प्रदेश में संवैधानिक संस्थाओं की सुरक्षा खतरे में: देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 24 जुलाई।
पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने आज के हालातों में प्रदेश में संवैधानिक संस्थाओं की सुरक्षा को खतरे में बताते हुए कहा कि जब सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री खुद ही हाथ खींच रहे है तब अराजकता की ओर बढ़ते माहौल को प्रदेश में कौन रोकेगा।
देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत का अपने विधायक एवं मंत्रियों के साथ राजभवन में धरने पर बैठना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। आज तक के इतिहास में पहले कोई मुख्यमंत्री इस तरह धरने पर नहीं बैठे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजभवन को अखाड़ा ना बनाए तथा मुख्यमंत्री राज्यपाल को तत्काल विधान सभा का सत्र बुलाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। हाइकोर्ट द्वारा विधान सभा अध्यक्ष के नोटिस पर रोक लगाने तथा केन्द्र सरकार को भी इस मामले में पक्षकार बनाने के आदेश जारी करने पर बौखलाई कांग्रेस धरने-प्रदर्शन पर उतारू हो गई जबकि मुख्यमंत्री बार-बार यह कह रहे है कि उनके पास बहुमत है तथा उनसे बहुमत साबित करने के लिए कोई कह भी नहीं रहा तो फिर आनन-फानन में विधान सभा का सत्र क्यों बुलाना चाहते है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी अंदरूनी कलह को संभालने में असफल रहने पर बेवजह भाजपा को बीच में घसीट रही है। कांग्रेस द्वारा भाजपा पर उनके 19 विधायकों को बंधक बनाने के बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे है जबकि खुद विधायकों द्वारा इसका खण्डन किया जा चुका है। हकीकत तो इसकी उलटी है जो जनता के सामने भी है कि खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने पिछले कई दिनों से लगभग 100 विधायकों को होटल में बंधक बना रखा है।
देवनानी ने कहा कि केवल पायलट से बदला लेने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश की 8 करोड जनता को आग में झोंक दिया है। कांग्रेस की आंतरिक लड़ाई में प्रदेश में शासन पूरी तरह ठप्प पड़ा है व अराजकता का माहौल उत्पन्न हो रहा है। चारो ओर कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है और सरकार कहीं नजर नहीं आ रही। जनता पानी, बिजली, चिकित्सा जैसी सुविधाओं के लिए तरस रही है तो कानून व्यवस्था बिगड़ी पड़ी है।

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