सफाई महाअभियान के बाद डेरा सच्चा सौदा द्वारा पटेल ग्राउंड में आयोजित रूहानी सत्संग में लाखों लोग ने पहुंचकर जाना राम नाम का महत्व
विदेशियों सहित हजारों लोगों ने लिया गुरुमंत्र, लिया बुराइयां त्यागने का संकल्प
अजमेर जिला प्रशासन व गणमान्य लोगोंं ने सफाई महाअभियान के लिए पूज्य गुरुजी व साध संगत का जताया आभार
अजमेर। स्थानीय पटेल ग्राउंड में डेरा सच्चा सौदा द्वारा रूहानी सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें लाखों की संख्या में लोगों ने शिरकत की। सत्संग के दौरान पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मनुष्य जन्म के असली महत्व ईश्वर,अल्लाह, राम की भक्ति इबादत करके सच्ची मोक्ष मुक्ति पाना बतलाया तथा बताया कि हम सब एक है तथा हमारा मालिक एक हैं। सत्संग के पश्चात पूज्य गुुरुजी ने हजारों लोगों को गुरुमंत्र, नामशबद, मेथर्ड ऑफ मेडिटेशन का तरीका बतलाकर नशे व बुराइयां त्यागने का संकल्प करवाया ।
पूज्य गुरुजी के सत्संग पंडाल में पधारने पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने करतल ध्वनि से पूज्य गुरुजी का स्वागत किया। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने कहा कि सत्संग सर्व धर्म सभा है। सभी धर्म एक ही बात कहते है। धर्म शब्द का मतलब है धारण कर लो, ग्रहण कर लो। जोडऩा। इंसान को इंसान से जोड़ों। इंसान को अल्लाह, वाहेगुरू, राम से जोड़ों। हर धर्म एक ही बात कहता है, इसलिए हम हर धर्म को मानते है, उसका इज्जत सत्कार करते हैं।
सत्संग में पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने अपनी मधुर वाणी में ‘आ के सत्संग में विचार कर ले, मानस जन्म का उद्धार कर ले। प्रभू है तेरा भला करे, मालिक तेरा भला करे, अल्लाह तेरा भला करे। भजन सुनाया, जिस पर साध संगत झूम उठी। भजन की व्याख्या करते हुए पूज्य गुरुजी ने कहा कि सत्संग का अर्थ है सत का मतलब है सच और संग का मतलब है साथ। सच क्या है? सच है औम, हरी, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड। उसके नाम करोड़ों है, अरबों है। वो सच था, सच है और सच ही रहेगा। दूनियां की हर चीज परिर्वतनशील है परंतु मालिक में कोई परिवर्तन नही होता। पूज्य गुरुजी ने कहा कि किसी भी धर्म में नही लिखा कि ईश्वर, अल्लाह, राम किसी से कुछ लेता है। उन्होंने बताया कि ङ्क्षहदू धर्म के अनुसार भगवान से मांगों अच्छी सेहत, अच्छी हवा, अच्छा संतान। भगवान से सबका भला मांगों। इस्लाम धर्म के अनुसार अल्लाह रहमो कर्म का दाता है। वो इतना देता है कि दामन छोटे पड़ जाते हैं। सिख धर्म के अनुसार जो मांगो ठाकुर आपने से, सोई सोई देवे। इंग्लिश सैंट कहते हैं गॉड देता है, लेता नही। पूज्य गुरुजी ने कहा कि हमारे सभी धर्मों में लिखा है ईश्वर, मालिक दाता था, दाता है, और दाता ही रहेगा वो मंगता नही हो सकता। पूज्य गुरुजी ने कहा कि ईश्वर प्राकृति के कण कण में मौजूद है। अल्लाह ताला जर्रे जर्रे में मौजूद, गॉड ईज एवेरी वेयर।
पूज्य गुरुजी ने कहा कि हमारे अवतार पीर फकीर भगवान श्री राम चंद्र जी , कृष्ण जी , इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब, सिख धर्म के दस गुरु साहिब, ईसाई धर्म के पैगंबर ईसामसीह सभी ने मेहनत हक हलाल की करके खाई तथा सबको शिक्षा दी कि कड़ी मेहनत करो, प्रभू, मालिक का नाम जपो।
उन्होंनें कहा कि पाप जुर्म की कमाई बढ़ती तो तेजी से हैं, परंतु डंक भी तेजी से चलाती है। पूज्य गुरुजी ने कहा कि वो पत्थरों में भी जिंदगी दे देता है। उससे मांगोंगे तो वो कोई कमी नही छोड़ता। वो सुप्रीम पॉवर, जिससे सूर्य नक्षत्र, हवाएं, धरती , ग्रह चलते है।
धर्मों को महाविज्ञान बतलाते हुए पूज्य गुरुजी ने कहा कि साईंसिट भी मान चुके है कि हमारे धर्म महाविज्ञान है। धर्मों के अनुसार मनुष्य पूर्णत शाकाहारी है परंतु साईंस ने अब माना है। धर्मों के अनुसार हमारे चारों तरह लाखों जीव जंतु है साईंस अब उन्हे वायरसों और बैक्टिरिया के रूप में मान चुकी है। और उन धर्मों को मानने से आपको आत्मबल आएगा और आत्मबल सफलता की कूंजी है। आत्मबल जिनके अंदर होता है, मंजिले उनके कदम चूूमती है, पहाड़ जैसे कर्म कंकर में बदल जाते हैं तथा कैंसर जैसे असाध्य रोग ठीक हो जाते है। धर्मों का अनुसरण करने का आह्वान करते हुए पूज्य गुरुजी ने कहा कि धर्म तो विरासत में मिल जाते है तथा लोग पहनावे के द्वारा धार्मिक होने का दिखावा भी करते हैं । पूज्य गुरुजी ने कहा कि धर्म को पढ़ों, उसको मानो, उस पर चलो तभी उसका फायदा है। धर्मों के अनुसार दूसरों की निंदा बुरी बात है। अगर निंदा करनी ही है तो अपनी करो।
आत्मबल का महत्व बतलाते हुए पूज्य गुरुजी ने कहा कि आत्मिक शांति और संतुष्टि वाला व्यक्ति दूनियां में सबसे सुखी होता है। आत्मिक सुंष्टि आत्मबल बढ़ाने से आती है और आत्म बल बढ़ता है ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु के नाम से, उसकी भक्ति इबादत से।
पूज्य गुरुजी ने कहा कि ईश्वर, अल्लाह की दया, मेहर, रहमत पाने के लिए कोई धर्म मजहब नही छोडऩा, पहनावा नही बदलना। अपने घर परिवार बच्चों में रहते हुए ईश्वर, अल्लाह, मालिक का नाम जपो तो आप अल्लाह, वाहेगुरु, राम के दर्श दीदार कर सकते है। पूज्य गुरुजी ने कहा कि संगत का असर जरूर पड़ता है। अगर बुराइयों का संग करोगे तो आपके जीवन में दुख तकलीफे आएंगी और अच्छाइयों का संग करोगे तो जीवन सुखी होगा। पूज्य गुरुजी ने कहा कि सत्संग में आने वाला सच्ची मोक्ष का भी अधिकारी बन जाता है।
उन्होंने कहा कि ईश्वर, अल्लाह का नाम जीते जी गम , चिंता परेशानियों से मुक्ति दिलवाता है और मरने के बाद मोक्ष मुक्ति की प्राप्ति का अधिकारी बनाता है यही सच्चा मोक्ष है। जातिपाति व उंच नींच के बारे में पूज्य गुरुजी ने कहा कि मालिक ने बको एक जैसा और एक समान बनाया है। किसी को भी उंचा नीचा नही बनाया। उन्होंने कहा कि क्या उंचे धर्म जात व बड़े वाले कहलाने वाले के सिर पर ताज या छोटे वाले के पूंछ लगी होती है? बडे धर्म वालों की नाडिय़ों में क्या घी दूध बहता है ?और छोटे वालों की नाडिय़ों में पानी या क्यां बड़े धर्म वाले उपर से टपके है? उन्होंनें कहा कि सभी मां के ही गर्भ से पैदा हुए है तथा एक ही मालिक की औलाद है। हम सब एक है और हमारा मालिक एक है। सत्संग के दौरान पूज्य गुरुजी ने बताया कि ईश्वर, अल्लाह, राम के चमत्कार कदम कदम पर देखे जा सकते हैं । उन्होंनें कहा कि जिस प्रकार आपने कपड़ पहना है उसमें सैंकड़ों लोगों के हाथ लगे है। भगवान ने कितने गजब का शरीर बनाया है कहीं भी टांका नही लगाया। पौधों में अलग अलग रंग, अलग अलग डिजाईन। सारी सृष्टि में करोड़ों रंग। पूज्य गुरुजी ने कहा कि सत्संग कारखाना है जहां इंसान बनाए जाते है। दया, रहम धर्मों का पहला असूल। इंसानियत का पाठ पढया जाता है। उपर उठिए अपनी खुदगर्जी से। किसी को दुख दर्द में तडपता देखकर दुखी होना और उसके दुख को दूर करना इसी का नाम इंसानियत है तथा यही सभी धर्मों का सार है।
पूज्य गुरुजी ने कहा कि अपने अवगुण, बुराइयां देखो ताकि वो चली जाए और दूसरों के गुण देखों ताकि वो आ जाएं। पूज्य गुरुजी ने कहा कि भक्त का स्वभाव छाज की भांति होना चाहिए जो कनक इत्यादि को अपने पास रख लें तथा थोथे दानों को उड़ा दे।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व अजमेर में 31 अगस्त 1996 को सत्संग किया गया था, जिसका भजन था ‘लिए जा प्रभू का नाम लिए जा, अमृत नाम रस पिए जा। सत्संग के दौरान पूज्य गुरुजी ने कन्या भू्रण हत्या को महापाप बतलाते हुए कहा कि गउ हत्या को पाप कहा गया है परंतु कन्या भ्रूण हत्या तो महापापों का भी पाप है। उन्होंने बताया कि गर्भ में पल रही निर्दोष बेटियों को मारना महापाप है। पूज्य गुरुजी ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा में ऐसी बेटियों को बचाने के लिए शाही बेटियां बसेरा आश्रम का निर्माण करवाया गया है, जहां 21 बेटियां रह रही हैं। जो सीबीएसई बोर्ड स्कूल में पढ़ रही है तथा शिक्षा के साथ साथ खेलों में भी आगे हैं।
सत्संग के दौरान अजमेर प्रशासन व गणमान्य लोगों ने अजमेर में चलाए गए सफाई महाअभियान के लिए पूज्य गुरुजी का आभार जताया। सत्संग के दौरान पूज्य गुरुजी ने श्रद्धालुओं द्वारा लिख कर पूछे गए सवालों के जबाव देकर उनकी जिज्ञासाएं शांत की।
सत्संग के दौरान श्रद्धालुओं ने पूज्य गुरुजी के वचनों को ध्यान पूर्वक सुना तथा पंडाल में पिन ड्रॉप साईलेंट रहा। पूज्य गुरुजी के प्रभावशाली वचनों को सुनकर रह रह कर पंडाल तालियों से गंूजता रहा। सत्संग के दौरान श्रद्धालुओं ने ‘आ के सत्संग में विचार कर लेÓ, ‘है भाग्य बड़े, जो सत्संग में आ गएÓ, ‘नफरत से दामन बचाते चलो, पे्रम के गुण गीत गाते चलोÓ, ‘सत्संग में क्या मिलता है, सत्संग में आकर देखोÓ, ‘जीवन बीत रहा पर, जीना ना आयाÓ, ‘इस जन्म में ये दो काम करो, इक नाम जपो और प्रेम करोÓ, ‘सत्संग में आना कभी भूल न जानाÓ , ‘सबको संत बड़ा समझाएं, फिर भी समझ ना आएÓ इत्यादि भजन सुनाए।