छात्र हितों को राजनीतिक चश्मे से देखना बंद करें कांग्रेस-देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर/अजमेर, 10 जुलाई।
सीबीएससी बोर्ड द्वारा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में तीस प्रतिशत की कटौती पर सवाल खडे करने पर पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि छात्रहित में उठाये गये कदम को भी राजनीतिक चश्में से देखना बेहद शर्मनाक है। देवनानी ने कहा कि केन्द्र द्वारा कोरोना महामारी के चलते सत्र प्रारम्भ होने में हो रहे विलम्ब के कारण छात्रहित में पाठयक्रम में तीस प्रतिशत की कटौती करना एक सराहनीय कदम है। कांग्रेस द्वारा इस विषय पर प्रश्न खडे करना शर्मनाक ही नहीं निंदनीय भी है। राज्य सरकार को इस मामले को राजनीतिक रंग देने के बजाय पाठ्यक्रम में तीस प्रतिशत की कटौती कर प्रदेश के छात्रो को राहत देनी चाहिए। देवनानी ने यह बात शुक्रवार को जयपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
देवनानी ने कहा कि सीबीएससी वर्षभर पढाये जाने वाले पा्ठयक्रम का कैलेण्डर तैयार करता है। उसमें से अंतिम तीस प्रतिशत पाठयक्रम को कम किया गया है क्योंकि कोरोना महामारी के चलते सौ प्रतिशत पाठयक्रम पूरा कराया जाना संभव नहीं है। पाठयक्रम में कटौती केवल इस सत्र के लिए है। कोरोना समाप्त होते ही अगले सत्र से सम्पूर्ण तय कोर्स पढाया जाएगा। बोर्ड द्वारा यह स्पष्ट करने के बावजूद कांग्रेस व वामपंथी दलों द्वारा इस निर्णय पर सवाल खडे करना उनकी ओछी राजनीति को दर्शाता है।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र एवं विविधता, विमुद्रीकरण, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता, भारत के पड़ौसियों से रिश्ते, भारत में सरकारों के विकास आदि जिन हटाये गये विषयों को लेकर विरोध किया जा रहा है उनका उन्होंने कभी भी समर्थन नहीं किया। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का संघवाद में कभी विश्वास नहीं रहा। जनता द्वारा चुनी केन्द्र सरकार के बनाये कानून को नहीं मानना कांग्रेस शासित राज्य सरकारों की नीति है। केन्द्र की देशहित की नीतियों पर भी प्रश्न खडे करना कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों से कोई सीखे। राष्ट्रवाद में कांग्रेस का कभी विश्वास नहीं रहा। कांग्रेस ने वीर सावरकर जैसे क्रांतिकारियों से जुडे पाठों को पाठयक्रम से हटाया। प्रताप महान की बजाए सालों तक अकबर महान को पढाते रहे। प्रदेश सरकार आज भी प्रताप के शौर्य को कम करने के लिए आमाद है। हल्दीघाटी युद्ध में प्रताप की विजय को लेकर कांग्रेस जनता को भ्रमित कर राष्ट्रवाद का माखौल उडा रही है। नागरिकता संशोधन बिल का कांग्रेस ने समर्थन नहीं किया। चीन और पाक जैसे दुश्मन देशों की भाषा राहुल गांधी बोल रहे है। कांग्रेस और चीन की वामपंथी दल के बीच एमओयू होना एवं राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से फण्डिंग होने की बात जगजाहिर है। वे पिछले सत्तर सालों में धर्मनिर्पेक्षता के नाम पर तुष्टीकरण करते रहे। ओछी राजनीतिक परिवेश में पली-बढी कांग्रेस को राष्ट्रवाद एवं धर्मनिरपेक्षता की बात करने का नैतिक आधार पर कोई हक नहीं है।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस को जो करना चाहिए वो नहीं कर रही है। राज्य सरकार छात्रहितों को देखते हुए सभी कक्षाओं के पाठयक्रम में तीस प्रतिशत तक की कमी करें ताकि प्रदेश के छात्रों को राहत मिले लेकिन यह प्रदेश का दुर्भाग्य ही है कि कांग्रेस का इस तरफ अभी तक कोई ध्यान नहीं है।
कांग्रेस का दौहरा चरित्र-
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हमेशा से ही दौहरा चरित्र रहा है जो पाठयक्रम कम करने के मामले में भी सामने आया है। एक तरफ सरकार प्रदेश में 10वीं व 12वीं कक्षाओं की बकाया बोर्ड परीक्षाएं कोरोना खतरे के दौरान भी कराती है, वहीं दूसरी तरफ सीबीएससी द्वारा छात्रहित में तीस प्रतिशत पाठयक्रम कम करने पर सवाल उठाती है जो कांग्रेस की संकुचित मानसिकता एवं दौहरे चरित्र का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
तीन माह की फीस माफ करें-
उन्होंने कहा कि करोना के कारण निश्चित रूप से अभिभावकों की आर्थिक स्थिति पहले से कमजोर हुई है। अभिभावक अभी भारी-भरकम फीस देने में असमर्थ है। सरकार छात्रों की फीस स्थगित करने की बजाय तीन माह की फीस एवं वाहन किराया माफ करने का आदेश निकाल छात्र और अभिभावकों को राहत दे साथ ही सरकार निजी शिक्षण संस्थाओं को पाबंद कर अध्यापकों को तीन माह का पूरा वेतन दिलाना भी सुनिश्चित करायें।

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