अजमेर 21 सितम्बर। अजमेर चुंगी नाके के पास पुष्करराज स्थित शान्तानन्द उदासीन आश्रम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भिरिया-सिन्ध के शहंशाह बाबा हरीराम साहिब के शिष्य सतगुरू बाबा हिरदाराम साहिब जी का 114 वां जन्मोत्सव व महन्त राममुनी उदासीन, संत आतमदास माधवदास उदासीन, संत ईश्रदास उदासीन, गौतमसाई, संतो के सानिध्य में रुद्र अभिषेक हवन मूर्ति, समाधी स्थल की पूजा व महाआरती, भण्डारा के साथ सम्पन्न हुआ।सभी श्रदालुओं ने स्वामी जी की जीवन यात्रा से बनी थ्रीडी व प्रीन्ट मिडिया में बनी जीवन यात्रा से आमजन का संदेश का दर्शन लाभ लिया।
महंत हनुमानराम उदासीन ने बताया कि स्वामी हिरदाराम जी हमेशा पुष्कर प्रसाद में बूढा, बच्चा, और बीमार हैं, परमेश्वर को याद करें इनकी सेवा पायेंगे लोक परलोक में सुख अपार को आशीर्वाद हमेशा सबको देते थे और कहते थे ईश्वर का भजन करने से मन पवीत्र होता है, और सेवा में मन लगता है। स्वामी जी संदेश में कहां करते थे मानव सेवा ही माधव सेवा है, त्याग, तपस्या, से सादगी से प्राप्त उज्जवल विचार प्रभु की राह की ओर ले जाती है, स्वामी जी ने अपने अन्तिम दिनों में संदेश दिया कि सेवा की राह पर जो चलता हुआ मिल जायेगा उन कदमों से पूछना मेरा पता मिल जायेगा। ऐसा संदेश उन्होंने सादगी भरे जीवन में दिया।
प्रातः रुद्र अभिषेक, हवन, महाआरती, भण्डारा में के साथ सम्पन्न हुआ, जिसमें स्वामी जी से जुड़े अजमेर व पुष्कर के साथ-साथ बेरागढ़, भोपाल, जयपुर, भरतपुर, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजधानी दिल्ली और देश-विदेश से जुड़े भक्तगण मौजुद रहे। कंवल प्रकाश किशनानी, प्रकाश मूलचंदानी, हरि चन्दनानी, प्रेम केवलरमानी, हरिराम कोढवानी, महेन्द्र तीर्थानी, प्रभु लौंगानी, पी.आई. टोपानी, नरेश बागानी, मोहन तुलसानी, दीपक श्रीचन्द सादवानी, रमेश टिलवानी, महेन्द्र, पारस लौंगानी, मनीष प्रकाश, दीनू आदि उपस्थित थे।
कंवलप्रकाश किशनानी
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