नानक दुखिया कुल संसार

केकड़ी 2 मई ।परमात्मा के नाम अनेक हैं पर परमात्मा एक है आज दुनिया में हर इंसान दुखी है अशांत है क्योंकि वह अनेकता में भटक रहा है एक अविनाशी को नहीं जान पा रहा है उक्त उद्गार कोटा से आए ज्ञान प्रचारक संत मनोहर लाल ने बंजारा मोहल्ला स्थित राजकमल भवन पर आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किए मीडिया सहायक राम चंद टहलानी के अनुसार संत मनोहर लाल ने कहा कि हर गांठ खुल सकती है पर मन में जो गांठ पड़ जाती है उसे खोलना मुश्किल है इंसान को मन के भेद को समाप्त करना होगा इसी से सहजता आएगी,मन प्रसन्न होगा।
सारी कायनात एक परमात्मा की बनाई हुई है परमात्मा बड़ा ही कुशल कलाकार है एक-एक चीज आवश्यकता के अनुसार सभी के लिए बनाई दिन काम तो रात आराम के लिए बनाई है। इसको जानकर इसकी जितनी महिमा गाए जावे गुणगान किया जाए कम है। इंसान को दुनिया के हर कार्य करते हुए इसका धन्यवाद किया जाना चाहिए, शुक्रिया अदा किया जाना चाहिए।निरंकारी मिशन में भी समय-समय पर आए हुए संतो महापुरुषों ने इसी एक परमात्मा की लगता का संदेश दिया।
श्री राम जी ,रावण एवं श्री कृष्ण जी और कंस की राशि एक ही थी पर उनके कर्म के अनुसार श्री राम जी एवं श्री कृष्ण पूजनीय हो गए रावण और कंस का आज कोई नाम लेना भी पसंद नहीं करता। इसलिए इंसान को प्यार, नम्रता, सहनशीलता को अपना कर जीवन जीना होगा । जहां मेरा- मेरा है वहां दुख ही दुख है जहां तेरा -तेरा है वहां सुख ही सुख है इंसान ने आज इंसान स्वयं के लिए नहीं दूसरों के लिए जी रहा है कि लोग क्या कहेंगे इसी में वह दुखी हुआ जा रहा है परमात्मा ने कभी किसी के लिए कमी नहीं रखी सबका ध्यान रखते हुए सब की आवश्यकताओं को पूरा किया है और हमें दुखी हुए जा रहे हैं।
सत्संग के दौरान नमन,कोमल, प्रिया,निम्मी,गायत्री,ईश्वरी,दीपा, सरिता,कंचन,पायल,विधि,हेमा, आशा रंगवानी,गुड्डू,रेशमा आदि ने गीत विचार भजन प्रस्तुत किए संचालन संगीता टहलानी ने किया।

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