विदेशी पर्यटकों को तत्काल होटल छोड़ने की सलाह

कोरोना रोग से बचाव ही उपचार है – जिला कलक्टर
अजमेर, 05 मार्च। जिला कलक्टर श्री विश्व मोहन शर्मा ने कहा कि कोरोना रोग से बचाव एवं सावधानियां रखना ही उपचार है। इसमें किसी प्रकार के कौताही नहीं बरती जाए।
जिला कलक्टर गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कोरोना रोग के संबंध में होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए होली उत्सव पर ऎसे आयोजनों को रद्द / स्थगित कर दिया जाए। जहां देशी विदेशी पर्यटक एवं स्थानीय आमजन भी ज्यादा संख्या में सहभागिता की संभावना हो। उपखण्ड अधिकारी भी इस प्रकार के आयोजन की अनुमति प्रदान नहीं करें।
उन्होंने कहा कि होटल व्यावसायी विदेश से आकर ठहरने वाले यात्री की ट्रेवल हिस्ट्री चैक करें। सभी विदेशी यात्री मुख्यतः चीन, हॉगकॉग, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, इटली, ईरान, नेपाल देशाेंं की यात्रा कर ठहरने वालों के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अजमेर के नियंत्रण कक्ष टेलीफोन नम्बर 0145- 2631111 तथा जिला प्रशासन को तत्काल सूचित करें। ताकि कोरोना वायरस के संबंध में तत्काल स्क्रीनिंग की कार्यवाही की जा सके। उक्त विदेशी पर्यटकों के अजमेर जिले में मोबिलाईजेशन को यथा संभव सीमित रखने के लिए यात्री परामर्श सुनिश्चित करें। होटल व्यवसायी उनके होटल के प्रवेश एवं निकास द्वारों पर साफ सफाई सुनिश्चित करें। होटल परिसर के समस्त हिस्सों को राज्य सरकार की गाईडलाइन अनुसार एक प्रतिशत हाइपोक्लोराईड से नियमित तौर पर कीटाणुरहित करें। उन्होंने किशनगढ़ हवाई अड्डे पर भी एक मेडिकल टीम रखने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया। रेलवे स्टेशन पर भी अलग से ऑयसोलेशन रूम बनाने के लिए भी निर्देशित किया। जिला कलक्टर ने सभी को सावधानी बरतने के लिए मास्क का प्रयोग करने तथा हाथ नियमित रूप से धोने की सलाह भी दी।
बैठक में बताया गया कि पुष्कर में इस बार होली पर वराह घाट पर होने वाला कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। साथ ही इसी प्रकार डीजे का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के.सोनी ने बताया कि कोरोना वायरस एक नई फ्लू जैसी बीमारी है। जिसमें खांसी, बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ होती है। ऎसी कोई समस्या होने पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग से सम्पर्क किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस रोग से बचाव के लिए छींकते एवं खांसते समय नाक और मुंह ढककर रखें। कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आने पर अगले 14 दिनों के लिए सबके साथ सम्पर्क सीमित करें तथा अलग कमरे में सोए। ऎसे व्यक्ति नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएं। जिस व्यक्ति में खांसी, बुखार व जुकाम के लक्षण हो उनसे दूरी बनाए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री कैलाश चंद शर्मा, नगर निगम की आयुक्त चिन्मयी गोपाल, उपखण्ड अधिकारी श्रीमती अर्तिका शुक्ला, देविका तोमर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआईडी जोन श्री सुरेन्द्र कुमार, एयरपोर्ट के निदेशक श्री अशोक कपूर, होटल ओनर्स एसोसिएशन पुष्कर के अध्यक्ष श्री रघु पारीक, तीर्थ पुरोहित संघ के श्री गोविंद पाराशर सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता शिविर का आयोजन 12 को
अजमेर, 05 मार्च। उप क्षेत्रीय रोजगार कार्यालय, अजमेर द्वारा आगामी 12 मार्च को ऑटोमेटेड ड्राईवर्स ट्रेनिंग, टेस्टिंग एण्ड स्किल इंस्टीट्यूट, महिला इंजिनियरिंग कॉलेज के सामने, माखोपुरा, अजमेर में कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता शिविर का आयोजन किया जायेगा।
उप क्षेत्री रोजगार कार्यालय के सहायक निदेशक श्री धर्मपाल मीणा ने बताया कि इस शिविर में अन्य नियोजकों के साथ-साथ सुजुकि मोटर्स, गुजरात द्वारा पुरूष आई.टी.आई उत्तीर्ण आशार्थियों की भर्ती की जायेगी। इस हेतु आशार्थी की आयु 18 वर्ष से 23 वर्ष के मध्य, सैकेण्डरी न्यूनतम 55 प्रतिशत अंको से उत्तीर्ण तथा वर्ष 2015 से 2019 के मध्य न्यूनतम 60 प्रतिशत अंको से आई.टी.आई उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
इच्छुक आशार्थी जो उक्त योग्यता रखते हैं तथा इस अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं तो 12 मार्च को प्रातः 09.00 बजे शिविर स्थल ऑटोमेटेड ड्राईवर्स ट्रेनिंग, टेस्टिंग एण्ड स्किल इंस्टीट्यूट, महिला इंजिनियरिंग कॉलेज के सामने, माखोपुरा, नसीराबाद रोड, अजमेर पर अपनी शैेक्षणिक योग्यता के समस्त मूल प्रमाण पत्र, उनकी छाया प्रतियां एवं 2 पासपोर्ट फोटो, आधार कार्ड, पेन कार्ड सहित उपस्थित होवें ।

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह पर मीडिया कार्यशाला आयोजित
घूंघट मुक्त राजस्थान के लिए हुई चर्चा
अजमेर, 05 मार्च। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के अन्तर्गत महिला अधिकारिता विभाग, जिला प्रशासन तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं घूंघट मुक्त राजस्थान विषय पर मीडियाकर्मियों एवं गैर सरकारी संगठनों की कार्यशाला गुरूवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री शक्ति सिंह शेखावत की अध्यक्षता में इंडोर स्टेडियम सभागार में आयोजित हुई।
श्री शेखावत ने कहा कि संविधान ने भारत के नागरिकों को मूल अधिकार एवं कर्तव्य प्रदान किए है। इनके संदर्भ में महिलाओं के प्रति गरिमा एवं सम्मान का भाव रखा जाना चाहिए। कई कुप्रथाओं के कारण हम आधी आबादी की प्रतिभा का शत प्रतिशत उपयोग नहीं कर पाते है। वर्तमान समय में घूंघट प्रथा भी एक कमजोरी है। इस प्रकार की कार्यशालाओं से नवाचार होता है। कुरितियां खत्म करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि महिलाएं अकादमिक, व्यावसायिक एवं तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़ी है। नए न्यायाधीशों में तीन चौथाई से अधिक महिलाएं चयनित होकर नया संदेश दे रही है। घूंघट प्रथा को देश एवं समाज से खत्म करना ही होगा। इस प्रथा से महिलाओं की पहचान सिमट जाती है। इसी प्रकार शारीरिक और मानसिक रूप से अपरिपक्व होने पर भी बाल विवाह करने से दोनो पक्ष ही जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं होते है।
उन्होंने कहा कि कुप्रथाओं के कारण प्रतिभाएं कुंठित हो जाती है। देश के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। घूंघट मुक्त राजस्थान के कार्यक्रम को मिशन के रूप में लेकर कार्य करने की आवश्यकता है। दुष्कर्म और दुराचार महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाते है। पोक्सो अदालतों में प्रकरणों की संख्या बढ़ना सोचनीय विषय है। अपराध से पीड़ित व्यक्ति को सरकार द्वारा प्रतिकर के रूप में सहयोग प्रदान किया जाता है। इस संबंध में समाज को जागरूक किए जाने की आवश्यकता है।
कार्यशाला की मुख्य वक्ता नगरीय निकाय विभाग की उप निदेशक डॉ. अनुपमा टेलर ने कहा कि घूंघट हट जाने पर महिलाएं आकाश छूने में सक्षम है। समाज में बदलाव धीरे – धीरे आता है। सिंधु घाटी सभ्यता में घूंघट का अस्तित्व नही था। वैदिक काल में महिलाएं शास्त्रार्थ में निपूर्ण थी। स्वयंवर का चलन सामान्य था। रामायण और महाभारत काल में भी पर्दा प्रथा नहीं थी। भारतीय समाज में घूंघट का चलन मध्य युग से आरम्भ हुआ। उस समय की मजबूरी पर्दा प्रथा रही होगी। वर्तमान में इसकी आवश्यकता नही है।
उन्होंने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत है। प्रशासन में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। घूंघट महिलाओं के विकास में बाधक है। घूंघट सम्मान प्रदर्शित करने का तरीका नहीं है। सम्मान दर्शाने के लिए सही शब्दो का इस्तेमाल ही काफी होता है। आदिम समुदायों में पूर्ण लैंगिक समानता है। भारत में कई मातृसत्तात्मक समुदाय है। उनमें आज भी स्वयंवर होता है। घूंघट प्रथा की समाप्ति के परिणाम सुखद होंगे। महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक श्री जितेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि घूंघट जैसी कुप्रथाओं के बारे में समाज को शिक्षित करने में मीडिया एवं गैर सरकारी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। निरोगी राजस्थान योजना के साथ घूंघट प्रथा समाप्त करने का अभियान चलाया जाएगा। इससे महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता का रास्ता साफ होगा। घूंघट से महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी, संकोच, फैसले लेने की क्षमता में कमी जैसे नकारात्मक प्रभाव सामने आते है।
इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के उप निदेशक श्री महेश चन्द्र शर्मा, समस्त मीडियाकर्मी एवं गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष 7 को आएंगी
अजमेर, 05 मार्च। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल 7 मार्च को प्रातः 10.30 बजे अजमेर आएंगी। वे यहां महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण विषय पर राष्ट्रीय सेमीनार में भाग लेगी।

error: Content is protected !!