* कांग्रेस नेता व मानव अधिकार परिषद के अध्यक्ष शैलेश गुप्ता ने जिलाधीश अजमेर को पत्र लिखकर अजमेर जिले में खुलेआम जमाखोरों द्वारा खाद्य सामग्री की जमाखोरी को रोकने की मांग करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि दिसंबर जनवरी में किसानों ने आलू और प्याज की बम्पर पैदावर हुई थी किसानों ने खुले आम फेंके थे , ट्रैक्टरों से कुचल दिए थे जिसकी वीडियो और समाचार पत्रों में खूब खबरें आई। ऐसा क्या कारण रहा कि आलू और प्याज आलू ₹30 से ₹35 किलो प्याज 20 से ₹25 किलो। बाजार में बेचे जा रहे हैं जबकि किसान को इसका मूल्य 3 से ₹4 तक ही मिलता है। शैलेश गुप्ता ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य नहीं मिलता है। बड़े-बड़े व्यापारी मंडी के आढ़तिये उनसे सस्ते दामों पर। आलू व प्याज खरीद लेते हैं और उन्हें कोल्ड स्टोरेज में ट्रक के ट्रक रखवा लेते हैं और ऐसा माहौल बनाया जाता है कि सप्लाई की कमी है जबकि आलू प्याज तो किसान इतना पैदा करते हैं। जिसके कारण उनको फसल का पूरा मूल्य नहीं मिल पाता और उनकी आंखों में आंसू आते हैं। अब तो प्याज भी निर्यात नहीं होता है उस पर भी रोक लगा दी है सरकार ने ,पिछले 6 माह से शादी समारोह नहीं हो रहे है जिसके कारण आलू प्याज के कम पड़े फिर भी इन व्यापारियों ने ऐसा माहौल बना दिया है कि आलू प्याज की तंगी है और इसके मूल्य आसमान को छू रहे हैं।
ऐसी कोई सब्जी नहीं जिसमें आलू प्याज नहीं डालते हो और रोजाना घरों में काम आने वाली सब्जी है। मध्यम वर्ग व मजदूर वर्ग। इस बढ़ोतरी से बहुत ज्यादा परेशान है। संबंधित विभाग कुंभकर्ण नींद में सोया हुआ है। उसे कोई मतलब नहीं है कि बाजारों में कितनी कालाबाजारी हो रही है अब तो कालाबाजारी रोकने वाले विभाग का नाम ही अतीत के पन्नों में खो गया है। कांग्रेस नेता शैलेश गुप्ता ने। जिलाधीश से एक टास्कफोर्स बनाने की मांग की है जो इन जमाखोरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें और इन कोल्ड स्टोरेज पर छापे मारकर के जो जमाखोरी हो रही है। उसको रुकवा करके आम जनता को आलू प्याज! 5 से ₹7 किलो दिलवाने की।