सावित्री गल्र्स स्कूल सरकारी या प्राइवेट?

अजमेर। राजस्थान सरकार भले ही प्रदेश में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के बड़े बड़े दावे करती हो, मगर इन तमाम दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इसकी ताजा मिसाल नजर आई अजमेर के राजकीय सावित्री कन्या विद्याालय में, जिसे राजस्थान सरकार ने हाल ही में अधिगृहीत कर इसके समुचित विकास के कई दावे किये गए थे, मगर एक साल पूरा होने से पहले ही सरकार के सभी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। सरकारी मदद के अभाव में इस स्कूल के पानी-बिजली के बिल के पैसे तक बकाया हो गए हैं, जिनकी वसूली अब स्कूल में पढऩे वाली सत्रह सौ छात्राओं से की जा रही है। स्कूल प्रशासन ने हर एक बालिका को चार सौ रुपये लाकर स्कूल फंड में जमा करवाने का फरमान सुना दिया है।
ज्ञातव्य है कि कुछ महीनों पहले ही खुद केन्द्रीय कंपनी मामलात राज्यमंत्री सचिन पायलट ने सरकारी स्कूल में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी और साथ ही दावा किया था कि इसके विकास में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मगर लगता है पायलट साहब के दावे भी नेताओं की जुबान की तरह थे।
एक ओर जहां स्कूल प्रशासन के फरमान जारी होने के बाद पढऩे वाली सत्रह सौ छात्राओं के परिजन परेशान हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मामला उजागर होने के बाद राजस्थान की शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अखतर ने इसे बेहद गंभीर मानते हुए आदेश जारी कर दिए हैं कि किसी भी छात्रा से कोई वसूली नहीं की जाएगी। साथ ही ऐसा फरमान जारी करने वाले दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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