जेएलएन अस्पताल के विकास पर आधी राशि भी खर्च नहीं कर पाई सरकार-देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 24 फरवरी।
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस सरकार पर प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की घोर अनदेखी करने का आरोप लगाया है। देवनानी ने कहा कि केवल वाहवाही लूटने के लिए आम बजट में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं की थोथी घोषणाएं करना किन्तु वर्षभर तय मद पर खर्च नहीं कर उसकी अनदेखी करना कांग्रेस सरकार की असंवेदनशील कार्यप्रणाली को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि शहर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय पर कुल स्वीकृत राशि की आधी राशि भी खर्च नहीं करना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
इस सम्बंध में देवनानी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सोमवार को उनके प्रश्न के जवाब में बताया गया कि अस्पताल का मुख्य भवन 130 वर्ष पुराना है जबकि नया ब्लाॅक भी 50 वर्ष पुराना हो चुका है। वर्ष 2018 से जनवरी 2020 तक 388.65 लाख रूपये जेएलएन अस्पताल के भवन मरम्मत व अन्य विकास कार्यो के लिए स्वीकृत किये गये लेकिन अब तक महज 153.63 लाख रूपये ही खर्च किये गये जो कि अजमेर की जनता के स्वास्थ्य के साथ दोखा है। अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं हेतु स्वीकृत राशि की साठ प्रतिशत राशि अब भी अस्पताल पर खर्च होने के इंतजार में है। उन्होने कहा कि आश्चर्य की बात है कि विभिन्न मरम्मत व इलेक्ट्रिक कार्यो हेतु स्वीकृत राशि को एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है परन्तु उसमें से एक रूपया भी खर्च नहीं किया गया है जबकि अस्पताल के विभिन्न ब्लाॅक मरम्मत मांग रहे है।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर स्पष्ट दिखाई पडता है सरकार अजमेर में ही नहीं सम्पूर्ण प्रदेश की जनता के साथ गुमराह करने का खेल खेला जा रहा है जिसका खमियाजा कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान भूगतना पडेगा।
नेत्र रोग विभाग में नई मशीन का इंतजार
देवनानी ने कहा कि अस्तपताल के नेत्र रोग विभाग को च्वेजमतपवत टपतजमबतवउल डंबीपदम नामक नई मशीन का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस मशीन के अभाव में आंख के परदें के मरीजों का ईलाज नहीं हो पा रहा है। उनके द्वारा लम्बे समय से नई मशीन खरीदने की मांग सरकार से की जा रही है तथा इस सम्बंध में पिछले वर्ष उन्होने विधान सभा में एक याचिका भी प्रस्तुत की थी जिसका ही परिणाम है कि सरकार की ओर से नई मशीन खरीदने की दिशा में कदम तो बढाया गया है। मशीन खरीदने के लिए नवम्बर 2019 में निविदा प्रक्रिया प्रारंभ तो कर दी है लेकिन खदीदने की प्रक्रिया काफी मंदी है।
मेडिकल काॅलेज स्थानांतरण का प्रस्ताव विचाराधीन किन्तु बजट में प्रावधान नहीं
देवनानी ने बताया कि उनके प्रश्न के जवाब में सरकार ने यह भी बताया कि जेएलएन मेडिकल काॅलेज को ग्राम कायड अजमेर में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है परन्तु यह कार्य भूमि आवंटन तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होने पर सम्भव हो पाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार व विस्तार के लिए सरकार द्वारा गम्भीरतापूर्वक प्रयास करते हुए वित्तीय प्रावधान सुनिश्चित किये जाने पर ही यह काम सम्भव हो पाएगा परन्तु इस बजट में भी सरकार ने इसके लिए कोई प्रावधान नहीं रखा है।

साईंस पार्क के निर्माण को अटकाया कांग्रेस सरकार ने
अजमेर, 24 फरवरी।
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने अजमेर के विकास कार्य को लेकर कांग्रेस सरकार पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है। देवनानी ने कहा कि सरकार राजनीति द्वैषता के चलते अजमेर जिले के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। साईंस पार्क के शिलान्यास के सत्रह माह बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं होना इसका जीता जागता उदाहरण है।
विधान सभा के नियम 295 के अन्तर्गत मामला उठाते हुए देवनानी ने कहा कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा अजमेर मंे साईन्स पार्क (उप क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र अजमेर) के निर्माण की स्वीकृति जारी की गई थी जिसका विधिवत शिलान्यास दिनांक 9 सितम्बर, 2018 को किया गया था, परन्तु अत्यन्त खेदजनक स्थिति है कि 17 माह के लम्बे समय के बाद भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आज दिनांक द्वारा इसका निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं कराया जा सका है।
उक्त प्रोजेक्ट हेतु कुल स्वीकृत राशि 15.20 करोड है जिसमें केन्द्र व राज्य सरकार का 50-50 प्रतिशत अंशदान निर्धारित है। राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत राशि का अंशदान उपलब्ध नहीं कराये जाने से इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का काम प्रारम्भ नहीं हो पा रहा है जबकि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार 27 माह की अवधि में कार्य पूर्ण करना है।
उक्त साईन्स पार्क विज्ञान के विद्यार्थियों व शोधार्थियों के साथ ही अजमेरवासियों व पर्यटकों के लिए भी अत्यन्त ज्ञानवर्धक व उपयोगी सिद्ध होगा। राज्य सरकार द्वारा कुछ माह पूर्व उक्त प्रोजेक्ट हेतु अपने अंशदान की 50 प्रतिशत राशि अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत देने के सम्बंध में निर्णय किया गया था, परन्तु अभी तक निर्धारित राशि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को स्थानान्तरण नहीं किये जाने से निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया है जो कि राज्य सरकार की मंशा पर भी प्रश्नचिन्ह उत्पन्न करता है।

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