शौचालय की आड़ में करोड़ों की वक्फ सम्पत्ति को हड़पने का आरोप

ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान और दरगाह कमेटी की मिलीभगत। मुस्लिम समाज में रोष।

अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के निकट सोलहखंबा क्षेत्र में करोड़ों रुपए के भूखंड पर शौचालय बनाने की आड़ में वक्फ सम्पत्ति का हड़पने का आरोप लगाया गया है। 11 दिसंबर को क्षेत्रीय पार्षद अमाद चिश्ती, पूर्व पार्षद गुलाम मुस्तफा चिश्ती, दरगाह के प्रमुख खादिम शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती, सैयद नफीस मियां चिश्ती, काजी अनवर अली, अब्दुल नईम खान, सरवर सिद्दीकी, काली मुनव्वर अली, बाबर चिश्ती आदि ने एक संवाददाता सम्मेलन कर आरोप लगाया कि दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन दरगाह कमेटी से मिलीभगत कर करोड़ो रुपए की वक्फ सम्पत्ति को हड़पने का प्रयास कर रहे हैं। सोलहखंबा क्षेत्र में दरगाह कमेटी की भूमि पर पूर्व में शौचालय बने हुए थे, लेकिन पिछले दिनों बरसात की वजह से जर्जर अवस्था वाले शौचालय भवन धराशायी हो गए थे। 200 वर्गगज के इस भूखंड पर दरगाह कमेटी का मालिकाना हक है, लेकिन दीवान आबेदीन ने कमेटी के अधिकारियों से मिलीभगत कर नगर निगम से भूखंड पर भवन का नक्शा स्वीकृत करवा लिया है। निगम से स्वीकृत नक्शे में बताया गया है कि भूतल पर वेटिंग रूम बनेगा और फस्र्ट फ्लोर पर लेट्रीन और बाथरूम बनेेंगे। मुस्लिम प्रतिनिधियों का कहना रहा कि दरगाह के निकट जायरीन की सुविधा के लिए शौचालय का निर्माण का कोई विरोध नहीं है। मुस्लिम समाज चाहता है कि पहले की तरह इस भूखंड पर सिर्फ शौचालय का निर्माण हो, लेकिन इस भूखंड को लेकर दरगाह कमेटी और दरगाह दीवान के बीच जो एमओयू साईन हुआ है उसमें बताया गया है कि भूतल पर दरगाह दीवान के बैठने का स्थान बनेगा और फस्र्ट फ्लोर पर शौचालय निर्मित होंगे। साथ ही सैकंड फ्लोर पर फ्लैट बनाए जाएंगे, यह दरगाह दीवान की मिल्कियत होंगे यानि गुपचुप तरीके से करोड़ों रुपए के भूखंड को हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसा पहला मौका होगा जब दरगाह के निकट ही 200 गज के भूखंड के भूतल पर वेटिंग रूम और फस्र्ट फ्लोर पर शौचालय बनाए जाएंगे। यदि जायरीन को सुविधाएं ही देनी है तो भूतल पर शौचालय बनाए जाने चाहिए। मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस संबंध में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में भी दायर की गई है। इस याचिका पर संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी हुए हैं। प्रतिनिधियों ने कहा कि दरगाह कमेटी का संचालन केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन होता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से देखा गया है कि दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान और नाजिम शकील अहमद नियमों से परे जाकर दरगाह दीवान आबेदीन की मदद कर रहे हैं। भूखंड पर दरगाह कमेटी का मालिकाना हक होने के बावजूद नगर निगम से मानचित्र दीवान आबेदीन के नाम से स्वीकृत करवाया गया है। इससे प्रतीत होता है कि शौचालय की आड़ में भूखंड को हड़पने का प्रयास हो रहा है। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से मांग की कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए।
एस.पी.मित्तल

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