मै और मेरा मन भगवान का है, गुरू के आर्शीवाद से होता निर्मल – महंत स्वरूपदास

अजमेर, 5 जुलाई- मै और मेरा मन भगवान का है, गुरू के आर्शीवाद से मन निर्मल होता है। देश दुनिया में कोरानावयरस संक्रमण के कारण हो रही बीमारी से छुटकारा पाने की प्रार्थना के साथ गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी को बधाईयां देकर शुभाशीष दी। श्री ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम, अजयनगर के महन्त स्वरूपदास उदासीन ने पावन पर्व की शुरूआत अपने गुरूदेव की मूर्तियों व समाधियों पर महाअभिषेक, अर्चन वंदन से किया एवं इस अवसर पर आयोजित यज्ञ में पूर्ण आहूति देकर सभी के जीवन में मंगल कामना व देश विदेश में खुशहाली का आर्शीवाद दिया।पण्डित चन्द्र स्वरूप ने पूजा करवाई।
सन्त गौतमदास ने सेवाधारियों द्वारा चरण पादूका पूजन के साथ गुरू जी का पूजन का आर्शीवाद प्राप्त किया और देश विदेश में रह रहे श्रृद्धालुओं ने अपने अपने घर में ही मूर्ति के समक्ष पूजा अर्चना कर आॅनलाइन आर्शीवाद प्राप्त किया। महंत स्वरूपदास उदासीन ने यूटयूब से आॅनलाइन संदेश देकर ऐसे संकटकाल में जरूरतमंद परिवारों को राशन सामग्री के सहयोग के साथ उनके स्वरोजगार में सहयोग करने का संदेश दिया व विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री का भी सहयोग देकर उच्च शिक्षा का आर्शीवाद देकर राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया। परिवारों में अपने माता पिता के साथ सनातन संस्कारों को युवाओं तक पहुंचाने का आव्हान किया। सत्यनारायण भगवान की कथा अपने अपने निवास पर की गई।
इस अवसर पर लखमीचंद किशनाणी, गोपी भाई जनवाणी,रमेश कलयाणी, भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, शंकर सबनाणी, दीपक बालाणी, कन्हैयालाल खानचंदाणी, घनश्याम आडवाणी, पार्षद मोहन लालवाणी, खेमचन्द नारवाणी, अशोक तेजवाणी, प्रकाश जेठरा सहित श्रद्धालुओं ने आर्शीवाद प्राप्त किया।

सन्त गौतमदास
मो. 9636674979

error: Content is protected !!