लोक कलाएं संस्कृति की परिचायक, कभी विलुप्त नहीं होती – गहलोत

“तीन तिवारी – बिरन बेटी” कला प्रदर्शनी का समापन

तीन दिवसीय लोक कला प्रदर्शनी तीन तिवारी – बिरन बेटी” का समापन समारोह दयानंद महाविद्यालय के सभागार में मुख्य अतिथि नगर निगम मेयर धर्मेंद्र गहलोत व विशिष्ट अतिथि कला विद श्री राम जैसवाल, प्राचार्य डॉ लक्ष्मीकांत शर्मा, साहित्यकार पूनम पांडे व पार्षद विजय जी के सानिध्य में संपन्न हुआ l
कलाकारों को सम्मानित करते हुए मेयर गहलोत ने कहा लोक कलाएं किसी क्षेत्र की कला एवं संस्कृति की परिचायक होती है यह पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती जाती है यह कभी भी लुप्त नहीं हो सकती l विशिष्ट अतिथि राम जैसवाल ने कहा कला भीड़ में से आदमी को बाहर निकाल लाती है लोक कला संस्थान अजमेर में कला के क्षेत्र में नित नए कार्य कर रहा है जो काबिले तारीफ है l प्राचार्य डॉ. लक्ष्मीकांत शर्मा ने घोषणा की महाविद्यालय का मंच, कला दीर्घा सदैव कलाकारों के लिए खुला है l कलाकारों की हौसला अफजाई के लिए 1100, 1100, 700 व 500 के नकद पुरस्कार घोषित किए l
कार्यक्रम संयोजिका रितु शिल्पी ने बताया कि प्रदर्शनी में सहभागि सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया l साथ ही मांडना प्रतियोगिता में कनिष्ठ वर्ग में प्रथम असमी दूसरे स्थान पर सृष्टि रही l वरिष्ठ वर्ग मैं प्रथम सोनिया व दामिनी रही , द्वितीय पन्ना लाल सैनी, तृतीय अस्मिता, सांत्वना स्मिता ओझा व मोनिका सिंह रही l निर्णायक पूनम पांडे व अंबिका हेड़ा थी l निर्णायक मंडल की ओर से विशेष पुरस्कार मांडणा ग्रुप को दिया गया जिसमें अलका शर्मा, मीनाक्षी मंगल, रोमिना गर्ग, छवि दगदी, अक्षरा महेश्वरी, मंदीका तुनवाल थी l
कार्यक्रम का संचालन लोक कला संस्थान के अध्यक्ष संजय कुमार सेठी ने किया l अंत में धन्यवाद डॉ. रफीक खान ने दिया l कार्यक्रम में विशेष सहयोग डॉ अनीता शर्मा, कविता शर्मा, उन्नति शर्मा, वीके वर्मा का रहा l
Sanjay Sethi
9414002387

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