अजमेर, 11 जनवरी। परिवार नियोजन में नवाचार के रूप में जिले को अग्रणी स्थान दिलाने के लिए शनिवार को जिला कलक्टर श्री विश्व मोहन शर्मा की अध्यक्षता में पुरूष नसबंदी सम्मेलन का आयोजन स्थानीय जवाहर रंगमंच मे किया गया। यह सम्मेलन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया। इसमें पुरूष नसबंदी के बारे मे समाज मे जागरूकता लाने तथा पुरूषों द्वारा पुरूष नसबंदी को स्वीकार करने हेतु प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में पुरूष नसबन्दी क्यों बेहतर, शिशु मृत्युदर को नियन्ति्रत करने एवं कुपोषण उपचार विषय पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रदान किए गए।
डॉ. शर्मा ने कहा कि पुरूष नसबंदी के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए इस सम्मेलन में सम्मानित व्यक्ति ब्रांड एम्बेसेडर की तरह कार्य करेंगे। इससे इनके क्षेत्र में पुरूष नसबंदी के प्रति जागरूकता पैदा होगी। परिवार नियोजन तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत समस्त घटक एक दूसरे से अन्तर्संम्बधिंत है। इस दिशा में कार्य करते हुए समस्त प्रकार की भ्रांतियों के निराकरण की आवश्यकता है। सब मिलकर कार्य करने से बड़ा लक्ष्य भी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। एनएसवी से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है। यह सुरक्षित एवं परिक्षित उपाय है।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस.जोधा ने कहा कि पुरूष नसबंदी सम्मेलन एक नवाचार है। इससे बच्चों में लिंग विभेध कम होगा। सम्पूर्ण जिला परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए प्रेरित होगा। पुरूष नसबंदी चीरा, टांका रहित वेसेक्टेमी पद्धति से सम्पादित होती है। यह नुकसान रहित प्रक्रिया है।
शिशु रोग विभाग के सहायक आचार्य डॉ. महेन्द्र निमेल ने शिशु मृत्यु एवं उसके निवारक उपायों तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की। शिशु मृत्यु दर को 2030 तक कम करके इकाई के अंक तक लाने के लिए सामूहिक प्रयासों को अपनाने पर जोर दिया।
उपखण्ड अधिकारी डॉ. अर्तिका शुक्ला ने कहा कि भारत को 2022 तक कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कुपोषित बच्चों के चिन्हिकरण एवं उपचार की दिशा में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों और एएनएम के डिजटीलिकृत होने से मदद मिलेगी। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ग्रोथ चार्ट की गम्भीरता से मॉनिटरिंग आवश्यक है। इसमें लाल रंग आते ही बच्चे को तुरन्त रैफर करने का अधिकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को है।
ममता संस्था के प्रतिनिधि ने माहवारी स्वच्छता एवं उससे जुड़ी भ्रांतियों के बारे में अपने विचार रखे। माहवारी के दौरान मटकी नहीं छूना, रसोईघर में नहीं जाना, आस्था स्थल पर नहीं जाना, बाल धोने से बचने जैसी भ्रांतियों से दूर रहने के लिए कहा। माहवारी में आचार और पापड़ के साथ अछूत का व्यवहार करना अवैज्ञानिक है। स्वायत शासन विभाग की उपनिदेशक डॉ. अनुपमा टेलर ने एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की महत्ता पर प्रकाश डाला।
पोस्ट वैडिंग सेरेमनी की तरह हुए फोटो शूट
पुरूष नसबंदी अपनाएं हुए 40 से अधिक दम्पत्तियों का सम्मेलन में स्टेज पर बुलाकर सम्मान किया गया। इस दौरान पोस्ट वैडिंग सेरेमनी की तरह उनके फोटो शूट हुए। पति पत्नी ने एक दूसरे को शहनाई की धुन के साथ माला पहना कर अपनी पूरानी यादें ताजा की। भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत महिला ने अपने पति को प्रणाम कर सबकों गद्गद कर दिया। इस दौरान लगातार पुष्प वर्षा होती रही। जिला कलक्टर ने पति को वर की तरह साफा तथा उपवन सरंक्षक श्रीमती सुदीप कौर ने पत्नी को वधु की तरह शॉल ओढ़ाया। दम्पत्तियों ने अपने संस्कारों के अनुसार बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद भी प्राप्त किया। इस पोस्ट वैडिंग फोटो शूट के गवाह उनके बच्चे भी बने। सम्मेलन में भाग ले रही आशाओं एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने क्षेत्र से आए दम्पत्तियों के फोटो शूट को अपना व्हाटसएप स्टेटस बनाया।
प्रेरकों को मिलेंगे पुरस्कार
जिला कलक्टर ने कहा कि मार्च माह तक पुरूष नसबंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। यह एक खुला चैलेंज है। इसमें कार्मिकों एवं अधिकारियों के साथ साथ प्रत्येक नागरिक अपनी भागीदारी निभाकर पुरस्कार प्राप्त कर सकता है। प्रथम पुरस्कार होंडा सीडी 110 सीबीएस मोटर साईकिल है। यह 50 से अधिक पुरूष नसबंदी करवाने वाले प्रेरक को मिलेगा। द्वितीय पुरस्कार टीवीएस एक्सएल एचडी मोपेड 35 से अधिक लक्ष्य प्राप्त करने वालों को प्राप्त होंगे। इसी प्रकार तृतीय पुरस्कार 32 इंच के एलसीडी टीवी रखे गए है। ये टीवी 25 से अधिक केस लाने वालों को मिलेंगे।
पुरूषों की अब है बारी, परिवार नियोजन में भागीदारी, की थीम पर किया सम्मान
कार्यक्रम में जिला कलक्टर द्वारा परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरूष नसबंदी अपनाये हुए दम्पत्तियों का वरमाला कार्यक्रम आयोजित किया गया। पुरूषों को साफा पहनाकर एवं महिलाओं को शॉल ओढाकर स्वागत किया गया। दम्पत्तियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सम्मानित जोड़ो द्वारा नसबंदी से जीवन में आये सुखद अनुभवों को समस्त के समक्ष साझा किया गया। पुरूष नसबंदी अपनाये हुये जोड़ो में पुरूषों ने साफ नकार दिया कि किसी प्रकार की कमजोरी या भारी काम में बाधा आती हों। साथ ही कहा कि हम दौड़ भाग एवं मेहनत का कार्य भी करते है। हम सभी दूत का कार्य करते हुये परिवार कल्याण के क्षेत्र में, समाज में पुरूष की भागीदारी बढायेंगे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के.सोनी ने बताया कि कार्यक्रम में परिवार कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा संस्था, नर्सिंग स्टॉफ, आशा सहयोगिनियों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के परिणामों की समीक्षा के आधार पर पुरस्कृत किया गया। पुरूष नसबंदी प्रेरित करने पर करकेड़ी की आशा श्रीमती कान्ता को 5 हजार का प्रथम एवं कल्याणीपुरा की आशा श्रीमती सुमित्रा को 2 हजार का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया। नर्सिंग स्टाफ के वर्ग में कीटाप की श्रीमती परमेश्वरी देवी ने प्रथम, प्रान्हेडा के श्री रामदयाल मीणा को द्वितीय एवं किराणीपुरा श्रीमती सारमा देवी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
उन्होंने बताया कि महिला नसबंदी के क्षेत्र में प्रेरित करने पर नर्सिंग स्टाफ अलीपुरा की श्रीमती पिस्ता, बूबानी की श्रीमती विमला रावत एवं श्रीमती लक्ष्मी छीपा तथा मीनाक्षी वर्मा को भी सम्मानित किया गया। अंतरा इंजेक्टेबल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले रामनगर, कस्तूरबा, पहाड़गंज, पंचशील, सराधना, ऊंटडा एवं हरमाड़ा स्वास्थ्य केन्द्रों को समारोह में सम्मानित किया गया। पीपीआईयूसीडी के क्षेत्र में कादेड़ा, अरांई, बघेरा, रामसर, केकड़ी, अमृतकौर हास्पीटल ब्यावर, रसूलपुरा एवं अलीपुरा को भी सम्मान मिला। सर्वाधिक संस्थागत प्रसव करवाने के लिए राजकीय महिला चिकित्सलय अजमेर की प्रोफेसर डॉ. पूर्णिमा पचोरी ने सम्मान प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि पुरूष नसबंदी में किशनगढ़ की डॉ. स्वाति सिंंधे, श्री सुनिल टांक एवं केकड़ी के डॉ. लालाराम मीणा एवं श्री श्यामू रस्तोगी को सम्मानित किया गया। पोषण अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने वाली 13 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मान मिला।
कार्यक्रम में उपवन सरंक्षक श्रीमती सुदीप कौर, कोषाधिकारी सुश्री नेहा शर्मा तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक श्री जितेन्द्र शर्मा उपस्थित थे।
उर्स मेले की व्यवस्थाओं के लिए बैठक 20 जनवरी को
अजमेर, 11 जनवरी। उर्स मेला 2020 के अवसर पर प्रबंध एवं अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं के संबंध में बैठक का आयोजन जिला मजिस्ट्रेट श्री विश्व मोहन शर्मा की अध्यक्षता में 20 जनवरी को दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में किया जाएगा। यह जानकारी अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट श्री सुरेश कुमार सिंधी ने दी।