जयपुर/अजमेर, 5 दिसम्बर। अजमेर अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वारा सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में भागीदारी का स्वघोषणा पत्र मांगने के मामले को लेकर पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र) एवं अजमेर उत्तर विधानसभा विधायक वासुदेव देवनानी ने कांगे्रस सरकार को आडे. हाथों लिया है।
देवनानी ने कहा कि राजस्थान में सरकार अंग्रेजी हुकुमत के नक्शेकदम पर चल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार के नकारापन को छुपाने के लिए लगातार आरएसएस पर न केवल अनर्गल टिप्पणियां कर रहे है बल्कि संघ से जुडे स्वयंसेवकों को किसी न किसी माध्यम से टार्गेट किया जा रहा है। संघ द्वारा राष्ट्रहित में किए जा रहे कार्य जग जाहिर होने के बाद भी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों से शाखा में भागीदारी का स्वघोषणा पत्र मांगना संघ और स्वयंसेवकों पर अनावश्यक मानसिक दबाव बनाने एवं भय पैदा करने का प्रयास हैै जो न केवल गैर-संवैधानिक है बल्कि सरकार का सरकारी कर्मचारियों पर अघोषित आपातकाल थोपने का सरासर अनावश्यक प्रयास है तथा उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते आंख मूंद कर सरकारी मशीनरी का भरपूर दुर्पयोग कर रही है। सरकार में बैठे सत्ताधीशों को न संघ का देशभक्तियुक्त इतिहास मालूम है और न स्वयं कांगे्रस का। अपने दल के पूर्वजों का भी इतिहास ढंग से पढ. लिया जाता तो राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों से संघ की शाखा में भागीदारी का स्वघोषणा पत्र मांगने का दुष्साहस नहीं किया जाता। उनको मालूम होना चाहिए कि चीन के आक्रमण के समय देश में आरएसएस की सकारात्मक भूमिका को देखते भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली परेड के लिए आरएसएस को आमंत्रित किया था। अगर अपने पूर्वजों का इतिहास मालूम नहीं है तोे उन्हें सही से पढ लेना चाहिए और अगर है तो उनको राजकीय कर्मचारियों और अधिकारियों से संघ की शाखाओं में भागीदार होने का स्वघोषणा पत्र देने संबंधित आदेश पुनःवापिस लेना चाहिए।
देवनानी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार इस प्रकार की सरकारी कर्मचारियों में भय पैदा करने वाली गैरकानूनी कार्यवाही को रोके नही ंतो यह बर्दास्त नहीं किया जाएगा तथा सडक से सदन तक इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।