अखिल भारतीय आदर्श जाट माहसभा ने प्रदेश कार्यालय अजमेर मे आज माहाराज सुरजमल जंयती मनाई गयी। जाट माहसभा के अध्यक्ष डॉ. सुबे सिह चौधरी ने माहराजा कि जिवनी पर प्रकाश डाला।वह अखिल भारतीय आदर्श जाट युंवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट विजय पाल चौधरी ने सरकार से वीर साहसी भरतपुर के महाराज सूरजमल के इतिहास और शौर्य की कहानी को स्कूल पाठ्यक्रम मे शामिल करने की मांग की।
अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट विजय पाल चौधरी ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से यह मांग की है कि माहराजा सुरजमल के साहसी इतिहास को स्कूलो के पाठ्यक्रम मे शामिल करे ताकि आने वाली पिढिया इसे साहसी माहराजा को गौरवशाली इतिहास को पेढ सके। ऐडवोकेट विजय पाल चौधरी ने कहा कि महाराजा सुरजमल हिन्दू राजाओं के बिच एक साहसी जाट राजा पैदा हुआ था।
इससे पहले भी यह मांग कही बार उठ चुकी है कि आज भी महाराजा सूरजमल का इतिहास किताबों से गायब है एडवोकेट विजय पाल चौधरी ने मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी पहले केन्द्रीय पाठ्यक्रम मे शामिल करने की मांग की थी।
जाट युंवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट विजय पाल चौधरी नै कहा कि महाराजा सुरजमल का नाम इतिहास मे काभी शुमार था ।लकिने पाठ्यक्रम मे उनकी कहानी आज भी कोसों दुर है। अब अखिल भारतीय जाट माहसभा ने यह मांग उठाई है माहराजा सुरजमल 1700ई. मे मुगलों से लोहा लिया था। वही राजस्थान के चितौड़ किले से लुटकर ले गये दरवाजे भी मुगलों से वापस छीन कर लाये थे।
जब दरवाजे भरतपुर पंहुचे तो माहराजा सुरजमल ने चितौड़ मे दरवाजे भिजवाने का संदेश भेजा था।तो चितौड़ राजा ने धन्यवाद देते हुऐ कहा कि दरवाजा चाहे लेगे या भरतपुर वो राजस्थान कि शान है इसके बाद इने दरवाजो को भरतपुर किले पर लगा दिया यह दरवाजे आज भी इसे किले पर लगे हुए है।इसे जंयती समारोह मे युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप कुड़ी, अमरचंद जी अबासरा, शंकर लाल चौधरी, घनश्याम चौयल, सुनिल चौधरी, रामकिशौर जाट व जाट समाज के सेकडों गण्यमान्य नागरिक उपिस्थत थे