जिले में टिड्डी दलो का निरतंर हमला

दिनांक 28.06.2020 को अजमेर शहर से पालरा, नारेली, श्रीनगर होती हुये 3ग्1 कि.मी. आकार के टिड्डी दल ने अंराई तहसील के छोटा लाम्बा गांव में पड़ाव डाला। जिला कलक्टर श्री विष्वमोहन शर्मा के निर्देषन में कृषि विभाग द्वारा टिड्डी नियंत्रण कार्य में 1 छोटी फायर ब्रिगेड, 6 टेªक्टर माउंटेड स्प्रेयर, 1 पानी के टेंकर, टिड्डी चेतावनी संगठन के 1 वाहन, 18-20 विस्तार कार्मिको द्वारा 285 हैक्टयर का सर्वे कर 100 हैक्टयर क्षैत्र में 40 लीटर कीटनाषी का प्रयोग किया गया।
सहायक निदेषक कृषि (विस्तार) केकडी श्री मदनलाल रेडिया, कृषि अधिकारी श्री सौरभ गर्ग, कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक श्री गोपाल गैना व क्षेत्र के सहायक कृषि अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक एवं स्थानीय ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग रहा। छोटा लाम्बा सरपंच श्री कानाराम बलाई मौके पर मौजूद रहे।
उपनिदेषक कृषि (विस्तार) ने बताया की टिड्डी नियंत्रण कार्य हेतु उपयोग में लिए जाने वाले टेªक्टर माउंटेड स्प्रेयर के साथ 2 सहायक उपलब्ध कराने पर विभाग द्वारा 2500 की राषि का भुगतान किए जाने का प्रावधान हैं अतः इच्छुक टेªक्टर माउंटेड स्प्रेयर धारक/मालिक टिड्डी पड़ाव वाले गांव अथवा उसके आस पास के गांव में टेªक्टर माउंटेड स्प्रेयर किराये पर उपलब्ध कराना चाहते हैं व पडाव स्थल पर कृषि विभाग की टीम से सम्पर्क कर सकते हैं।

अभी जिले में और नये टिड्डी दल आने की संभावना हैं।
टिड्डी दल राजस्थान,-पाकिस्तान, अफगानिस्तान-पाकिस्तान इत्यादि बलुई मिट्टी वाले क्षेत्रों में अंडे़ देती हैं जिससे छोटे छोटे कीट निकलते हैं और बडे होने पर लाखों करोडों की संख्या में उडान भरते हुए पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान की सीमा में प्रवेष करते हैं। टिड्डी दल में करोडों- अरबो की संख्या में लगभग दो ढाई इंच लंबे कीट होते हैं जो फसलो को कुछ ही घंटों में चट कर जाते हैं। यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं।
अतः किसान भाई टिड्डी दल के आक्रमण के समय निम्न उपाय करें।
1. अपने खतों में आग जलाकर, पटाखे फाडकर, थाली-चम्मच बजाकर, ढोल-नगाडे बजाकर आवाज करें, टिड्डी दल के पीछे-पीछे डीजे या उच्च ध्वनि वाले यंत्र बजाने से भी टिड्डी दल भागता हैं।
2. कीटनाषक रसायनो जैसे क्लोरफायरीफास 20 प्रतिषत ई.सी. 2.5 एम.एल.मात्रा प्रति लीटर पानी, लेम्बडासायहेलाथ्रिन 5 प्रतिषत ई.सी. की 1 एम.एल. मात्रा प्रति लीटर पानी, डेल्टामेथ्रीन 2.8 प्रतिषत ई.सी. की 1 एम.एल. मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर टिड्डी दल के ऊपर छिडकाव करें। कीटनाषक छिडकाव के बाद कम से कम एक सप्ताह तक हरा चारा पषुओं को ना खिलाए।
3. यह टिड्डी दल शाम को 7 से 8 बजे के आस-पास जमीन पर बैठ जाता हैं और फिर सुबह 8-9 बजे के करीब उड़ान भरता हैं अतः इसी अवधि में इनके ऊपर कीटनाषक दवाइयों का छिडकाव करके इनको मारा जा सकता हैं।

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