णमोकार व अहंकार एक दूसरे के विपरीत-प्रसन्न सागर महाराज

उज्ज्वल जैन/सरवाड़। दिगंबर जैन संत प्रसन्न सागर जी महाराज का मंगल प्रवेश सरवाड़ में हर्ष और उल्लास के साथ हुआ । संत प्रसन्न सागर जी महाराज एवम प्रणीत सागर जी महाराज ने प्रात : 9 बजे सरवाड़ अहिंसा संस्कार पदयात्रा के तहत प्रवेश किया । जैन समुदाय के लोगो ने संतो का जोरदार स्वागत किया एवम उनकी अगुवाई की । इस अवसर पर जगह – जगह स्वागत गेट लगाये गए एवम पुष्पवर्षा कर संतो का स्वागत किया गया । मंगल प्रवेश के अवसर पर जुलुस चमन चौराहा से प्रारम्भ हुआ जो बस स्टैंड, सदर बाज़ार होते हुआ महावीर भवन पंहुचा जहाँ जुलुस धर्म-सभा के रूप में परिवर्तित हो गया । इस अवसर पर प्रसन्न सागर महाराज ने कहा की वे अहिंसा संस्कार पदयात्रा के तहत लोगो को अहिंसा के मार्ग पर चलने का सदुपदेश दे रहे है । उनकी यात्रा का शुभारम्भ असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने गुवाहटिया में किया । उन्होंने कहा की हमे हिंसा से बचाकर अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए । णमोकार एवम अंहकार अक दुसरे के विपरीत है । इस अवसर पर जैन समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन ताराचंद अजमेरा  ने  किया ।

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