दिमाग का हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता-डाॅ सिद्धार्थ

सिर दर्द भी हो तो हल्के से ना लें
जटिल स्कल बेस ब्रेन ट्यूमर का मित्तल हाॅस्पिटल में हुआ सफल आॅपरेशन
डीडवाना के बूडोर गांव की महिला को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में मिला निःशुल्क उपचार

डाॅ सिद्धार्थ वर्मा
अजमेर, 24 सितम्बर( )। डीडवाना, नगौर स्थित बूडोर गांव की महिला के जटिल स्कल बेस ब्रेन ट्यूमर का मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में सफल उपचार हुआ। महिला को उपचार के बाद घर के लिए छुट्टी दे दी गई। मित्तल हाॅस्पिटल के न्यूरो सर्जन डाॅ सिद्धार्थ वर्मा ने यह इलाज किया। चिकित्सकीय भाषा में इस तरह के ट्यूमर को ‘‘आॅल्फेक्ट्री ग्रूव मेनिनजिओमा’’ के नाम से जाना जाता है। इस ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित के सूंघने की क्षमता कम हो जाती है, उसे दिखाई देना बंद हो जाता है, बेहोशी छाने लगती है या कभी कभी दौरे पड़ने लगते हैं।
डाॅ सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि पीड़ित महिला को एक माह से अचानक दोनों आंखों से दिखना कम हो गया था। महिला को बहुत ही मामूली दिखाई दे रहा था। परिवारजनों में पति के विदेश में मजदूरी के लिए गए हुए होने के कारण उनके भाई ने आंखों के डाक्टर को दिखाया। आंखों के डाक्टर की सलाह पर उनकी एमआरआई कराई गई तो पता चला कि महिला के स्कल बेस ब्रेन ट्यूमर है।
डाॅ वर्मा ने बताया कि जब मरीज उनके पास आया तो जांच में पाया गया कि ब्रेन ट्यूमर का उनके आंखों की नसों और सूंघने की नसों पर प्रभाव बढ़ा हुआ था। इसी कारण पीड़ित को दिखाई देना भी कम हो रहा था। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसे मरीजों में बेहोशी होना, उल्टी होना, सिर दर्द होना, ब्यवहार में परिवर्तन आना आदि लक्ष्ण दिखाई देने लग जाते हैं। शुरुआत के इन लक्षणों को ही पहचान कर डाक्टर से सम्पर्क किया जाए तो इसका सफल इलाज संभव हो सकता है।
डाॅ सिद्धार्थ वर्मा ने कहा कि जितना जल्दी आॅपरेशन होता है उतने ही परिणाम भी अच्छे होते हैं। उन्होंने कहा कि दिमाग का हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता। बहुत से लोग सिर दर्द को भी बहुत ही हल्के से लेने लगते हैं। सिर दर्द होने पर भी अपने नजदीकी डाक्टर से सलाह जरूर करें। कई बार कभी नहीं रुकने वाला सिर दर्द का कारण भी ब्रेन ट्यूमर या अन्य हो सकता है। महिला का उपचार करने वाली टीम में न्यूरो सर्जन डाॅ सिद्धार्थ वर्मा के अलावा निश्चेतन विषेशज्ञ डाॅ राजीव पांडे, सहयोगी स्टाफ मुकेश, नमोनारायण, रामेश्वर सिंह व ऋशि का सराहनीय योगदान रहा।
महिला के भाई रघुवीर ने बताया कि उसकी बहन का पति (जीजा) तो विदेश में खाने कमाने गया हुआ है। पीछे से बहन ही अपने दो बच्चों के साथ अकेली ही रहती है। यहां राज्य सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़े होने के कारण उसे इतना सहज उपचार मिल सका। रघुवीर ने मित्तल हाॅस्पिटल में उनकी बहन का अच्छे से उपचार होने पर शुक्रिया किया।
निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सभी सुपरस्पेशियलिटी सेवाओं में सर्जरी के लिए अधिकृत है। हृदय रोग, दिल में छेद, हाथ-पैरों की खून की नसों में रूकावट आदि दिल की बीमारियों से पीड़ित, ब्रेस्ट कैंसर, बच्चादानी का कैंसर, मुंह व गले का कैंसर, नसों की बीमारियों जैसे सिर या रीढ़ की हड्डी में चोट, ब्रेन हेमरेज, ब्रेन ट्यूमर, सियाटिका आदि से पीड़ित रोगी, पेशाब की थैली एवं नली की पथरी, प्रोस्टैट की समस्या, पेशाब की धार की कमजोरी, नली की रुकावट, खून जलन व बार-बार पेशाब आना, स्त्रियों में खांसी, व छींक के साथ पेशाब का रिसाव, बच्चों में मूत्र संबंधित समस्याओं से पीड़ित, गुर्दे से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित डायलिसिस पर चल रहे सैकंड़ों रोगियों को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में लाभ मिल चुका है। ब्रेन व स्पाइन रोग सर्जरी के लिए तो मित्तल हाॅस्पिटल एक प्रमुख संस्थान बन गया है।

सन्तोष गुप्ता
प्रबंधक जनसम्पर्क/9116049809

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