सावर सत्ताईसा की एक दर्जन ग्राम पंचायतों के ग्रामीण प्यासे

तिलक माथुर
केकड़ी विधानसभा क्षेत्र के सावर सत्ताईसा में पिछले महीने लगातार हुई बारिस के चलते आस-पास के नदी नालों में उफान आ गया और चारों तरफ पानी ही पानी हो गया, मगर फिर भी पिछले एक माह से सावर सत्ताईसा क्षेत्र की करीब एक दर्जन ग्राम पंचायतों के ग्रामीण पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। जानकारी के अनुसार गत महीने जमकर हुई बरसात से खारी नदी में उफान आने से पानी के तेज बहाव में सावर क्षेत्र को पेयजल आपूर्ति करने वाली पाईप लाइन का कुछ हिस्सा बह गया। पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद से सावर क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पेयजल संकट को लेकर इस क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है, अच्छी बरसात और बीसलपुर बांध लबालब होने के बावजूद बांध के सबसे निकट के क्षेत्र सावर सत्ताईसा में लोग पीने के पानी को लेकर अब भी जूझ रहे हैं, हालांकि पानी की किल्लत तो इस क्षेत्र के कई गांवों में पूरे सालभर से बनी हुई है।सावर तहसील क्षेत्र की 13 ग्राम पंचायतों में से एक दो को छोड़कर अन्य पंचायतों मेहरुकला, गोरधा, कुशायता, चितिवास, घटियाली, कालेड़ा कवर जी, टाँकावास, बाजटा, सावर व सदारा पंचायत के गांव शामिल है, जहां पानी की जबरदस्त किल्लत बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि पिछले माह सावर केकड़ी मार्ग पर स्थित खारी नदी की रपट पर स्थित पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद जलदाय विभाग ने सावर कस्बे के लिए 21अगस्त से ही पेयजल स्त्रोत (टंकियों) में टेंकरो से पानी डालकर पेयजल आपूर्ति करने की वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की थी। लेकिन खारी नदी में पानी कम पड़ जाने के कई दिनों बाद भी जलदाय विभाग ने पाइप लाइन को दुरुस्त करने की कोशिश तक नहीं की, जिसकी वजह से सावर कस्बे के लिए पेयजल आपूर्ति करने के लिए विभाग को रोजाना करीब 70-80 हजार रुपए टेंकरों पर खर्च करने पड़ रहे हैं। जलदाय विभाग के अनुसार सावर कस्बे में पानी सप्लाई के लिए टेंकरों से करीब 125 टेंकर पानी रोजाना जल स्त्रोत स्टोरेज में डाला जा रहा है, जिसमें रोजाना लगभग 70-80 हजार रुपये का खर्च हो रहे हैं। पिछले 22 दिनों में लगभग 16-17 लाख रुपये खर्च किये जा चुके हैं। जबकि पिछले 8-10 दिनों पूर्व ही नदी में पानी का बहाव एकदम कम हो गया था अगर विभाग के अधिकारी चाहते तो पाइप लाइन को दुरुस्त कर सभी पंचायतों में पेयजल आपूर्ति फिर से शुरू की जा सकती थी वहीं टेंकरों पर की जा रही फिजूल खर्ची को रोका जा सकता था, लेकिन अब भी जलदाय विभाग के अधिकारी पाइप लाइन को जोड़ने की जहमत नही उठा रहे हैं अब तो नदी में पानी भी नहीं है। जलदाय विभाग के अधिकारियों को पता है कि यह इलाका क्षेत्रीय विधायक व राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा का गृह क्षेत्र है उसके बावजूद घोर लापरवाही ! इसी बीच सूत्रों के हवाले से यह जानकारी आ रही है कि टेंकरों से हो रही आपूर्ति में भी कमीशनखोरी चल रही है। बताया गया है कि इस मामले में भी बहुचर्चित एक मास्टर माइंड का दिमाग चल रहा है जिसके चलते टेंकरों से सप्लाई में कमीशनखोरी हो रही बताई। बताया जा रहा है कि टेंकर सप्लाई से जहां सम्बंधित चहेते ठेकेदार को तो रोजगार मिल रहा है वहीं मास्टर माइंड की भी जेब भी गरम हो रही है। अब बताओ हर जगह यह कमीशनखोरी, आखिर कब तक चलेगा ये सब ? इस बार क्षेत्र के लोग सजग हैं, ज्यादा दिन चलने वाला नहीं जगह-जगह भ्रष्टाचार। कभी तो भरेगा पाप का घड़ा !

तिलक माथुर 9251022331*

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