श्रमिकों के बच्चे मेरिट में आने पर मिलेंगे एक लाख रूपए

अजमेर, एक जनवरी। श्रमिकों के परिजनों को लाभान्वित करने के दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने श्रमिकों के बच्चों के मेरिट में आने पर एक लाख रूपए की सहायता देने का प्रावधान किया है।

श्रम विभाग के सहायक श्रम आयुक्त श्री विश्वेश्वर चौधरी ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। वर्तमान सरकार द्वारा इस संबंध में 6 नवीन योजनाओं की अधिसूचना जारी की गई है।

उन्होंने बताया कि निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना के अन्तर्गत पात्र हिताधिकारी के मेधावी पुत्र अथवा पुत्री के द्वारा बोर्ड परीक्षा 10 वीं व 12 वीं की प्रथम 10 की मेरिट में आने वालों को 4000 अथवा 6000 के स्थान पर एक लाख रूपये देने का प्रावधान किया गया है। निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए आयोजित प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन योजना में एक लाख रूपये व राजस्थान प्रशासनिक सेवा के लिए आयोजित प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर पचास हजार रूपये देने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि निर्माण श्रमिक के बच्चों का आईआईटी अथवा आईआईएम में प्रवेश मिलने पर ट्यूशन फीस की पुर्नभरण योजना में श्रमिक द्वारा जमा करवाई गई ट्यूशन फीस का पुर्नभरण मण्डल द्वारा किया जाएगा। निर्माण श्रमिक अन्र्तराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने अथवा पदक जीतने वाले प्रतिभागियों को 2 लाख रूपये से 11 लाख तक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि निर्माण श्रमिकों को विदेश में रोजगार के लिए वीजा जारी होने पर होने वाले व्यय का अधिकतम 5000 रूपये तक पुर्नभरण का प्रावधान किया गया है। निर्माण श्रमिकों के लिए वित्तीय संस्थाओं द्वारा अधिकतम 5 लाख रूपए तक स्वीकृत ऋण पर ब्याज का पुर्नभरण मण्डल द्वारा किया जाएगा।

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