विश्व का सिंधी समाज सीएए के समर्थन में

अजमेर, 5 जनवरी। विश्व के सिंधी समाज ने भारत सरकार द्वारा लागू किये गये सीएए कानून का पुरजोर समर्थन किया है। विश्व सिंधी सेवा संगम द्वारा पुणे में आयोजित 3 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेकर लोटे पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने बताया कि अधिवेशन में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया।
अधिवेशन में देश के विभिन्न प्रदेशो के अलावा दुबई, नेपाल, कांगो, थाईलेण्ड, डेनमार्क, मिडिल ईस्ट यूएई, न्यूजर्सी, जापान से बड़े उद्योगपति, प्रशासनिक अधिकारी, न्यायपालिका क्षेत्र में कार्यरत व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा कई वर्तमान व पूर्व सांसद, विधायक, मंत्री शामिल हुए जिन्होनंे एक स्वर में भारत सरकार के सीएए कानून सम्बंधी निर्णय का समर्थन किया।
शरणार्थी नहीं पुरूषार्थी बनकर कर रहे देश सेवा –
पुणे में 3 से 5 जनवरी तक आयोजित अधिवेशन के प्रथम सत्र को विधायक देवनानी ने सम्बोधित किया। उन्होने कहा कि देश के विभाजन के समय हमें पाकिस्तान द्वारा प्रताड़ित कर खदेड़ा गया। हम भारत में शरणार्थी के रूप में आए, मेहनत मजदूरी कर अपने पैरों पर खड़े हुए और देश व समाज में अपनी पहचान बनाई। अब सिंधी समाज शरणार्थी नहीं पुरूषार्थी बनकर देश की सेवा कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी तरह ही पड़ौसी देशों से प्रताड़ित शरणार्थियों को भारत सरकार द्वारा यहां की नागरिकता देने के लिए सीएए कानून बनाया गया है जो कि सरकार का एक मानवीय कदम है।
देवनानी ने बताया कि अधिवेशन में और भी कई प्रस्ताव पारित हुए। सिंधी भाषा व बोली के लिए नई पीढ़ी को को प्रेरित करने व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सिंधी समाज को आपस में जोड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया । इसके अतिरिक्त बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना, समाज की प्रतिभाओं को मंच उपलब्ध कराना, सामाजिक बुराईयों व कुरीतियों का उन्मूलन करना, अपनी आय की एक फीसदी राशि समाज के लिए भेंट करना, गुजरात की भांति अन्य प्रदेशों में भी अल्पसंख्यक के रूप में विद्यार्थियों को स्काॅलरशिप मिले तथा सभी अपनी पहचान के स्थान पर जाति सिंधी लिखे और धर्म के रूप में हिंदू लिखने के प्रस्ताव पारित किये गये।

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