शादियों से निकल न जाए कहीं कोरोना की बारात

ब्याह का धूमधडाका आपको सुनाई नहीं देगा पर बजे का जरूर.. एसडीम आफिस से 29 जून की शादियों के लिए अस्सी जोडों को मंजूरी दी गयी है अकेले अजमेर शहर के लिए… ग्रामीण इलाके अलग है… बिना मंजूरी के भी शादियां हो रहीं हैं.. इस तरह यह संख्या डेढ सौ तक हो सकती है.. पुष्कर के अधिकांश रिसोट बुक हो चुके हैं.. और अजमेर की होटलों व समारोह स्थल अपने अपने पैकेज के हिसाब से आयोजन करवा रहें हैं…. ये वे शादियां हैं जो कोरोना के कारण मार्च अप्रैल में टल गयीं थीं और अब जून के चार माह बाद सावे होने की वजह से की जा रही हैं… जानीमानी हस्तियां अपने सामाजिक रूतबे के हिसाब से ब्याह का बिगुल बजा रहीं हैं… जिसमें से कोरोना का वायरस निकलने का खतरा है बारात के रूप में.. कोविड 19 की शर्तें लागू करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा मंजूरी दी जाती है .. और संबंधित थाना इलाके को उसकी सूचना देते हुए पालना कराने को कहा जाता है… पर यह पाबंदी केवल दिखावे के लिए रह गयी है… 50 की जगह 200 से अधिक लोग ब्याह का आनन्द लेने में डूबे दिखाई दे रहे हैं… रिसोट का आंकडा पांच सौ तक पहुंच रहा है…. महिला संगीत में डीजे बजा कर नाच गाना हो रहा है.. परमिशन रहती है एक दिन की आयोजन होता है दो से तीन दिनों का… ब्याह के सतरंगी नशे में कोविड 19 की पाबंदियाें .सुरक्षा और सावधानियों को तंदूर की भट्टी में झौंक दिया गया है. मास्क कौन लगाए.. सुन्दरता पर पैबंद क्यों लगाएं… जिस लार्जस्केल पर कोरोना को न्यौता दिया जा रहा है.. उससे डर है कि कहीं शादियों से कोरोना की बारात न निकल जाए. पुलिस नियमों की पालना कराने से परहेज करती है. क्योकि दोहरी भूमिका निभाने में ज्यादा फायदा है … प्रभु सब मंगल करे…हरि इच्छा भावी प्रबल

पाबंदियों की प्रमाणित प्रति साथ है…. और आपकी सुरक्षा आपके हाथ है…….
राजेन्द्र याग्निक

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