महामारी की त्रासदी के समय राजनीति कर रहे हैं

अजमेर ,18 मई ।एक कहावत है उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जो लोग कोविड-19 कोरोना महामारी की त्रासदी के समय राजनीति कर रहे हैं,वही उल्टा दूसरों को समझाने का प्रयास करके राजनीति नहीं करने की सलाह दे रहे हैं व अपने आप को पाक साफ बताने का प्रयास कर रहे हैं । आज के समाचार पत्रों में प्रकाशित विधायक वासुदेव देवनानी का बयान इसी ओर इंगित कर रहा है । देख लिए हैं कि उल्लेखनीय है कि विधायक कोष से एक बार राशि निकालकर जब जिला कलेक्टर राहत फंड में जमा हो जाती है तो उसका उपयोग करने का अधिकार जिला प्रशासन का हो जाता है ना की विधायक का ।
श्री देवनानी ने अपने बयान में यह बताने का प्रयास किया है कि विधायक फंड की राशि कि राहत सामग्री बिना किसी भेदभाव के सभी वार्डों में बटवाई गई या तो माननीय विधायक अपने लिस्टों को सार्वजनिक करें अथवा कोविड-19 के बाद हम सूचना के अधिकार के तहत उन लिस्टो को निकलवा कर सार्वजनिक करेंगे । उससे स्पष्ट हो सकेगा कि उन्होंने इस त्रासदी में भी किस प्रकार एक वर्ग विशेष को जानबूझकर अनदेखा किया है । अगर ऐसा नहीं होता तो श्री वासुदेव देवनानी दो मुही बात नहीं करते ।
एक तरफ तो वह प्रशासन का बचाव कर रहे हैं दूसरी तरफ उसे कांग्रेस समर्थक बता रहे हैं । राजस्थान सरकार में दो बार मंत्री रहे माननीय वासुदेव देवनानी से ऐसी बौखलाहट की उम्मीद कतई नहीं थी । उनको तो भविष्य में सभी को एक दृष्टि से देखते हुए जो वंचित रह गए हैं उनको राहत दिलाने का प्रयास करने हेतु आमजन को भरोसा दिलाया जाना चाहिए था जो उन्होंने अब भी नहीं दिलाया ।
उन्होंने तो चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत चरितार्थ कर दी ।
कांग्रेस नेता सौरभ यादव ने अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष प्रताप सिंह यादव के हवाले से कहा कि चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि सभी का हो जाता है ना वह किसी जाति व वर्ग का रहता है उसे तो किसी वर्ग को अनदेखा किए बिना निष्पक्षता से बिना वर्ग व भेद के सभी को एक दृष्टि से राहत पहुंचानी चाहिए थी, कांग्रेस सदैव सभी को साथ लेकर चलती आई है व निष्पक्ष भाव से सभी को राहत पहुंचाने का प्रयास करती रही है वह आज भी कर रही है । उन्होंने उम्मीद जताई कि अभी तक जो हुआ वह तो जांच का विषय है लेकिन भविष्य में जिला प्रशासन को निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ इस संकट की घड़ी में आमजन को राहत पहुंचानी चाहिए ।
श्री प्रताप यादव पुर्व पार्षद व उपाध्यक्ष अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ,पूर्व पार्षद व सचिव डीसीसी तारादेवी यादव ,सुरेश कुमार लड्डद, सौरभ यादव आदि ने कहा कि इस संकट की घड़ी में भी केंद्र सरकार ने अनुदान के रूप में राजस्थान सरकार को एक पैसा भी अनुदान के रूप में नहीं दिया उल्टे जीएसटी के तहत जो राशि नियमित रूप से उन्हें मिलने चाहिए थी वह भी पूरी नहीं दी, यहां तक कि उन्होंने तो प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए रेलगाड़ी का भी किराया मांग लिया । यह तो कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी है, जिन्होंने प्रवासी भारतीयों को अपने-अपने घर पहुंचाने की जिम्मेदारी कांग्रेस द्वारा वहन करने की बात कही ।
अभी भी 20 लाख करोड़ रुपए की घोषणा मै 70% तो बजट में कोरोना त्रासदी से पहले ही कर दी गई थी व माननीय वित्त मंत्री अभी तक भी यह स्पष्ट नहीं कर पाई है की जमीन के मजदूर व मध्यम वर्ग को ,जो इससे सर्वाधिक पीड़ित है उसे किस प्रकार राहत पहुंचाई जाएगी । करोड़ों का ऋण उद्योगपतियों को देने की बात ही कही जा रही है । ऐसे अनेक उद्योगपति है, जो बैंकों की राशि का गबन करके भारत छोड़कर भाग जाते हैं । बाद में केंद्र सरकार बैंकों के माध्यम से ऐसे लोगों की वह अन्य उद्योगपतियों की ऋण राशि भी माफ कर देती है।
केंद्र सरकार को चाहिए था की कोई ऐसी घोषणा करती जिससे कोरोना की राष्ट्रीय त्रासदी से पीड़ित मध्यमवर्ग व गरीब वर्ग को राहत पहुंचा पाती । लेकिन इस घोषणा से व अभी तक जो वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया गया है वह दूर की कौड़ी ही लगती है ।

( सौरभ यादव )

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