– 23 से 26 जून के मध्य लेह-लद्धाख मे हो रहा है आयोजन
– राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सिल्वर जुबली उत्सव में भी लेंगे भाग
– राष्ट्रीय एकता, अखण्डता व समरसता का प्रतीक एवं बोद्ध-वैदिक संस्कृति के समन्वय का परिचायक है लेह-लद्धाख में आयोजित सिन्धु दर्शन उत्सव
देवनानी ने बताया कि राष्ट्रीय एकता, अखण्डता व समरसता का प्रतीक एवं बोद्ध-वैदिक संस्कृति के समन्वय की परिचायक सिन्धु दर्शन यात्रा के इस आयोजन में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या लोग पहुंच रहे है। उन्होंने बताया कि भाग लेने वाले यात्रियों को लेह-लद्धाख क्षेत्र में प्रकृति के अनुपम सौन्दर्य को देखने व मन को छू लेने वाले प्राकृतिक दृश्यों का आनन्द उठाने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें पवित्र सिन्धु नदी में स्नान के अवसर से आध्यात्मिक संतुष्टि की भी निश्चित ही अनुभूति होगी।
देवनानी ने यात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम दिवस 23 जून को स्थानीय स्थलों के दर्शन व सिंधु भवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया जाएगा। दूसरे दिन 24 जून को सिन्धु नदी में पवित्र स्नान व बहिराणा साहिब का आयोजन तथा सांस्कृति कार्यक्रम व लंगर प्रसाद का आयोजन होगा। तीसरे दिन 25 जून को पेंगोंग नदी की ट्रीप तथा यात्रा के अन्तिम दिन 26 जून को स्थानीय स्थलों के दर्शन के साथ ही विदाई समारोह तथा राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन होगा।