‘बालकथा चैपाल‘ का हुआ आयोजन

18 वरिष्ठ बाल साहित्यकारों ने प्रस्तुत की रोचक व प्रेरक बाल कहानियांँ
वर्तमान की विपरित परिस्थितियों में भी रचनात्मकता को गति देने और घरों में बैठे बच्चों को श्रेष्ठ बाल कहानियां उपलब्ध करवाने की दृष्टि से कला एवं साहित्य के प्रति समर्पित संस्था ‘नाट्यवृंद‘ ने देश की पहली ‘आॅनलाइन अन्तर्राष्ट्रीय बालकथा चैपाल‘ का आयोजन कर अभिनव प्रयोग किया। संयोजक उमेश कुमार चौरसिया ने बताया कि 18 से 20 अप्रैल तक जुटी इस तीन दिवसीय चैपाल में भारत व नेपाल के प्रतिष्ठित 18 बाल साहित्यकारों ने सहभागिता करते हुए अपनी नयी बाल कहानियों को प्रस्तुत किया। विविध रोचक कथानक और बालसुलभ मनोरंजन से सराबोर सभी कहानियों से कुछ न कुछ प्रेरणा भी मिलती है। गोष्ठी में बालकथाओं पर विस्तृत चर्चा हुई और इन कहानियों को सोशल मीडिया समूहों के माध्यम से स्कूली बच्चों को पढ़ने के लिए उपलब्ध भी कराया गया।
नेपाल के बाल साहित्य प्रतिष्ठान से जुड़े कार्तिकेय घिमिरे ने ‘आशा की कहानी‘, विजय चालिसे ने ‘कासाड़‘, जलेश्वरी श्रेष्ठ ने ‘पिंकी और तितली‘, महेश पौड्याल ने ‘चिड़ियों का घर‘ और वसुश्री पाण्डे ने ‘चिड़ियाखाना‘ कहानियां प्रस्तुत कीं। प्रख्यात बाल साहित्यकार दिल्ली के दिविक रमेश ने उनके लोकप्रिय बालचरित्र लू लू की रोचक कथा ‘लू लू की सनक‘, फरीदाबाद हरियाणा से बाल साहित्य के प्रखर अध्येता व लेखक प्रकाश मनु ने ‘बुद्धु का रिक्शा कमाल‘, केन्द्रीय साहित्य अकादमी से सम्मानित हनुमानगढ़ के गोविंद शर्मा ने ‘एक रात के नींबू‘, हनुमानगढ से ही राजस्थानी बाल साहित्य के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित दीनदयाल शर्मा ने ‘इनाम और सजा‘, जोधपुर से पूर्व न्यायाधीश व अकादमी से सम्मानित मुरलीधर वैष्णव ने ‘मेंढक हँसा‘, सलूम्बर से प्रसिद्ध बालकथाकार विमला भण्डारी ने ‘एक से बढ़कर एक‘, लोकप्रिय स्टोरी टेलर जोधपुर की संगीता सेठी ने ‘पृथ्वी को पड़ता है फर्क‘, अकादमी के बाल साहित्य व नाट्यविधा के पुरस्कारों से सम्मानित उमेश कुमार चौरसिया ने ‘आ गयी परी‘, पटियाला से कुसुम अग्रवाल ने ‘नेहा का छाता‘, हिमाचल प्रदेश से पवन चैहान ने ‘नए अंदाज में होली‘, अजमेर से अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित गोविन्द भारद्वाज ने वर्तमान स्थिति को दर्शाती ‘शहर की सैर‘, बालकथा व स्तंभ लेखिका डाॅ पूनम पाण्डे ने ‘बहूत मनमोहक मोनाल‘, बालप्रेरक शिक्षिका डाॅ चेतना उपाध्याय ने ‘चोट का लाभ‘ बाल कहानियां समूह पटल पर प्रस्तुत कीं।

error: Content is protected !!