अजमेर। शांतानंद उदासीन आश्रम पुष्कर में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरु शिष्य परंपरा के महत्व का पर्व गुरु पूर्णिमा श्रद्धा उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया। कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं ने नियमों के अनुपालना करते हुए अपने अपने निवास स्थान से ही गुरु पूजन किया। सोशल मीडिया सत्संग, प्रवचन, दर्शन एवं गुरु पूजन के लिए निवेदन किया गया।
विधि विधान से गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाया गया। प्रातः काल हवन शिव अभिषेक कर अर्चन वैदिक मंत्रोचार के साथ किया गया। इस अवसर पर आश्रम महंत शांतानंद जी वह स्वामी हिरदाराम जी की प्रतिमा पर पूजन महंत राम मुनि जी महंत हनुमान राम जी ने पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया उसके उपरांत शिष्यों ने गुरु पूजन किया
महंत राममुनि ने बताया कि गुरु ईश्वर से भी महान है क्योंकि वह ईश्वर तक पहुंचने का रास्ता बताते हैं। गुरु के चरणों में सदैव झुके हुए रहना चाहिए क्योंकि गुरु हमेशा अपने शिष्यों की रक्षा करते हैं। महंत हनुमानराम जी ने बताया कि सदगुरू के चरणों में सेवा करने से परमात्मा को पाना आसान होता है। व्यक्ति को सांसारिक जीवन में गुरू से ज्ञान लेकर परमात्मा के बताये रास्ते पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
कंवल प्रकाश
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