– राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि (संशोधन) विधेयक पर सदन में बोले देवनानी
– राजनैतिक दुर्भावनावश कुलपतियों को हटाने के लिए लाया गया संशोधन विधेयक
– अच्छा होता कि मेडिकल काॅलेज से सम्बद्ध चिकित्सालयों के सुधारे जाते हालात
उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के हालात यह है कि इनके द्वारा प्रदेश में पैरा मेडिकल कोर्सेस चलाये जा रहे परन्तु उनकी राजस्थान पैरामेडिकल काउन्सिल से मान्यता ही नहीं ली गई जिससे हजारों विद्यार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है तथा मान्यता के अभाव में उन्हें नौकरी के लिए योग्य नहीं माना जा रहा है। इसके अधिक आश्चर्य की बात यह है कि विश्वविद्यालय की स्थापना को 12 वर्ष हो गये है परन्तु कुलपति नियुक्ति को लेकर ना तो कोई योग्यता निर्धारित है और ना ही कोई सेवानियम बने है। सरकार ने नियुक्ति के लिए तो नियम नहीं बनाए परन्तु हटाने के लिए विधेयक लाने में बहुत शीघ्रता की।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कुलपतियों को हटाने के लिए संशोधन विधेयक लाया गया है परन्तु इसके स्थान पर अच्छा होता कि सरकार मेडिकल काॅलेज से सम्बद्ध चिकित्सालयों की चिन्ता करती और उनके सुधार के लिए प्रयास करती। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय से जुड़े मेडिकल काॅलेज व उनसे सम्बद्ध चिकित्सालयों के हालात बहुत चिंताजनक है। जयपुर के एस.एम.एस. चिकित्सालय में आई.सी.यू. वार्ड में छत के प्लास्तर गिर रहे है। अस्पताल की बिल्डिंग की हालत खराब है। अजमेर के जे.एल.एन चिकित्सालयय की भी हालत दयनीय है। कल की बारिश से चिकित्सालय तालाब बना हुआ है। उन्होंने एक बार फिर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से कहा कि वे केवल उनके विधान सभा क्षेत्र केकड़ी के ही मंत्री नहीं है। उन्हें अन्य चिकित्सालयों की व्यवस्थाओं के सुधार पर भी ध्यान देना चाहिए।