महिला व्याख्याता और प्राचार्य आपस में भीड़े

अजमेर 25, जुलाई। राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय में अग्रेंजी विषय की व्याख्याता अलका देश बाहरी विद्यार्थियों को महाविद्यालय समय में ट्यूशन पढ़ाने के मामले में प्राचार्य विनय चन्द्र झॉ ने अग्रेंजी व्याख्याता को ऐसा नही करने की नसीहत दी। इस मामले में प्राचार्य और व्याख्याता दोनों के बीच बहस हो गई। बाहरी विद्यार्थियों को प्राचार्य ने डाट फटकार लगाकर महाविद्यालय से निकाल दिया। जिसमें प्राचार्य ने बच्चों की समस्याओं का ध्यान में रखते हुए व्याख्याता अलका देश को संस्कृत महाविद्यालय में नामांकित विद्यार्थी को पढ़ाने और बाहरी विद्यार्थियों को नही पढ़ाने के लिए निर्देशित किया लेकिन व्याख्याता और प्राचार्य का बहस का मुख्य कारण अग्रेंजी व्याख्याता के बाहरी बच्चों को बाहर निकालना है। महाविद्यालय प्रशासन एक मात्र महिला व्याख्याता के इस तरह के व्यवहार से परेशान है और आयदिन ऐसी घटनाऐं महाविद्यालय में होती रहती है। क्योंकि महिला व्याख्याता प्राचार्य के कार्यालय कार्या एवं व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप करती रहती है। प्राचार्य के मना करने के बावजूद महिला व्याख्याता कई दिनों से बाहरी विद्यार्थियों को ट्यूशन दे रही थी। जबकि राज्य सरकार के आदेशों की मान तो कोई भी सरकार अध्यापक / व्याख्याता राजकार्य के कर्तव्य पर रहते किसी भी तरह का ट्यूशन नही दे सकते है। इस संदर्भ में महाविद्यालय विद्यार्थियों ने प्राचार्य को ज्ञापन नही दिया क्योंकि विद्यार्थियों को ऐसा डर भी रहता है कि कही उनका महाविद्यालय वार्षिक परीक्षा में परिणाम खराब ना हो जाये। गत कई दिनों से जहां महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्रा महाविद्यालय के नवीनतम भवन में स्थानान्तरित नही होने के लिए आन्दोलन के साथ-साथ कक्षा कक्षों का बहिष्कार कर रहे है इसी कड़ी में महाविद्यालय के अग्रेंजी विषय के व्याख्याता महाविद्यालय के बाहरी विद्यार्थियों को ट्यूशन पड़ा रहे है। वर्तमान समय में महाविद्यालय में लगभग 150 का विद्यार्थी का नामांकन है लेकिन नियमित महाविद्यालय 15 से 20 बच्चे ही आते है। क्योंकि संस्कृत महाविद्यालय में फैली अव्यवस्थाओं व सुविधाओं के अभाव में नियमित महाविद्यालय भी नही आते हैं। विद्यार्थी संस्कृत महाविद्यालय को नवीनतम भवन में स्थानान्तरित करवाने के लिए हर हद तक प्रयास कर चुके है विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री, संस्कृत शिक्षा मंत्री, निदेशक संस्कृत शिक्षा, जिला प्रशासन व महाविद्यालय प्रशासन को अनेक बार गुहार लगाई लेकीन संस्कृत महाविद्यालय अपना नवीन भवन में स्थानान्तरित नही हो रहा हैं।

Jitendra Sankhala

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