केकड़ी 10 नवंबर(पवन राठी) केकड़ी में चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। चिकित्सा विभाग कोरोना को लेकर कितना गंभीर है यह इस लापरवाही के बाद सामने आ गया है। लापरवाही भी ऐसी जिसने अब क्षेत्र के हज़ारों लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। किसी आम इंसान के साथ यह लापरवाही होती तो शायद मुश्किल इतनी बड़ी नही रहती, मगर लापरवाही हुई है यहां के सबसे बड़े प्रशासनिक अधिकारी के साथ। पूरा मामला यहां के एसडीएम सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित की कोविड जांच से जुड़ा है। दरअसल शनिवार को उपखंड अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने अपनी तबियत खराब होने के चलते कोरोना की जांच करवाई थी और अपने आप को कॉरन्टीन कर लिया था। सोमवार सुबह पुरोहित को उनके मोबाइल पर चिकित्सा विभाग का ऑफिसियल मेसेज आया जिसमे उन्हें बताया गया कि उनकी कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है। जिसके बाद एसडीएम पुरोहित फिर काम पर लौट आये और दफ्तर पहुंच गए। सोमवार को पंचायत समिति चुनावों के नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था,जिसके चलते पुरोहित ने मुश्तैदी से अपना कार्य संभाल लिया और पूरे दिन नामांकन दाखिल करने आये प्रत्याशियों से उनके नामांकन पत्र प्राप्त किये। इस दौरान प्रत्याशियों के साथ बड़ी संख्या में आये उनके समर्थक भी उपखंड अधिकारी के संपर्क में आये। शाम होते होते उपखंड अधिकारी पुरोहित के मोबाइल चिकित्सा विभाग के एक उच्च अधिकारी का फोन आता है जो उन्हें उनकी रिपोर्ट में कुछ डाउट होने की बात कहता है। इस पर पुरोहित द्वारा उन्हें कहा जाता है कि क्या डाउट है आप साफ-साफ बताइए। जिसके बाद चिकित्सा विभाग के उन अधिकारी द्वारा पुरोहित हो बताया जाता है कि उनकी कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। जिसके बाद उपखंड अधिकारी असमंझस की स्थिति में आ गए कि सुबह रिपोर्ट नेगेटिव और शाम को पॉजिटिव कैसे आ सकती हैं। उपखंड अधिकारी की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की खबर के तुरंत बाद प्रशासनिक विभाग द्वारा यहां दूसरे कार्यवाहक एसडीएम को नियुक्त कर दिया जाता है। मगर चिकित्सा विभाग की लापरवाही ने न सिर्फ एसडीएम पुरोहित की चिंता बढ़ाई है बल्कि उन सभी लोगों की चिंता बढ़ा दी है जो पूरे दिन उनके संपर्क में आये। चिकित्सा विभाग की इस बड़ी लापरवाही ने इस बात को भी उजागर कर दिया है कि वे कोरोना को लेकर कितने गंभीर है। हालांकि इस मामले में एसडीएम पुरोहित का कहना है कि जो भी नामांकन पत्र दाखिल करने आये उनसे उन्होंने उचित दूरी बनाए रखी थी। मगर कहीं न कहीं सभी विभागों के अधिकारी,कर्मचारी,नामांकन प्रक्रिया से जुड़े लोग व प्रत्याशियों के साथ आये लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनके संपर्क में तो जरूर आये ही है। अब सवाल उठता है कि यदि उपखंड अधिकारी के संपर्क में आये व्यक्तियों में से कुछ लोग भी यदि संक्रमित हो जाते है तो वे कितने लोगों को ओर संक्रमित कर सकते है। कहीं केकड़ी में एक दफा फिर से कोरोना विस्फोट तो नही हो जाएगा??? और यदि ऐसा हुआ तो उस स्थिति का जिम्मेदार कौन होगा???
आम जनता की सुरक्षा का जिम्मेदार कौन-
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इस पूरे मामले में गंभीर बात यह है कि जिन 49 प्रत्याशियों ने सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल किए वे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पॉजिटिव हुए उपखंड अधिकारी के संपर्क में आये हैं और अब चुनाव प्रचार के दौरान वे क्षेत्र में हज़ारों लोगों के संपर्क में आएंगे,यह भी तय हैं। यह सर्व विदित है कि चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है,न ही सोशियल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही है न ही मास्क लगाने की। ऐसे में क्षेत्र के उन हज़ारों लोगों में अब संक्रमण फैलने का खतरा बन गया है। अब आम जनता की सुरक्षा का जिम्मेदार कौन है यह बड़ा सवाल हैं।
देविका तोमर बनी नई SDM
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जिला प्रशासन द्वारा तत्त्काल अजमेर से देविका तोमर को केकड़ी लगाया गया है।उन्होंने केकडी पंहुच कर अपना कार्य भार ग्रहण भी कर लिया है।