अपनी आत्मा से साक्षात्कार किया जा सकता है

अजमेर 26 सितम्बर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि गांधीजी के जीवन के उच्च आदर्शों को जीवन में अपनाया जाये तो अपनी आत्मा से साक्षात्कार किया जा सकता है। गांधी स्वयं अपनी आत्मा की आवाज के आधार पर जिये और आत्मधर्म तथा आत्मबल के आधार पर उन्होंने भारत को अंग्रेजों की दासता से मुक्ति दिलाई।
श्रीमती चौधरी गुरूवार को राजीव गांधी सभागार में गांधीजी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष में गांधी दर्शन पर आधारित त्रि-दिवसीय राज्य स्तरीय सृजनात्मक प्रतियोगिताओं के समापन समारोह में विजेताओं को पुरस्कार वितरण कर रही थी। उन्होंने गांधी दर्शन की व्याख्या करते हुए बच्चों को सीख दी कि सत्य और अहिंसा आत्मा के गुण है। इस गुण के आधार पर बड़ी से बड़ी मुश्किल पर पार पा सकते है। महात्मा गाँधी प्रमुख राजनीतिक, दार्शनिक एवं समाज सुधारक होने के साथ साथ एक महान शिक्षा शास्त्री भी थे। उनके अनुसार शिक्षा द्वारा बालक का विकास इस प्रकार किया जाना चाहिए, वह स्वयं को पहचान सके व स्वयं के माध्यम से सत्य का साक्षात्कार करने में सफल हों। वे शिक्षा को चारित्रिक विकास का आधार मानते थे।

उन्होंने कहा कि आईंस्टाईन ने कहा था ‘‘आने वाली पीढियाँ इस बात पर शायद ही विश्वास करें कि हाड़ मांस का ऐसा कोई व्यक्ति धरती पर रहा था जिसने बिना हथियार उठाये अपने देश को आजाद कराया और संसार को सत्य एवं अहिंसा का पाठ पढ़ाया। गाँधी ने भारत के राष्ट्रीय आंदोलन को अहिंसात्मक संघर्ष एक नई शैली, जिसे ‘‘सत्याग्रह‘‘ कहा जाता है, प्रदान की। जिसे सारा विश्व आश्चर्य चकित होकर देखता रहा।
समारोह कि अध्यक्षता करते हुए बोर्ड की वित्तीय सलाहकार श्रीमती आनन्द आशुतोष ने कहा कि गांधीजी हमेशा आत्मनिरीक्षण के पक्षधर रहे है। गांधीजी युवाओं को सामाजिक परिवर्तन का सबसे बडा हथियार मानते थे। वे हमेशा चाहते थे कि सामाजिक परिवर्तनों और कुरीतियों के विरूद्ध युवा आवाज उठायें। उनका मानना था कि शोषणमुक्त, स्वावलम्बी, परस्परपोषक समाज के निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी में छुपी प्रतिभा के लिए उसे छोटी उम्र में मंच मुहैया कराना जरूरी है। शिक्षक को ऐसे विद्यार्थियों को समाज के आगे लाना होगा जो मौके और मंच के अभाव में जिनकी प्रतिभायें दब गई हो। कर्मशील और सर्वगुण सम्पन्न युवाओं का निर्माण करना शिक्षकों का ही दायित्व है। भारत का टेक्नोलॉजी और संचार प्रौद्योगिकी में विश्व में डंका बज रहा है परन्तु बचपन पर भी टेक्नोलॉजी का प्रभाव हावी हो रही है। बच्चा छोटी उम्र से इन्टरनेट और मोबाइल के जाल में फंसकर गायन, चित्रकला और आउडोर गेम्स जैसी विधाओं से दूर हो गया है। राजस्थान बोर्ड बचपन की इन्हीं विधाओं को विद्यार्थियों में जीवन्त करने के लिए कटिबद्ध है। इसी दृष्टि से बोर्ड द्वारा अपने से संबद्ध लगभग 40 हजार विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर गायन, निबन्ध, चित्रकला, आशुभाषण और क्विज जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।

निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.महिपाल उ.मा.विद्यालय, सागवाडा, डूंगरपुर के सुभम पाटीदार द्वितीय स्थान पर रा.बा.उ.मा.विद्यालय बजाज रोड, सीकर की सुनैना कुमावत व तृतीय स्थान पर नवदीप पब्लिक उ.मा.विद्यालय, सवाई माधोपुर की कु. सृष्टि गौतम रही। आशुभाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.बा.उ.मा.विद्यालय बाडमेर के तेजु चौधरी द्वितीय स्थान पर रा.बा.उ.मा.विद्यालय, फायसागर रोड, अजमेर की कनुप्रिया अग्रावत और तृतीय स्थान पर जवाहर लाल नेहरू उ.मा.विद्यालय भीन मण्डी कोटा के शिवराज सिंह चौहान रहे। क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, मोयणा (अजमेर) के नरेन्द्र सिंह रावत द्वितीय स्थान पर सेठ दुलीचंद सेठिया रा.उ.मा.विद्यालय बिदासर ,चुरू की मुन्नी कंवर तथा तृतीय स्थान पर रा.बा.उ.मा.विद्यालय, हिण्डोली, बूंदी के मानस दाधीच रहे। चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर सेठ बंशीधर जालान रा.उ.मा.विद्यालय, बिरलगढ, चुरू के विकास डूडी द्वितीय स्थान पर रा.बा. उ.मा.विद्यालय, टाउन, डूंगरपुर की कु. जसोर्भि घोघरा और तृतीय स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय, झालावाड के ललित सुमन रहे। एकलगीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर गुलकंदी देवी आदर्श विद्या मन्दिर उ.मा.विद्यालय, गंगापुरसिटी की काजल जादो द्वितीय स्थान पर रा.उ.मा.विद्यालय मोहनगढ, जैसलमेर के असलम और तृतीय स्थान पर जवाहर लाल नेहरू रा.उ.मा.विद्यालय, भीनमण्डी कोटा की राखी वर्मा रही।

समारोह को बोर्ड की विशेषाधिकारी सुश्री भावना गर्ग ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर निदेशक (शैक्षिक) डॉ. प्रताप भानु, उपनिदेशक-परीक्षा शिवशंकर अग्रवाल, उपसचिव – मंघाराम तोलानी, उपनिदेशल लेखा- राजेश निर्वाण और सहायक निदेशक-राजेन्द्र सक्सैना व अनिल गोयल भी उपस्थित थे। अन्त में सावित्री बालिका सीनियर सैकण्डरी स्कूल प्राचार्या श्रीमती लीलमणी गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

उप निदेशक (जनसम्पर्क)

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