज के शिक्षित व्यक्तियोे को आगे आकर सुधार करें।
श्री एस पी सिंह,राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग , जयपुर ने अपने उदबोधन में कहा कि बाल अधिकारों के लिए अभिभावकों को जागरूक होना पडेगा ताकि बुनियादी शिक्षा बच्चों तक पहुंच सकें
डॉ. सीमा जोशी , राज्य बाल संरक्षण आयोग , जयपुर ने कहा कि बुनियादी शिक्षा के साथ धार्मिक शिक्षा पर जोर दिया । ऎसी कार्यशालाओं का निरन्तर आयोजन होना चाहिएंं।
श्रीमती उमा रत्नू ने कहा कि बच्चों के शिक्षा के अधिकार को समझने पर जोर दिया। बच्चों में लिंग भेद का विरोध किया।

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