पेशाब संबंधी तकलीफ के निदान में आॅपरेशन होना जरूरी नहीं
मित्तल हाॅस्पिटल में लगा निःशुल्क मूत्र रोग परामर्श शिविर
अजमेर शहर सहित दूर-दराज गांव- देहात से आए वयोवृद्ध व युवा रोगी
अजमेर, 24 नवम्बर( )। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर में रविवार, 24 नवम्बर को सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक निःशुल्क मूत्र रोग परामर्श शिविर आयोजित हुआ। शिविर में अनेक युवा, महिलाएं और वयोवृद्ध पीड़ित लाभांवित हुए। मित्तल हाॅस्पिटल के पथरी, प्रौस्टेट एवं मूत्र रोग विषेशज्ञ डाॅ संतोष कुमार धाकड़ ने पंजीकृत रोगियों को अपनी निःशुल्क परामर्श सेवाएं प्रदान कीं। शिविर का लाभ पाने के लिए अजमेर शहर सहित दूर- दराज के गांव देहात से अनेक पीड़ित पहुंचे।
मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के यूरोलाॅजिस्ट डाॅ संतोष कुमार धाकड़ ने बताया कि गुर्दे, मूत्रनली, पेशाब की नली की पथरी, प्रौस्टेट ग्रंथी का बढ़ना, दिन व रात को बार-बार पेशाब लगना, पेशाब की धार में कमी होना, पेशाब का बूंद-बूंद टपकना, पेशाब नली में रुकावट होना, किडनी, प्रौस्टेट, पेशाब नली का कैंसर, खांसी व छींक के साथ पेशाब का निकलना आदि रोगों से पीड़ित वरिष्ठ पुरुष एवं महिलाओं ने शिविर का लाभ उठाया।
डाॅ धाकड़ ने इस अवसर पर मूत्र रोग पीड़ितों को सलाह दी कि रोग को छिपाने से अथवा नजरअंदाज करने से वह बढ़ जाता है। कई बार मूत्र रोगी अनजाने में अथवा अपनी झिझक या लापरवाही से रोग को इतना बढ़ा लेते हैं कि उसका असर शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ने लगता है। रोगी को पता तब चलता है जब तक देर भी हो चुकी होती है।
डाॅ धाकड़ ने लोगों को स्पष्ट किया कि बिना आॅपरेशन के भी पेशाब व प्रौस्टेट संबंधी बीमारी ठीक हो जाती हैं। इसके लिए उपयुक्त चिकित्सक की सलाह के साथ खूब पानी पीने, नियमित दवाइयां लेने और नित व्यायाम, योग प्राणायाम भी कारगर होते हैं। उन्होंने बताया कि वृद्ध लोग पेशाब पूरा नहीं कर पाने, अथवा रात में सोते हुए बार बार उठकर पेशाब करने जाने को उम्र के साथ होने वाली सामान्य बात मानते हैं। महिलाएं प्रसव के बाद अथवा किसी प्रोसीजर के बाद छींक अथवा खांसने के साथ पेशाब निकल जाने को गंभीरता से नहीं लेती हैं , इससे उनकी तकलीफ बढ़ जाती है। पेशाब की थैली में बचा हुआ पेशाब, शरीर के दूसरे अंगों पर असर डालने लगता है। इसलिए बिना किसी झिझक के उन्हें चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए और अपनी जांच करानी चाहिए।
डाॅ धाकड़ ने बताया कि वर्तमान में युवाओं को यौन संबंधित बहुत सी परेशानी सामने आ रही हैं, ऐसा संभव है उनके लाइफ स्टाइल के कारण हो रहा है, किन्तु वे इसे छिपाए रहते हैं। युवा वर्ग इस झिझक में कि डाॅक्टर से सलाह लेंगे तो किसी को पता चल जाएगा वे अपनी तकलीफ को बढ़ा बना लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे युवाओं को इधर-उधर की सलाहों से बचना चाहिए और उपयुक्त यूरोलाॅजिस्ट से सलाह पर अपनी जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की समस्या और जिज्ञासा का समाधान देने तथा लोगों को संभावित बीमारियों के बचाव के प्रति जागरूक करने के इरादे से ही इस तरह के निःशुल्क शिविर आयोजित किए जाते हैं। जिससे लोग सीधे डाक्टर से बात कर अपनी जिज्ञासा अथवा समस्या का हल पा सकें। साथ ही किसी तरह के गंभीर रोग की जकड़ में आने से स्वयं को बचा सकें।
डाॅ धाकड़ ने बताया कि रविवार को आयोजित शिविर में रोगियों को निःशुल्क परामर्श के साथ उनकी यूरोफिलोमिट्री जांच भी निःशुल्क की गई। डाॅ ने कहा कि मित्तल हाॅस्पिटल में पथरी, प्रौस्टेट और मूत्र संबंधित सभी तरह की जांचें और सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।
निदेशक डाॅ. दिलीप मित्तल ने बताया कि शिविर के दौरान चिकित्सक द्वारा निर्देशित रोगियों की यूरोफ्लोमिट्री जांच निःशुल्क गई साथ ही पंजीकृत रोगियों को अन्य निर्देशित जांचों पर 25 प्रतिशत तथा आॅपरेशन व प्रोसीजर्स पर 10 प्रतिशत तक की छूट अगले सात दिवस तक दिए जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर सुपरस्पेशियलिटी सेवाओं में मूत्र रोग संबंधित सर्जरी के लिए भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अधिकृत है। अब तक सैकंड़ों रोगी इस योजना के तहत मित्तल हाॅस्पिटल में निःशुल्क स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं।
हाॅस्पिटल के प्रबंधक जनसम्पर्क सन्तोष गुप्ता ने बताया कि रविवार, 24 नवम्बर से ही मित्तल हाॅस्पिटल में यूरोलाॅजी हैल्थ पैकेज़ के तहत मूत्र रोगों से संबंधित विभिन्न जांचें विशेष रियायती दरों पर भी उपलब्ध कराई गई हैं। इच्छुक व्यक्ति जो शिविर में नहीं आ सके हो, किन्तु वह मूत्ररोग से संबंधित जांचें चाहते हों तो वह भी यूरोलाॅजी हैल्थ चैकअप पैकेज़ का 30 नवम्बर तक लाभ उठा सकते हैं।
